लखनऊ: तमिलनाडु की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी ड्रग कॉर्पोरेशन लागू किया गया था, लेकिन यह पैटर्न उत्तर प्रदेश में पूरी तरीके से फ्लॉप साबित हो रहा है. बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में चल रहे ड्रग कॉर्पोरेशन की तमाम नाकामियां सामने आईं हैं. जिसमें दवा के नमूने, मशीनों की खरीद-फरोख्त की मामलों में तमाम अनियमितताएं सामने आई. इसके बाद अफसरों को तमिलनाडु जाकर के यह सीखना पड़ रहा है कि आखिर कैसे तमिलनाडु का कॉरपोरेशन काम कर रहा है.
बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में ड्रग कॉर्पोरेशन तमिलनाडु की तर्ज पर काम कर रहा है, लेकिन तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन पैटर्न उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो रहा है. ऐसे कई मामले सामने आए, जहां पर दवाइयों की गुणवत्ता और उपकरणों के खरीद-फरोख्त जैसे गंभीर मामलों में कार्पोरेशन पूरी तरह से फेल साबित हुआ है.
दवाइयों सप्लाई के बाद प्रकाश में आया मामला
खराब क्वालिटी की दवाइयों के सप्लाई से लेकर के उपकरणों की क्वालिटी घटिया स्तर तक की वितरण पूरे जिले के अस्पतालों में हो जाने के बाद ये मामला स्वास्थ विभाग की नजर में आया.
अस्पतालों से मंगाए गए दवाईयां और उपकरण
ड्रग कॉर्पोरेशन द्वारा मौके पर कार्रवाई करते हुए अस्पतालों से दवाईयां, घटिया स्तर के उपकरण वापस मंगाए गए, लेकिन इन घटनाओं ने ड्रग कॉर्पोरेशन की पूरे प्रदेश भर में फजीहत कराई.
ड्रग कॉर्पोरेशन की टीम को भेजा गया तमिलनाडु
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने तमिलनाडु ड्रग कॉर्पोरेशन की तर्ज पर चल रहे उत्तर प्रदेश ड्रग कॉर्पोरेशन की एक टीम बनाई, जिसको तमिलनाडु में भेजा गया, ताकि यह मालूम चल सके कि आखिर तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन किस तरह से काम कर रहा है.
यूपी में थोपा गया तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन फार्मूला
उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा और वादा दोनों ही स्वास्थ्य विभाग की तरफ से किया गया था, जिसके लिए ड्रग कॉर्पोरेशन का निर्माण किया गया. तमिलनाडु की जनसंख्या उत्तर प्रदेश के मुकाबले काफी कम है. उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल भी तमिलनाडु के मुकाबले दोगुना है. जिसका नतीजा यह हुआ कि तमिलनाडु का ड्रग कॉर्पोरेशन फार्मूला उत्तर प्रदेश में बुरी तरह फेल हुआ.
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अफसरों का कहना है कि कर्मचारियों को तमिलनाडु वहां का पैटर्न समझने के लिए भेजा जा रहा है, जिससे कि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो पाए.