लखनऊः लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के दुबग्गा डिपो के चालक ने परिचालक के पैर पर बस चढ़ा दी, जिससे उसका पैर फ्रैक्चर हो गया. परिचालक प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करा रहा है. परिचालक प्रमेंद्र का आरोप है कि चालक ने डेढ़ सौ रुपये रिश्वत मांगी थी जो नहीं दे पाया. डिपो के अंदर बस की एंट्री करते समय उसने जानबूझकर पैर पर बस चढ़ा दी, जिससे पैर फ्रैक्चर हो गया. हालांकि सिटी बस के अधिकारी ड्राइवर की लापरवाही तो मान रहे हैं, लेकिन पैसे मांगने जैसी बात से इंकार कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक दुबग्गा डिपो की इलेक्ट्रिक बस यूपी 32 पीएन 7110 पर चालक सरवन कुमार और परिचालक प्रमेंद्र कुमार के ड्यूटी थी. रूट पर बस संचालन करने के बाद जब दुबग्गा डिपो के अंदर बस प्रवेश हो रही थी तो गेट पर ही गार्ड के पास परिचालक प्रमेंद्र बस की एंट्री करा रहा था. प्रमेंद्र का आरोप है कि पीएमआई कंपनी के चालक सरवन कुमार ने 150 रुपये मांगे थे, नहीं दिए तो जानबूझकर पैर पर बस चढ़ा दी जिससे वहीं गिर पड़ा और पैर फ्रैक्चर हो गया. अब प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.
इस मामले पर डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक से कई बार पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका नंबर व्यस्त रहा. लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आरके त्रिपाठी का कहना है कि इस घटना की जानकारी मिली है. चालक की लापरवाही भी उजागर हुई है, लेकिन चालक ने परिचालक से पैसे मांगे थे इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है. सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार शर्मा को चालक पर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है.
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि चालक सरवन कुमार पहले लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड में ही संविदा पर भर्ती हुआ था, लेकिन इसी तरह की हरकतों के चलते उसकी संविदा समाप्त कर दी गई थी. कई सारे गंभीर आरोप भी सरवन कुमार पर लगे थे. जब सिटी बस से संविदा समाप्त हुई तो पीएम ने अपने यहां भर्ती कर लिया. अब पीएमआई के चालक होने के नाते सिटी बस के ही संविदा परिचालकों पर रौब झाड़ता है.