लखनऊ : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के मौके पर शुक्रवार को सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CDRI) में सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. रितु त्रिवेदी को डीएसटी द्वारा ट्रांसलेशनल रिसर्च (अनूदित अनुसंधान) में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक पुरस्कार विज्ञान एवं तकनीकी केन्द्रीय मंत्री, माननीय डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रदान किया. यह पुरस्कार उन्हें औषधि रीयूनियन, तेजी से फ्रैक्चर उपचार और पोस्टमेनोपॉजल ऑस्टियोपोरोसिस के प्रबंधन के लिए उपयोगी है.
डॉ. रितु को हाल ही में प्रकाशित "75 अंडर 50: साइंटिस्ट्स शेपिंग टुडेज़ इंडिया" में भी चुना गया था. डॉ. रितु त्रिवेदी ने हाल ही में विज्ञान प्रसार द्वारा प्रकाशित "75 अंडर 50: साइंटिस्ट्स शेपिंग टुडेज इंडिया" कॉफी टेबल पुस्तक में चित्रित किया है. उसे मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 पर जारी किया गया था. यह पहल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा की गई थी. 50 वर्ष से कम आयु के 75 वैज्ञानिकों में से केवल 12 महिलाओं को इस पुस्तक में चित्रित किया गया है. डॉ. रितु त्रिवेदी भी उनमें से एक हैं जिन्होंने सीडीआरआई को गौरवान्वित किया है.
इसके अलावा, उन्हें प्रतिष्ठित रिलायंस इंडस्ट्रीज प्लेटिनम जुबली अवार्ड (2020), जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा टाटा इनोवेशन अवार्ड-2019-20 और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंडिया (NASI) द्वारा पी.शील अवार्ड-2019 से सम्मानित किया गया है. तेवतिया मेमोरियल ओरेशन अवार्ड (2018), मार्क सेडम एटम चेयर द्वारा फ्रैक्चर हीलिंग और पोस्ट मेनोपॉजल ऑस्टियोपोरोसिस दवा रीयूनियन के लैब से बाजार तक अनूदित अनुसंधान हेतु स्टेम (एसटीईएम) इम्पैक्ट अवार्ड (2019), ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए वर्ष 2019 का प्रौद्योगिकी पुरस्कार, इंदिरा गांधी सम्मान 2017, फ्रैक्चर हीलिंग और पोस्ट-मेनोपॉजल ऑस्टियोपोरोसिस के लिए डालबर्जिया सिसो के लिए प्रौद्योगिकी पुरस्कार (2016) आदि पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत (NASI) ने उन्हें विज्ञान में उनके योगदान के लिए अकादमी का फेलो (FNASc ) भी चुना है.
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सीडीआरआई में मनाया गया स्वच्छता पखवाड़ा : केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान द्वारा एक से 15 मई तक स्वच्छता पखवाड़ा-2022 मनाया गया. पखवाड़े के शुरुआत में मुख्य वैज्ञानिक एवं आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. शरद शर्मा ने स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान की आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों का विवरण दिया. पखवाड़े के आयोजन का शुभारंभ निदेशक डॉ. डी. श्रीनिवास रेड्डी द्वारा डिजिटल मोड के माध्यम से संस्थान के वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को "स्वच्छता प्रतिज्ञा" दिलवाने से हुआ था. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता पखवाड़ा के विभिन्न पोस्टर भी जारी किए.
इस पंद्रह दिवसीय कार्यक्रम के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया. इसमें सुरक्षा अनुरूप कचरा पेटी (वेस्ट बिन) का वितरण, पुरानी फाइलों और अभिलेखों का निस्तारण (बीड आउट), अप्रचलित वस्तुओं का निपटान, जागरूकता के लिए स्वच्छता कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार/बैनर प्रदर्शन, स्वच्छ परिसर के लिए सभी वैज्ञानिकों कर्मचारियों एवं शोध छात्रों द्वारा श्रम दान एवं सफाई अभियान, कोविड के मद्देनजर इमारतों का सेनिटाइजेशन, हर्बल हेरिटेज ट्रीज़ (औषधीय विरासत के वृक्षों) का वृक्षारोपण, नुक्कड़ नाटक और समूह चर्चा, स्वच्छता किट/सैनिटाइजर का वितरण आदि सम्मिलित हैं.
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