लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग की ओर से लखनऊ में आयोजित 'स्कूल समिट' कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में पिछले लगभग दो दशक से शिक्षा व्यवस्था का ढांचा बिल्कुल गड़बड़ा गया था.
शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय ने कहा कि गणित और विज्ञान जैसे विषयों में शिक्षकों की कमी इतनी ज्यादा थी कि लोगों ने सरकारी स्कूलों की ओर से मुंह मोड़ लिया था. वे अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजने को मजबूर थे. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल ने शिक्षक भर्ती करने का फैसला लिया. लगभग 23 से 24 साल बाद छत्तीसगढ़ में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती की जा रही है. इसके शुरुआती परिणाम भी सामने आने लगे हैं.
स्कूलों में मूल्यांकन कार्यक्रम किया लागू
उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने के लिए हमने सीखने और सिखाने का मूल्यांकन कार्यक्रम लागू किया. स्कूलों में बच्चों को क्या सीखने की जरूरत है और उन्हें क्या सिखाया जा रहा है. बच्चों को जो सिखाया जा रहा है, क्या वही सिखाया जाना चाहिए. ऐसे तमाम सवालों के साथ हम उनके बीच गए और हमने सिखाने के तरीकों का आकलन किया. उनका मूल्यांकन कर शिक्षा के सही तरीकों की पहचान सुनिश्चित की है. इन सबका असर देखने को मिल रहा है.