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योगी के मंत्री बोले- दिखावा है सपा का ब्राह्मण प्रेम - bramahin vote

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने ब्राह्मण प्रेम को लेकर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने सपा के जिला अध्यक्षों की सूची पोस्ट करते हुए लिखा है कि 'इस सूची को देखें तो सपा के ब्राह्मण प्रेम का नशा उतर जाएगा'.

मंत्री सतीश द्विवेदी
मंत्री सतीश द्विवेदी
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Published : Aug 25, 2020, 4:37 PM IST

Updated : Aug 25, 2020, 9:27 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में जातीय राजनीति की चर्चा न हो, यह बहुत कम ही देखने को मिला है. इस बार सियासत के केंद्र में ब्राह्मण हैं. विपक्षी दलों के खेमे में खेली जा रही ब्राह्मण-ब्राह्मण की राजनीति के बीच योगी सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने समाजवादी पार्टी पर पलटवार किया है. उन्होंने सपा की घोषित पदाधिकारियों की सूची ट्वीट करके उनके ब्राह्मण प्रेम पर सवाल खड़ा किया है.

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी ने 24 अगस्त को अलीगढ़, कासगंज, कानपुर, गौतमबुद्धनगर समेत प्रदेश के 14 जिलों में अपने अध्यक्षों की घोषणा की है. इन अध्यक्षों के साथ जिला कमेटी के कुछ अन्य पदाधिकारियों की भी घोषणा की गई. बेसिक शिक्षा मंत्री ने इसी सूची को ट्वीट करके यह बताने की कोशिश की है कि इनकी सूची में ब्राह्मणों का स्थान कहां है.

  • एक महीने से ब्राम्हण-ब्राम्हण और परशुराम-परशुराम खेल रहे प्रबुद्ध लोग समाजवादी पार्टी की इस सूची को गौर से देखें। pic.twitter.com/dvAkEA60Nc

    — Dr Satish Dwivedi (@drdwivedisatish) August 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस सूची को देखें तो सपा के ब्राह्मण प्रेम का नशा उतर जाएगा. बेसिक शिक्षा मंत्री ने ट्वीट करके कहा कि एक महीने से ब्राह्मण-ब्राह्मण और परशुराम-परशुराम खेल रहे प्रबुद्ध लोग समाजवादी पार्टी की इस सूची को गौर से देखें. सपा के ब्राह्मण प्रेम का नशा उतर जाएगा.

उनका कटाक्ष समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण नेताओं पर है. ज्ञात हो कि अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके सपा के नेता प्रोफेसर अभिषेक मिश्र ही भगवान परशुराम की मूर्ति लाने के लिए राजस्थान गए थे. उन्होंने परशुराम की मूर्ति लगवाने की बात करके ब्राह्मण राजनीति को धार देकर योगी सरकार को घेरने की कवायद की थी. योगी सरकार पर ब्राह्मणों के साथ अन्याय का आरोप अकेले सपा ने ही नहीं, बल्कि कांग्रेस और बसपा ने भी मुखर होकर लगाया है.

ब्राह्मणों पर विपक्ष की नजर क्यों?

दरअसल, ब्राह्मण और बनिया बिरादरी के लोगों को भारतीय जनता पार्टी का कोर मतदाता माना जाता है. खराब दिनों में भी यह भाजपा के साथ खड़ा था. विपक्ष इन्हीं मतदाताओं को तोड़ने की फिराक में है. भाजपा के यही मतदाता माहौल बनाने में भी अग्रणी भूमिका अदा करता रहा है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में जातीय राजनीति की चर्चा न हो, यह बहुत कम ही देखने को मिला है. इस बार सियासत के केंद्र में ब्राह्मण हैं. विपक्षी दलों के खेमे में खेली जा रही ब्राह्मण-ब्राह्मण की राजनीति के बीच योगी सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने समाजवादी पार्टी पर पलटवार किया है. उन्होंने सपा की घोषित पदाधिकारियों की सूची ट्वीट करके उनके ब्राह्मण प्रेम पर सवाल खड़ा किया है.

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी ने 24 अगस्त को अलीगढ़, कासगंज, कानपुर, गौतमबुद्धनगर समेत प्रदेश के 14 जिलों में अपने अध्यक्षों की घोषणा की है. इन अध्यक्षों के साथ जिला कमेटी के कुछ अन्य पदाधिकारियों की भी घोषणा की गई. बेसिक शिक्षा मंत्री ने इसी सूची को ट्वीट करके यह बताने की कोशिश की है कि इनकी सूची में ब्राह्मणों का स्थान कहां है.

  • एक महीने से ब्राम्हण-ब्राम्हण और परशुराम-परशुराम खेल रहे प्रबुद्ध लोग समाजवादी पार्टी की इस सूची को गौर से देखें। pic.twitter.com/dvAkEA60Nc

    — Dr Satish Dwivedi (@drdwivedisatish) August 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस सूची को देखें तो सपा के ब्राह्मण प्रेम का नशा उतर जाएगा. बेसिक शिक्षा मंत्री ने ट्वीट करके कहा कि एक महीने से ब्राह्मण-ब्राह्मण और परशुराम-परशुराम खेल रहे प्रबुद्ध लोग समाजवादी पार्टी की इस सूची को गौर से देखें. सपा के ब्राह्मण प्रेम का नशा उतर जाएगा.

उनका कटाक्ष समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण नेताओं पर है. ज्ञात हो कि अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके सपा के नेता प्रोफेसर अभिषेक मिश्र ही भगवान परशुराम की मूर्ति लाने के लिए राजस्थान गए थे. उन्होंने परशुराम की मूर्ति लगवाने की बात करके ब्राह्मण राजनीति को धार देकर योगी सरकार को घेरने की कवायद की थी. योगी सरकार पर ब्राह्मणों के साथ अन्याय का आरोप अकेले सपा ने ही नहीं, बल्कि कांग्रेस और बसपा ने भी मुखर होकर लगाया है.

ब्राह्मणों पर विपक्ष की नजर क्यों?

दरअसल, ब्राह्मण और बनिया बिरादरी के लोगों को भारतीय जनता पार्टी का कोर मतदाता माना जाता है. खराब दिनों में भी यह भाजपा के साथ खड़ा था. विपक्ष इन्हीं मतदाताओं को तोड़ने की फिराक में है. भाजपा के यही मतदाता माहौल बनाने में भी अग्रणी भूमिका अदा करता रहा है.

Last Updated : Aug 25, 2020, 9:27 PM IST
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