लखनऊ: विवाह मुहूर्त आज यानि 22 अप्रैल से शुरू हो गये हैं, लेकिन कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण शायद बारात नहीं उठ सकेगी. पंडित भी यजमानों को विवाह जाड़े तक स्थगित करने की सलाह दे रहे हैं. अलीगंज स्थित स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र के आचार्य एस. एस. नागपाल ने बताया कि तीन माह से अधिक समय के इंतजार के बाद 22 अप्रैल से मांगलिक कार्य शुरू हो रहे हैं. 13 दिसंबर तक विवाह के शुभ मुहूर्त हैं. उन्होंने बताया कि अप्रैल से दिसंबर के बीच विवाह के 62 मुहूर्त बन रहे हैं.
पिछली 3 महीने नहीं थी लग्नें
ज्योतिषाचार्य नागपाल ने बताया कि इससे पहले 19 जनवरी से 15 फरवरी तक गुरु तारा अस्त रहा. फिर 17 फरवरी से 17 अप्रैल तक 60 दिन शुक्र तारा अस्त हो गया. वहीं 14 मार्च से शुरू हुआ मीन खरमास रहा, जो 14 अप्रैल तक रहा, जिसके कारण विवाह आदि मांगलिक कार्यों के लिए जनवरी, फरवरी, मार्च और 21 अप्रैल तक कोई शुभ मुहूर्त नहीं बना सका. 22 अप्रैल से विवाह आदि कार्य प्रारंभ हो रहे हैं. 22 अप्रैल से शुरू हो रहे विवाह के मुहूर्त 15 जुलाई तक रहेंगे.
देवशयनी एकादशी से पुनः बंद हो जाएंगी लग्नें
20 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चतुर्मास शुरू हो जाएंगे. चतुर्मास 15 नवंबर तक रहेगा. इस बीच भी विवाह आदि कार्य नहीं होंगे.
वर्ष-2021 के विवाह मुर्हूत
- अप्रैल- 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30
- मई- 1, 2, 3, 7, 8, 9, 12, 13, 14, 19, 20, 21, 22, 24, 26, 27, 28, 29, 30
- जून- 3, 4, 5, 11, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 24, 26
- जुलाई- 1, 2, 6, 7, 12, 13, 15
- नवम्बर- 20, 21, 26, 27, 28, 29, 30
- दिसम्बर- 1, 2, 5, 7, 12, 13
पंडित अनिल कुमार पांडेय बताते हैं कि कोरोना महामारी के कारण यजमान विवाह का मुहूर्त और तारीख जाड़े तक स्थगित करवा रहे हैं, क्योंकि सभी सहमे हुए हैं और कोई खतरा नहीं लेना चाहता है. पंडित मंगल पाधा भी बताते हैं कि लोग हमसे आगे का मुहूर्त निकलवा रहे हैं और हम भी यही सलाह दे रहे हैं.