लखनऊ: राजधानी में कोविड वैक्सीनेशन का ड्राईरन शुरू हो गया है. केजीएमयू के कलाम सेंटर में दो कोविड वैक्सीनेशन साइट बनाई गई है. यहां पर 25-25 लोगों पर ट्रायल करना है. अब तक दोनों सेंटर पर आठ-आठ लाभार्थियों पर ट्रायल किया जा चुका है.
लखनऊ में शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान दो वैक्सीन को अनुमति मिली है. जल्द ही उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन शुरु होगा. वैक्सीनेशन को लेकर उत्तर प्रदेश कितना तैयार है, यह समझने के लिए मंगलवार को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कोविड-19 वैक्सीनेशन कर ड्राईरन (पूर्वाभ्यास) किया जा रहा है.
वैक्सीनेशन साइट पर तैनात हैं छह वैक्सीनेशन ऑफिसर
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पूरे उत्तर प्रदेश में हर जिले में छह कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं. राजधानी लखनऊ में 12 कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं. हर वैक्सीनेशन साइट पर छह वैक्सीनेशन अधिकारी तैनात हैं, जिसमें से दो वैक्सीनेटर हैं और चार वैक्सीन अधिकारी हैं. छह कर्मचारियों में से चार कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग के हैं और दो कर्मचारी पुलिस विभाग के हैं. छह में से दो कर्मचारी वैक्सीनेटर हैं, जो वैक्सीनेशन का काम करेंगे, वही चार अन्य कर्मचारी वैक्सीन अधिकारी के तौर पर सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे.
दस बजे से शुरू हुआ ड्राईरन
शेड्यूल के तहत सुबह नौ बजे वैक्सीनेशन अधिकारी वैक्सीन बॉक्स के साथ कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर पर पहुंचें, जहां पर दस बजे वैक्सीनेशन शुरू किया गया. राजधानी लखनऊ में 12 वैक्सीनेशन सेंटर पर लगभग तीन सौ लाभार्थियों पर वैक्सीनेशन का पूर्वाभ्यास किया जाएगा.
कोविड-19 वैक्सीन की दी जाएंगी दो डोज
ड्राईरन के दौरान वैक्सीनेशन की प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है. वैक्सीनेशन के लिए एक प्रक्रिया निर्धारित की गई है, जिसके तहत वैक्सीनेशन का काम किया जाएगा. कोविड-19 का टीका दो बार में लगेगा. एक बार टीका लगने के बाद 28 दिनों बाद टीके की दूसरी खुराक दी जाएगी. इसके लिए बाकायदा लाभार्थी को एक वैक्सीन कार्ड दिया जा रहा है. पहली डोज देने पर कार्ड पर डोज़ की तारीख अंकित की जाएगी. 28 दिन बाद दूसरी डोज़ उसी कार्ड पर अंकित निर्धारित डेट पर दी जाएगी.
सबसे पहले हो रहा सत्यापन
कोरोना वायरस वैक्सीनेशन के दौरान सबसे पहले कोविड-19 सेंटर पर पहुंचने वाले लाभार्थियों का सत्यापन किया जा रहा है. यह सत्यापन कोविड-19 टीम में मौजूद वैक्सीनेशन ऑफिसर द्वारा किया जा रहा है.
वेटिंग एरिया में पहचान पत्र की हो रही जांच
सत्यापन का कार्य पूरा होने के बाद लाभार्थी को वेटिंग हॉल में भेजा जा रहा है, जहां पर लाभार्थी अपनी बारी का इंतजार करते हैं, जिसके बाद लाभार्थी के पहचान पत्र व अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है. दस्तावेजों की जांच के बाद लाभार्थी को वैक्सीनेशन के लिए वैक्सीनेशन एरिया में भेजा जाता है.
वैक्सीनेशन ट्रायल
वैक्सीनेशन एरिया में पहुंचने के बाद लाभार्थी के दस्तावेजों की जांच की जाने के बाद यह सुनिश्चित करने के बाद की लाभार्थी वैक्सीनेशन के लिए पूरी तरह से फिट है. उसे वैक्सीनेशन की पहली डोज दी जा रही है. डोज देने के तुरंत बाद कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर बनाए गए पोर्टल पर लाभार्थी का डाटा अपडेट किया जाता है.
वैक्सीनेशन के बाद 30 मिनट तक रुकना होगा ऑब्जर्वेशन रूम में
वैक्सीनेशन होने के बाद लाभार्थी को ऑब्जर्वेशन रूम में भेजा जाता है. ऑब्जर्वेशन रूम में लाभार्थी को आधे घंटे तक रखा जाता है और यह देखा जाता है कि उसके शरीर पर वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट तो नहीं पड़ रहा.
साइड इफेक्ट हुआ तो होगा तत्काल इलाज
वैक्सीनेशन के बाद अगर कोई साइड इफेक्ट होता है तो तत्काल प्रभाव से अस्पताल में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. इसके लिए अस्पताल में अलग से व्यवस्था की गई है.
राजधानी लखनऊ के इन अस्पतालों में बनाए गए हैं कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर
- किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय
- संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट पीजीआई
- डॉ राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय
- सहारा हॉस्पिटल
- माल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
- मलिहाबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
- मेदांता हॉस्पिटल
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इंदिरा नगर
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काकोरी
- लोक बंधु अस्पताल
- एरा मेडिकल कॉलेज
- रामसागर अस्पताल