लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नशे के सौदागरों की कमर तोड़ने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया है. इसकी जिम्मेदारी डीआईजी अब्दुल हमीद को दी गयी है. वहीं, शुक्रवार को सरकार ने 6 डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारियों को टास्क फोर्स में तैनात किया है.
सरकार ने निष्ठा उपाध्याय को डिप्टी एसपी एएनटीएफ गोरखपुर, शैलेन्द्र सिंह परिहार को डिप्टी एसपी एएनटीएफ मेरठ, राज कुमार त्रिपाठी को डिप्टी एसपी एएनटीएफ वाराणसी, इरफान नासिर खान को डिप्टी एसपी एएनटीएफ आगरा, राजवीर सिंह गौर व अमर बहादुर को डिप्टी एसपी एएनटीएफ मुख्यालय बनाया गया है. बता दे कि एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के तीन क्षेत्रों पश्चिम, मध्य व पूर्व के प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक होंगे. पश्चिम क्षेत्र में मेरठ, बरेली, आगरा, मध्य क्षेत्र में लखनऊ और कानपुर जबकि पूर्वी क्षेत्र में प्रयागराज, गोरखपुर व वाराणसी जोन आएंगे.
यूपी पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी के रूट चिह्नित कर लिए हैं. हेरोइन, क्रूड की तस्करी म्यांमार, बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मिजोरम, आसाम से सड़क, जल मार्ग और रेलमार्ग से होती है. इसके अलााव दीमापुर, गुवाहाटी, गया से उत्तर प्रदेश और एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी तस्करी होती है. यूपी पुलिस के अध्ययन में यह आया है कि गोल्डेन ट्रैंगिल रूट (अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान) से गुजरात, राजस्थान और पंजाब से उत्तर प्रदेश सहित कई प्रदेशों में हेरोइन और क्रूड की तस्करी होती है.
यूपी पुलिस ने गांजा और अफीम की तस्करी को भी निशाने पर लिया है. गांजा का उत्पादन उड़ीसा के भवानी पटना, नाल्को, सोनपुर, बरगढ़ की पहाड़ियों में होता है, जहां से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के रास्ते झांसी से पश्चिमी यूपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से सोनभद्र और प्रयागराज के रास्ते पूर्वी यूपी में गांजा की तस्करी होती है. ऐसे ही चरस की तस्करी नेपाल के बढ़नी, सोनौली और बीरगंज बार्डर से बिहार, यूपी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर में होती है. अफीम की तस्करी झारखंड के पलामू, चतरा से पटना से वाराणसी से रेल और सड़क सडक मार्ग से बरेली, बदायूं, अलीगढ़ और एनसीआर में होती है.
सात दिन में 1600 मुकदमें, 35 करोड़ की संपत्ति जब्त
पुलिस ने एक सप्ताह तक चले अभियान में 1649 मुकदमों में 1773 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है और 2080 आरोपियों को चिह्नित किया है. साथ ही 26 करोड़ 71 लाख 22 हजार 355 रुपए की अवैध शराब, ड्रग्स और मादक पदार्थ बरामद किया है. गैंगेस्टर एक्ट में 261 आरोपियों के खिलाफ 82 मुकदमो में 34 करोड़ 77 लाख 14 हजार 176 रुपए की सम्पत्ति जब्त की है. इसके अलावा कोर्ट में प्रभावी पैरवी कर 166 मामलों में सजा कराई है.
पुलिस ने अवैध शराब और जहरीली शराब में 7495 मुकदमों में 7714 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है. साथ ही 8416 आरोपियों को चिह्नित किया है. इस दौरान पांच करोड़ 63 लाख 54 हजार 450 रुपए की अवैध और जहरीली शराब बरामद की गई है. गैंगेस्टर एक्ट के तहत 73 मुकदमों में 218 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और 15 करोड़ 74 लाख 25 हजार आठ रुपए की सम्पत्ति जब्त की गई है. इसके अलावा आबकारी अधिनियम के तहत 387 आरोपियों के खिलाफ करते हुए कोर्ट में पैरवी कर 76 मामलों में सजा कराई गई है.
ये भी पढ़ेंः शाही ईदगाह-श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद, अब 9 सितंबर को होगी सुनवाई
अब योगी सरकार के निशाने पर नशे के सौदागर, ऐसे नकेल कसने की तैयारी
योगी सरकार ने प्रदेश में फैले नशे के कारोबार पर शिकंजा करने की तैयारी कर ली है. इनसे निपटने के लिए सरकार की क्या रणनीति है और क्या करने जा रही है चलिए जानते हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नशे के सौदागरों की कमर तोड़ने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया है. इसकी जिम्मेदारी डीआईजी अब्दुल हमीद को दी गयी है. वहीं, शुक्रवार को सरकार ने 6 डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारियों को टास्क फोर्स में तैनात किया है.
सरकार ने निष्ठा उपाध्याय को डिप्टी एसपी एएनटीएफ गोरखपुर, शैलेन्द्र सिंह परिहार को डिप्टी एसपी एएनटीएफ मेरठ, राज कुमार त्रिपाठी को डिप्टी एसपी एएनटीएफ वाराणसी, इरफान नासिर खान को डिप्टी एसपी एएनटीएफ आगरा, राजवीर सिंह गौर व अमर बहादुर को डिप्टी एसपी एएनटीएफ मुख्यालय बनाया गया है. बता दे कि एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के तीन क्षेत्रों पश्चिम, मध्य व पूर्व के प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक होंगे. पश्चिम क्षेत्र में मेरठ, बरेली, आगरा, मध्य क्षेत्र में लखनऊ और कानपुर जबकि पूर्वी क्षेत्र में प्रयागराज, गोरखपुर व वाराणसी जोन आएंगे.
यूपी पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी के रूट चिह्नित कर लिए हैं. हेरोइन, क्रूड की तस्करी म्यांमार, बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मिजोरम, आसाम से सड़क, जल मार्ग और रेलमार्ग से होती है. इसके अलााव दीमापुर, गुवाहाटी, गया से उत्तर प्रदेश और एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी तस्करी होती है. यूपी पुलिस के अध्ययन में यह आया है कि गोल्डेन ट्रैंगिल रूट (अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान) से गुजरात, राजस्थान और पंजाब से उत्तर प्रदेश सहित कई प्रदेशों में हेरोइन और क्रूड की तस्करी होती है.
यूपी पुलिस ने गांजा और अफीम की तस्करी को भी निशाने पर लिया है. गांजा का उत्पादन उड़ीसा के भवानी पटना, नाल्को, सोनपुर, बरगढ़ की पहाड़ियों में होता है, जहां से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के रास्ते झांसी से पश्चिमी यूपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से सोनभद्र और प्रयागराज के रास्ते पूर्वी यूपी में गांजा की तस्करी होती है. ऐसे ही चरस की तस्करी नेपाल के बढ़नी, सोनौली और बीरगंज बार्डर से बिहार, यूपी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर में होती है. अफीम की तस्करी झारखंड के पलामू, चतरा से पटना से वाराणसी से रेल और सड़क सडक मार्ग से बरेली, बदायूं, अलीगढ़ और एनसीआर में होती है.
सात दिन में 1600 मुकदमें, 35 करोड़ की संपत्ति जब्त
पुलिस ने एक सप्ताह तक चले अभियान में 1649 मुकदमों में 1773 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है और 2080 आरोपियों को चिह्नित किया है. साथ ही 26 करोड़ 71 लाख 22 हजार 355 रुपए की अवैध शराब, ड्रग्स और मादक पदार्थ बरामद किया है. गैंगेस्टर एक्ट में 261 आरोपियों के खिलाफ 82 मुकदमो में 34 करोड़ 77 लाख 14 हजार 176 रुपए की सम्पत्ति जब्त की है. इसके अलावा कोर्ट में प्रभावी पैरवी कर 166 मामलों में सजा कराई है.
पुलिस ने अवैध शराब और जहरीली शराब में 7495 मुकदमों में 7714 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है. साथ ही 8416 आरोपियों को चिह्नित किया है. इस दौरान पांच करोड़ 63 लाख 54 हजार 450 रुपए की अवैध और जहरीली शराब बरामद की गई है. गैंगेस्टर एक्ट के तहत 73 मुकदमों में 218 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और 15 करोड़ 74 लाख 25 हजार आठ रुपए की सम्पत्ति जब्त की गई है. इसके अलावा आबकारी अधिनियम के तहत 387 आरोपियों के खिलाफ करते हुए कोर्ट में पैरवी कर 76 मामलों में सजा कराई गई है.
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