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अनामिका कांड: दस्तावेजों की डुप्लीकेट कॉपी को धुंधला कर कराते थे शिक्षक पद पर नियुक्ति

यूपी में फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला मामले में नया खुलासा सामने आया है. एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि दस्तावेजों की डुप्लीकेट कॉपी बनाई जाती थी. जिसमें फोटो को धुंधला कर नियुक्ति के दिखाया जाता जाता था और कई बार तो सिर्फ दस्तावेजों की फोटोकॉपी दिखाकर ही नियुक्ति करा दी गई.

यूपी में फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला मामला
यूपी में फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला मामला
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Published : Jun 12, 2020, 6:02 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 25 कस्तूरबा गांधी विद्यालय में फर्जी शिक्षक नियुक्ति मामले को लेकर एसटीएफ जांच कर रही है. एसटीएफ ने जहां फर्जी शिक्षकों के संदर्भ में जानकारी जुटाई है, वहीं दूसरी ओर इस ओर भी जानकारी जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं कि आखिर अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों का प्रयोग कर किस तरह से कस्तूरबा विद्यालय में फर्जी तरह से नौकरी दी गई.

जांच में पता चला है कि फर्जी दस्तावेजों की मदद से 25 जनपद में शिक्षक पद पर नियुक्ति कराई गई है और दस्तावेजों का सही तरह से सत्यापन नहीं किया गया. ऐसे में विभागीय कर्मचारियों अधिकारियों की मिलीभगत की भी आशंका है. ऐसे में एसटीएफ फर्जी शिक्षिकाओं की नियुक्ति करने वाले रैकेट के साथ विभागीय कर्मचारियों अधिकारियों की मिलीभगत की जांच कर रही है

अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों का प्रयोग कर कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नौकरी दिलाने वाले मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र उर्फ राज के भाई जसवंत को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया है. पुष्पेंद्र फर्जी डिग्री की मदद से नौकरी दिलाने का रैकेट चलाता है. अब तक की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि पुष्पेंद्र ने ही राज बनकर सुप्रिया को अनामिका के डॉक्यूमेंट की मदद से नौकरी दिलाई थी.

जांच एजेंसियां सक्रिय

अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों के आधार पर उत्तर प्रदेश के 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में फर्जी तरह से नौकरी करने के मामले के उजागर होने के बाद, जहां विभाग और पुलिस इस मामले में जांच कर रही थी, वहीं अब दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर एसटीएफ, आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो), विजिलेंस भी सक्रिय है. अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षिका मामले में जानकारी जुटाने के लिए आईबी की एक टीम गोंडा पहुंची थी.

आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश के 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों के आधार पर शिक्षिका के पद पर नियुक्ति की गई. नियुक्ति के दौरान अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों का प्रयोग किया गया, लेकिन नौकरी किसी दूसरी महिला को दे दी गई और उसके खाते में वेतन का भुगतान भी किया गया. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में उजागर हुए इस घपले के बाद पुलिस सहित तमाम जांच एजेंसियां सक्रिय हैं.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 25 कस्तूरबा गांधी विद्यालय में फर्जी शिक्षक नियुक्ति मामले को लेकर एसटीएफ जांच कर रही है. एसटीएफ ने जहां फर्जी शिक्षकों के संदर्भ में जानकारी जुटाई है, वहीं दूसरी ओर इस ओर भी जानकारी जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं कि आखिर अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों का प्रयोग कर किस तरह से कस्तूरबा विद्यालय में फर्जी तरह से नौकरी दी गई.

जांच में पता चला है कि फर्जी दस्तावेजों की मदद से 25 जनपद में शिक्षक पद पर नियुक्ति कराई गई है और दस्तावेजों का सही तरह से सत्यापन नहीं किया गया. ऐसे में विभागीय कर्मचारियों अधिकारियों की मिलीभगत की भी आशंका है. ऐसे में एसटीएफ फर्जी शिक्षिकाओं की नियुक्ति करने वाले रैकेट के साथ विभागीय कर्मचारियों अधिकारियों की मिलीभगत की जांच कर रही है

अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों का प्रयोग कर कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नौकरी दिलाने वाले मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र उर्फ राज के भाई जसवंत को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया है. पुष्पेंद्र फर्जी डिग्री की मदद से नौकरी दिलाने का रैकेट चलाता है. अब तक की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि पुष्पेंद्र ने ही राज बनकर सुप्रिया को अनामिका के डॉक्यूमेंट की मदद से नौकरी दिलाई थी.

जांच एजेंसियां सक्रिय

अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों के आधार पर उत्तर प्रदेश के 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में फर्जी तरह से नौकरी करने के मामले के उजागर होने के बाद, जहां विभाग और पुलिस इस मामले में जांच कर रही थी, वहीं अब दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर एसटीएफ, आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो), विजिलेंस भी सक्रिय है. अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षिका मामले में जानकारी जुटाने के लिए आईबी की एक टीम गोंडा पहुंची थी.

आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश के 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों के आधार पर शिक्षिका के पद पर नियुक्ति की गई. नियुक्ति के दौरान अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों का प्रयोग किया गया, लेकिन नौकरी किसी दूसरी महिला को दे दी गई और उसके खाते में वेतन का भुगतान भी किया गया. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में उजागर हुए इस घपले के बाद पुलिस सहित तमाम जांच एजेंसियां सक्रिय हैं.

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