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तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन फार्मूला यूपी में फेल, अफसरों को लगाने पड़ रहे हैं चक्कर

उत्तर प्रदेश में तमिलनाडु की तर्ज पर बेहतर स्वास्थ सेवाओं के लिए ड्रग कार्पोरेशन का निर्माण किया गया. लेकिन दवाइयों की गुणवत्ता और उपकरणों के खरीद-फरोख्त जैसे गंभीर मामलों में कार्पोरेशन पूरी तरह से फेल साबित हुआ है.

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तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन फार्मूला यूपी में फेल.
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Published : Jan 4, 2020, 5:28 AM IST

लखनऊ: तमिलनाडु की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी ड्रग कॉर्पोरेशन लागू किया गया था, लेकिन यह पैटर्न उत्तर प्रदेश में पूरी तरीके से फ्लॉप साबित हो रहा है. बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में चल रहे ड्रग कॉर्पोरेशन की तमाम नाकामियां सामने आईं हैं. जिसमें दवा के नमूने, मशीनों की खरीद-फरोख्त की मामलों में तमाम अनियमितताएं सामने आई. इसके बाद अफसरों को तमिलनाडु जाकर के यह सीखना पड़ रहा है कि आखिर कैसे तमिलनाडु का कॉरपोरेशन काम कर रहा है.

बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में ड्रग कॉर्पोरेशन तमिलनाडु की तर्ज पर काम कर रहा है, लेकिन तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन पैटर्न उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो रहा है. ऐसे कई मामले सामने आए, जहां पर दवाइयों की गुणवत्ता और उपकरणों के खरीद-फरोख्त जैसे गंभीर मामलों में कार्पोरेशन पूरी तरह से फेल साबित हुआ है.

प्रदेश में चल रहे ड्रग कॉर्पोरेशन की तमाम नाकामियां सामने आईं हैं.

दवाइयों सप्लाई के बाद प्रकाश में आया मामला
खराब क्वालिटी की दवाइयों के सप्लाई से लेकर के उपकरणों की क्वालिटी घटिया स्तर तक की वितरण पूरे जिले के अस्पतालों में हो जाने के बाद ये मामला स्वास्थ विभाग की नजर में आया.

अस्पतालों से मंगाए गए दवाईयां और उपकरण
ड्रग कॉर्पोरेशन द्वारा मौके पर कार्रवाई करते हुए अस्पतालों से दवाईयां, घटिया स्तर के उपकरण वापस मंगाए गए, लेकिन इन घटनाओं ने ड्रग कॉर्पोरेशन की पूरे प्रदेश भर में फजीहत कराई.

ड्रग कॉर्पोरेशन की टीम को भेजा गया तमिलनाडु
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने तमिलनाडु ड्रग कॉर्पोरेशन की तर्ज पर चल रहे उत्तर प्रदेश ड्रग कॉर्पोरेशन की एक टीम बनाई, जिसको तमिलनाडु में भेजा गया, ताकि यह मालूम चल सके कि आखिर तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन किस तरह से काम कर रहा है.

यूपी में थोपा गया तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन फार्मूला
उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा और वादा दोनों ही स्वास्थ्य विभाग की तरफ से किया गया था, जिसके लिए ड्रग कॉर्पोरेशन का निर्माण किया गया. तमिलनाडु की जनसंख्या उत्तर प्रदेश के मुकाबले काफी कम है. उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल भी तमिलनाडु के मुकाबले दोगुना है. जिसका नतीजा यह हुआ कि तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन फार्मूला उत्तर प्रदेश में बुरी तरह फेल हुआ.

ये भी पढ़ें- DGP ओपी सिंह ने नोएडा के SSP से मांगा स्पष्टीकरण, जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई

अफसरों का कहना है कि कर्मचारियों को तमिलनाडु वहां का पैटर्न समझने के लिए भेजा जा रहा है, जिससे कि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो पाए.

लखनऊ: तमिलनाडु की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी ड्रग कॉर्पोरेशन लागू किया गया था, लेकिन यह पैटर्न उत्तर प्रदेश में पूरी तरीके से फ्लॉप साबित हो रहा है. बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में चल रहे ड्रग कॉर्पोरेशन की तमाम नाकामियां सामने आईं हैं. जिसमें दवा के नमूने, मशीनों की खरीद-फरोख्त की मामलों में तमाम अनियमितताएं सामने आई. इसके बाद अफसरों को तमिलनाडु जाकर के यह सीखना पड़ रहा है कि आखिर कैसे तमिलनाडु का कॉरपोरेशन काम कर रहा है.

बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में ड्रग कॉर्पोरेशन तमिलनाडु की तर्ज पर काम कर रहा है, लेकिन तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन पैटर्न उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो रहा है. ऐसे कई मामले सामने आए, जहां पर दवाइयों की गुणवत्ता और उपकरणों के खरीद-फरोख्त जैसे गंभीर मामलों में कार्पोरेशन पूरी तरह से फेल साबित हुआ है.

प्रदेश में चल रहे ड्रग कॉर्पोरेशन की तमाम नाकामियां सामने आईं हैं.

दवाइयों सप्लाई के बाद प्रकाश में आया मामला
खराब क्वालिटी की दवाइयों के सप्लाई से लेकर के उपकरणों की क्वालिटी घटिया स्तर तक की वितरण पूरे जिले के अस्पतालों में हो जाने के बाद ये मामला स्वास्थ विभाग की नजर में आया.

अस्पतालों से मंगाए गए दवाईयां और उपकरण
ड्रग कॉर्पोरेशन द्वारा मौके पर कार्रवाई करते हुए अस्पतालों से दवाईयां, घटिया स्तर के उपकरण वापस मंगाए गए, लेकिन इन घटनाओं ने ड्रग कॉर्पोरेशन की पूरे प्रदेश भर में फजीहत कराई.

ड्रग कॉर्पोरेशन की टीम को भेजा गया तमिलनाडु
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने तमिलनाडु ड्रग कॉर्पोरेशन की तर्ज पर चल रहे उत्तर प्रदेश ड्रग कॉर्पोरेशन की एक टीम बनाई, जिसको तमिलनाडु में भेजा गया, ताकि यह मालूम चल सके कि आखिर तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन किस तरह से काम कर रहा है.

यूपी में थोपा गया तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन फार्मूला
उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा और वादा दोनों ही स्वास्थ्य विभाग की तरफ से किया गया था, जिसके लिए ड्रग कॉर्पोरेशन का निर्माण किया गया. तमिलनाडु की जनसंख्या उत्तर प्रदेश के मुकाबले काफी कम है. उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल भी तमिलनाडु के मुकाबले दोगुना है. जिसका नतीजा यह हुआ कि तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन फार्मूला उत्तर प्रदेश में बुरी तरह फेल हुआ.

ये भी पढ़ें- DGP ओपी सिंह ने नोएडा के SSP से मांगा स्पष्टीकरण, जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई

अफसरों का कहना है कि कर्मचारियों को तमिलनाडु वहां का पैटर्न समझने के लिए भेजा जा रहा है, जिससे कि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो पाए.

Intro:



उत्तर प्रदेश मेडिकल कॉरपोरेशन तमिलनाडु की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी लागू किया गया था। लेकिन यह पैटर्न उत्तर प्रदेश में पूरी तरीके से फ्लॉप है।बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में चल रहे ड्रग ऑपरेशन की तमाम नाकामियां सामने आई है। जिसमें दवा के नमूने, मशीनों की खरीद फरोख्त की मामलों में तमाम अनियमितताएं सामने आई। इसके बाद अफसरों को तमिलनाडु जाकर के यह सीखना पड़ रहा है कि आखिर कैसे तमिलनाडु का कॉपरेशन काम कर रहा है।




Body:दरअसल बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में कॉर्पोरेशन तमिलनाडु की तर्ज पर काम कर रहा है। लेकिन तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन पैटर्न उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो रहा है।कई दिनों में ऐसे कई मामले आए जहां पर दवाइयों की गुणवत्ता व उपकरणों के खरीद-फरोख्त जैसे गंभीर मामलों में भी उत्तर प्रदेश कॉरपोरेशन पूरी तरह से फेल साबित हुआ है। खराब क्वालिटी की दवाइयों के सप्लाई से लेकर के उपकरणों की क्वालिटी घटिया स्तर तक की वितरण पूरे जिले के अस्पतालों में हो जाने के बाद ये मामला स्वास्थ विभाग की नजर में आया। बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में भी खराब क्वालिटी की दवाइयां लाइव में नमूने फेल हो जाने के बाद दवाइयां वापस मंगवाने व घटिया क्वालिटी के उपकरणों की सप्लाई अस्पतालों में करने के बाद मामला प्रकाश में आया ड्रग कॉर्पोरेशन द्वारा हालांकि मौके पर कार्यवाही करते हुए दवाइयां अस्पतालों से वापस मंगाई गई थी और उपकरण भी घटिया स्तर के वापस मंगाए गए। लेकिन इन घटनाओं ने ड्रग कॉर्पोरेशन कि पूरे प्रदेश भर में फजीहत हुई। इसके बाद स्वास्थ विभाग ने तमिलनाडु ड्रग कॉर्पोरेशन की तर्ज पर चल रहे उत्तर प्रदेश ड्रग कॉर्पोरेशन की एक टीम बनाई जिसको तमिलनाडु में इसलिए भेजा।जिससे कि यह मालूम चल सके कि आखिर तमिलनाडु का ड्रग कापरेशन किस तरह से काम कर रहा है।

यूपी में तमिलनाडु का ड्रग ऑपरेशन फार्मूला थोपा गया

उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वास्थ सेवाओं का दावा व वादा दोनों ही स्वस्थ विभाग की तरफ से किया गया था।जिसके लिए टड्रग कॉर्पोरेशन का निर्माण किया गया।इसके निर्माण से यह तय किया गया था कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर मिलेगी। ड्रग कॉपरेशन के इस हवा हवाई वादों में ड्रग कॉपरेशन उत्तर प्रदेश का बना तो दिया गया।लेकिन उत्तर प्रदेश मे तमिलनाडु का पैटर्न ही फॉलो किया गया ।नतीजा सारे फार्मूले यूपी में फ्लॉप हो गए।दरअसल तमिलनाडु की जनसंख्या उत्तर प्रदेश के मुकाबले काफी कम है। उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल भी तमिलनाडु के मुकाबले दोगुना है।जिसका नतीजा यह हुआ कि तमिलनाडु का ड्रग ऑपरेशन फार्मूला उत्तर प्रदेश में बुरी तरह फेल हुआ। इसके बाद अब अफसरों को तमिलनाडु ड्रग ऑपरेशन फार्मूला सीखने के लिए तमिलनाडु के चक्कर लगाना पड़ रहा है


बाइट- देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव,चिकित्सा एवं स्वास्थ्य



Conclusion:
हालांकि बेहतर स्वास्थ सेवाएं कॉर्पोरेशन की तरफ से देने का वादा किया जा रहा है। अफसरों का कहना है कि कि कर्मचारियों को तमिलनाडु वहां का पैटर्न समझने के लिए भेजा जा रहा है। जिससे कि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो पाए। अब देखने वाली बात यह होगी कि कर्मचारी वहां से लौटकर के तमिलनाडु का पैटर्न हुबहू फॉलो करके फिर से फेल होंगे या फिर वहां की तकनीकी चीजों को समझकर उत्तर प्रदेश के हिसाब से अपना फार्मूला तैयार करेंगे।

एन्ड पीटीसी
शुभम पान्डेय
7054605976
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