लखनऊ: एक्सप्रेस-वे पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को लेकर परिवहन निगम प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. अब ड्राइवर से दुर्घटना होने पर वेतन से वसूली की जाएगी, वहीं कंडक्टर को भी बख्शा नहीं जाएगा. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक डॉ. राजशेखर ने प्रदेश के डिपो और क्षेत्र स्तर के अधिकारियों को प्रदेश में सडक दुर्घटनाओं, विशेष रूप से एक्सप्रेस-वे पर हो रही दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
परिवहन निगम के एमडी राजशेखर का कहना है कि यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) और यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण की तरफ से स्थापित नई तकनीक के माध्यम से ओवर स्पीडिंग व लेन ब्रेकिंग के प्रकरणों में परिवहन निगम की बसों के हुए चालानों के विवरण प्राप्त किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि प्राप्त विवरणों के आधार पर चालान की कुल धनराशि का 80 प्रतिशत सम्बन्धित चालक के वेतन से और चालक को सचेत न करने के लिए अवशेष 20 प्रतिशत धनराशि बस के परिचालक से वसूली जाएगी.
डॉ. राजशेखर ने बताया कि मुख्यालय स्तर पर प्रत्येक माह प्राप्त डेटा का परीक्षण कर ऐसे चालकों/परिचालकों को चिन्हित किया जाएगा. अगर इनके द्वारा ओवर स्पीडिंग एवं लेन के अपराध में बस का चालान हुआ होगा तो कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि वेतन से कटौती के बाद इन चालकों की काउंसलिंग कराकर ही उन्हें मार्ग पर बस संचालन की अनुमति प्रदान की जाएगी.
प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर को उम्मीद है कि इस तरह की कार्रवाई किए जाने से एक्सप्रेस-वे पर हो रही दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकेगा.
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बता दें कि एक्सप्रेस-वे पर आए दिन ओवर स्पीडिंग के चलते और ड्राइवरों की लापरवाही के कारण सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं, जिससे असमय ही लोगों को जान गंवानी पड़ रही है. इसके एवज में परिवहन निगम को मुआवजा देना पड़ रहा है. वहीं बसें क्षतिग्रस्त होने से निगम को दोहरा नुकसान हो रहा है. इसकी भरपाई के लिए अब ड्राइवर-कंडक्टर के वेतन से ही पैसे काटे जाएंगे, जिससे एक्सप्रेस-वे पर ड्राइवर सतर्क होकर बसों का संचालन करेंगे और दुर्घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित होगा.