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नई दिल्लीः नशे का कारोबार करने वाली टीम का भंडाफोड़ - केमिस्ट की दुकान पर बेची जाती हैं नशे की गोलियां

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने नशे की गोलियां, इंजेक्शन और कफ सिरप का कारोबार करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. गैंग में शामिल चार लोगों को टीम ने गिरफ्तार किया है.

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नशे का कारोबार करने वाले आरोपी गिरफ्तार.
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Published : Jan 20, 2020, 9:47 AM IST

नई दिल्ली: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की दिल्ली शाखा ने नशे की गोलियां, इंजेक्शन और कफ सिरप का कारोबार करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. इस गैंग में शामिल चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर, इनके पास से 7,24,840 नशीली गोलियां, 1400 इंजेक्शन और 80 कफ सिरप की बोतलें बरामद की हैं. यह गैंग आगरा से कुरियर के माध्यम से लुधियाना नशे की गोलियां भेजता था. एनसीबी इस गैंग से जुड़े और लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि उनकी टीम को कुरियर के माध्यम से कुछ नशीली दवाइयों की डिलीवरी करने की जानकारी मिली थी.

नारकोटिक्स विभाग ने नशे का कारोबार करने वालों का किया पर्दाफाश.

इस जानकारी पर ट्रामाडोल (नशे की गोली) की 50 हजार गोलियों का एक पार्सल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जब्त किया. इस पार्सल को जांचने के बाद एक टीम ने लुधियाना में छापा मारा, जहां पर इस पार्सल को भेजा गया था. इस पार्सल को जिस शख्स को भेजा गया था, उसका नाम मनोज कुमार था. एनसीबी टीम ने उसे पकड़ लिया.

आगरा से आता था नशीली गोलियों का जखीरा
मनोज ने पुलिस को बताया कि आगरा का रहने वाला गौरव उसे अक्सर यह पार्सल भेजता है. इस जानकारी पर एनसीबी ने आगरा में छापा मारकर गौरव अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर आगरा के मोहित को गिरफ्तार किया गया. आगरा में ही छापेमारी के दौरान एक गोदाम से 7,24,840 टैबलेट, 1400 इंजेक्शन और 80 कफ सिरप की बोतल बरामद हुई. यहां पर मोहित ने यह नशीली गोलियों की खेप रखी हुई थी.

केमिस्ट की दुकान चलाता है मनोज
मनोज ने एनसीबी को बताया कि वह लुधियाना में केमिस्ट की दुकान चलाता है, लेकिन उसके पास नारकोटिक्स की दवाइयां बेचने का लाइसेंस नहीं है. गौरव ने एनसीबी को बताया कि वह डीलर का काम करता है. विभिन्न जगहों से वह नशे की दवाइयां लेकर उसे आगे बेचता है. एनसीबी द्वारा पकड़े गए पार्सल में मौजूद गोलियों को उसने मोहित से लिया था. मोहित ने एनसीबी को बताया कि नशे की सबसे बड़ी खेप वह आगरा के शाहगंज स्थित गोदाम में रखता है, जहां से उन्होंने नशे की खेप को बरामद किया है.

नशा छुड़ाने के काम आती है यह नशीली गोलियां
एम्स के प्रोफेसर डॉक्टर लाल ने एनसीबी को बताया कि पकड़ी गई दवाइयां नशे के लिए इस्तेमाल की जाती हैं. इन्हें बिना डॉक्टर की अनुमति के नहीं दिया जा सकता. इनमें से कुछ दवाइयों का इस्तेमाल ऑपरेशन से पहले किया जाता है. वहीं कुछ का इस्तेमाल नशे की लत को छुड़वाने के लिए भी किया जाता है. यह दवा लेने पर हेरोइन के जैसा ही नशा होता है.

नई दिल्ली: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की दिल्ली शाखा ने नशे की गोलियां, इंजेक्शन और कफ सिरप का कारोबार करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. इस गैंग में शामिल चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर, इनके पास से 7,24,840 नशीली गोलियां, 1400 इंजेक्शन और 80 कफ सिरप की बोतलें बरामद की हैं. यह गैंग आगरा से कुरियर के माध्यम से लुधियाना नशे की गोलियां भेजता था. एनसीबी इस गैंग से जुड़े और लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि उनकी टीम को कुरियर के माध्यम से कुछ नशीली दवाइयों की डिलीवरी करने की जानकारी मिली थी.

नारकोटिक्स विभाग ने नशे का कारोबार करने वालों का किया पर्दाफाश.

इस जानकारी पर ट्रामाडोल (नशे की गोली) की 50 हजार गोलियों का एक पार्सल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जब्त किया. इस पार्सल को जांचने के बाद एक टीम ने लुधियाना में छापा मारा, जहां पर इस पार्सल को भेजा गया था. इस पार्सल को जिस शख्स को भेजा गया था, उसका नाम मनोज कुमार था. एनसीबी टीम ने उसे पकड़ लिया.

आगरा से आता था नशीली गोलियों का जखीरा
मनोज ने पुलिस को बताया कि आगरा का रहने वाला गौरव उसे अक्सर यह पार्सल भेजता है. इस जानकारी पर एनसीबी ने आगरा में छापा मारकर गौरव अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर आगरा के मोहित को गिरफ्तार किया गया. आगरा में ही छापेमारी के दौरान एक गोदाम से 7,24,840 टैबलेट, 1400 इंजेक्शन और 80 कफ सिरप की बोतल बरामद हुई. यहां पर मोहित ने यह नशीली गोलियों की खेप रखी हुई थी.

केमिस्ट की दुकान चलाता है मनोज
मनोज ने एनसीबी को बताया कि वह लुधियाना में केमिस्ट की दुकान चलाता है, लेकिन उसके पास नारकोटिक्स की दवाइयां बेचने का लाइसेंस नहीं है. गौरव ने एनसीबी को बताया कि वह डीलर का काम करता है. विभिन्न जगहों से वह नशे की दवाइयां लेकर उसे आगे बेचता है. एनसीबी द्वारा पकड़े गए पार्सल में मौजूद गोलियों को उसने मोहित से लिया था. मोहित ने एनसीबी को बताया कि नशे की सबसे बड़ी खेप वह आगरा के शाहगंज स्थित गोदाम में रखता है, जहां से उन्होंने नशे की खेप को बरामद किया है.

नशा छुड़ाने के काम आती है यह नशीली गोलियां
एम्स के प्रोफेसर डॉक्टर लाल ने एनसीबी को बताया कि पकड़ी गई दवाइयां नशे के लिए इस्तेमाल की जाती हैं. इन्हें बिना डॉक्टर की अनुमति के नहीं दिया जा सकता. इनमें से कुछ दवाइयों का इस्तेमाल ऑपरेशन से पहले किया जाता है. वहीं कुछ का इस्तेमाल नशे की लत को छुड़वाने के लिए भी किया जाता है. यह दवा लेने पर हेरोइन के जैसा ही नशा होता है.

Intro:नई दिल्ली
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की दिल्ली शाखा ने नशे की गोलियां, इंजेक्शन और कफ सिरप का कारोबार करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. इस गैंग में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार कर इनके पास से 7,24,840 नशीली गोलियां 1400 इंजेक्शन और 80 कफ सिरप की बोतल बरामद की गई हैं. यह गैंग आगरा से कुरियर के माध्यम से लुधियाना नशे की गोलियों को भेजता था. एनसीबी इस गैंग से जुड़े और लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है.Body:नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि उनकी टीम को कुरियर के माध्यम से कुछ नशीली दवाइयों की डिलीवरी करने की जानकारी मिली थी. इस जानकारी पर ट्रामाडोल (नशे की गोली) की 50 हजार गोलियों का एक पार्सल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जब्त किया. इस पार्सल को जांचने के बाद एक टीम ने लुधियाना में छापा मारा जहां पर इस पार्सल को भेजा गया था. इस पार्सल को जिस शख्स को भेजा गया था उसका नाम मनोज कुमार था. एनसीबी टीम ने उसे पकड़ लिया.



आगरा से आता था नशीली गोलियों का जखीरा

मनोज ने पुलिस को बताया कि आगरा का रहने वाला गौरव उसे अकसर यह पार्सल भेजता है. इस जानकारी पर एनसीबी ने आगरा में छापा मारकर गौरव अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर आगरा के मोहित को गिरफ्तार किया गया. आगरा में ही छापेमारी के दौरान एक गोदाम से 7,24,840 टेबलेट, 1400 इंजेक्शन और 80 कफ सिरप की बोतल बरामद हुई. यहां पर मोहित ने यह नशीली गोलियों की खेप रखी हुई थी.



केमिस्ट की दुकान चलाता है मनोज
मनोज ने एनसीबी को बताया कि वह लुधियाना में केमिस्ट की दुकान चलाता है, लेकिन उसके पास नारकोटिक्स की दवाइयां बेचने का लाइसेंस नहीं है. इसमें काफी मुनाफा है. इसलिए वह इस नशे के कारोबार में लिप्त हो गया. गौरव ने एनसीबी को बताया कि वह डीलर का काम करता है. विभिन्न जगहों से वह नशे की दवाइयां लेकर उसे आगे बेचता है. एनसीबी द्वारा पकड़े गए पार्सल में मौजूद गोलियों को उसने मोहित से लिया था. मोहित ने एनसीबी को बताया कि नशे की सबसे बड़ी खेप वह आगरा के शाहगंज स्थित गोदाम में रखता है, जहां से उन्होंने नशे की खेप को बरामद किया है.



Conclusion:नशा छुड़ाने के काम आती है यह नशीली गोलियां

एम्स के प्रोफेसर डॉक्टर लाल ने एनसीबी को बताया कि पकड़ी गई दवाइयां नशे के लिए इस्तेमाल की जाती है. इन्हें बिना डॉक्टर की अनुमति के नहीं दिया जा सकता. इनमें से कुछ दवाइयों का इस्तेमाल ऑपरेशन से पहले किया जाता है. वहीं कुछ का इस्तेमाल नशे की लत को छुड़वाने के लिए भी किया जाता है. यह दवा लेने पर हेरोइन के जैसा ही नशा होता है.
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