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लखनऊ: मानसून में भी खुद को रखें हाइड्रेटेड, पिएं 2 से 3 लीटर पानी - मानसून में खुद को रखें हाइड्रेटेड

ईटीवी भारत की टीम ने कोरोना और बदलते मौसम के साथ होने वाली समस्याओं के बारे में डॉक्टर केपी त्रिपाठी से बात की. उन्होंने बताया कि सीजनल सर्दी-जुकाम में काढ़ा पीने या फिर गरारा से आराम मिलता है. अगर ज्यादा परेशानी है तो अपने नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें.

मानसून में खुद को रखें हाइड्रेटेड.
मानसून में खुद को रखें हाइड्रेटेड.
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Published : Jul 20, 2020, 2:48 AM IST

लखनऊ: एक तरफ प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बारिश के मौसम में लोगों को सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी समस्याएं होना आम बात है. खास बात ये है कि कोरोना के मरीजों में भी यही लक्षण देखने को मिलते हैं. इस वर्ष लोगों में बारिश के मौसम में जरा सी भी तबीयत खराब होने पर लोगों के दिलों में कोविड-19 का डर बैठ गया है. इस विषय पर ईटीवी भारत की टीम ने लखनऊ के संक्रामक रोगों के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर केपी त्रिपाठी से बात की.

मानसून में खुद को रखें हाइड्रेटेड.

न रखें कोई स्टिग्मा
डॉक्टर त्रिपाठी कहते हैं कि कोविड-19 की महामारी और मानसून सीजन की बीमारी लगभग एक सी हैं. अभी तक उत्तर प्रदेश में किसी भी कोविड-19 से संक्रमितों को घर पर रहने का नियम नहीं आया है. स्वास्थ्य विभाग हर व्यक्ति को अस्पताल और क्वारनटाइन सेंटर मुहैया करवाता है. कोई भी कोविड-19 पॉजिटिव मरीज मिलने पर उसे अस्पताल ले जाना, इस समय स्वास्थ्य विभाग की स्टेट पॉलिसी है. इस वक्त मानसून का सीजन भी चल रहा है, इसलिए हम लोगों से यह भी कह रहे हैं कि वह अपने अंदर किसी भी तरह का कोई स्टिग्मा न रखें.उन्होंने बताया कि वायरल सीजन में आमतौर पर लोग फंगल इन्फेक्शन, बैक्टीरियल इन्फेक्शन, हल्का बुखार, भीग जाने पर सर्दी जुखाम या गले में खराश जैसी समस्याओं से जूझ सकते हैं. लेकिन यह आमतौर पर काढ़ा पीने या फिर गरारा आदि करने से खत्म हो सकता है. बुखार आने पर गीली पट्टी माथे पर रखने से भी आराम मिलता है.

दिन भर में पिएं इतना पानी
डॉक्टर त्रिपाठी कहते हैं कि मानसून और वायरल बीमारी को दृष्टिगत रखते हुए हाइड्रेशन एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है. हाइड्रेशन का मतलब है उचित मात्रा में पानी पिया जाना. आमतौर पर गर्मी के मौसम में लोग ज्यादा पानी-पीने में विश्वास रखते हैं, लेकिन मानसून के मौसम में भी अपने शरीर को हाइड्रेटेड जरूर रखें. हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए, प्यास लगे या न लगे, उसे कम से कम 2 से 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए. जब आप पानी पीते हैं तो आपके शरीर की कोशिकाएं हाइड्रेटेड रहती है और आपकी इम्यूनिटी निरंतर बढ़ती है.

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर त्रिपाठी बताते हैं कि वायरल सीजन में गले में अभी खराश हो तो विटामिन सी की गोलियां ले और नियमित रूप से गर्म पानी पिएं. इसके अलावा बीटाडीन या फिर किसी अन्य थ्रोट डिसइन्फेक्टेंट लोशन से गरारा जरूर करें.

सोच रखें सकारात्मक
डॉ. त्रिपाठी यह भी कहते हैं कि यदि आपको वायरल इन्फेक्शन के लक्षण गंभीर लग रहे हो तो कोविड-19 की जांच जरूर करवाएं. जितनी जल्दी आपकी जांच हो जाएगी उतनी ही जल्दी आप निश्चिंत हो सकते हैं. इसके साथ ही अपनी सोच हमेशा सकारात्मक रखें और नकारात्मक विचारों को अपने अंदर न आने दें. इसके अलावा यदि आप या आपके आसपास कोई भी व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित होता है तो समय पर उसे अस्पताल में भर्ती करवाएं. जिससे किसी भी तरह की कॉम्प्लिकेशन होने पर अस्पताल में मरीज का समुचित रूप से इलाज किया जा सके.

लखनऊ: एक तरफ प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बारिश के मौसम में लोगों को सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी समस्याएं होना आम बात है. खास बात ये है कि कोरोना के मरीजों में भी यही लक्षण देखने को मिलते हैं. इस वर्ष लोगों में बारिश के मौसम में जरा सी भी तबीयत खराब होने पर लोगों के दिलों में कोविड-19 का डर बैठ गया है. इस विषय पर ईटीवी भारत की टीम ने लखनऊ के संक्रामक रोगों के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर केपी त्रिपाठी से बात की.

मानसून में खुद को रखें हाइड्रेटेड.

न रखें कोई स्टिग्मा
डॉक्टर त्रिपाठी कहते हैं कि कोविड-19 की महामारी और मानसून सीजन की बीमारी लगभग एक सी हैं. अभी तक उत्तर प्रदेश में किसी भी कोविड-19 से संक्रमितों को घर पर रहने का नियम नहीं आया है. स्वास्थ्य विभाग हर व्यक्ति को अस्पताल और क्वारनटाइन सेंटर मुहैया करवाता है. कोई भी कोविड-19 पॉजिटिव मरीज मिलने पर उसे अस्पताल ले जाना, इस समय स्वास्थ्य विभाग की स्टेट पॉलिसी है. इस वक्त मानसून का सीजन भी चल रहा है, इसलिए हम लोगों से यह भी कह रहे हैं कि वह अपने अंदर किसी भी तरह का कोई स्टिग्मा न रखें.उन्होंने बताया कि वायरल सीजन में आमतौर पर लोग फंगल इन्फेक्शन, बैक्टीरियल इन्फेक्शन, हल्का बुखार, भीग जाने पर सर्दी जुखाम या गले में खराश जैसी समस्याओं से जूझ सकते हैं. लेकिन यह आमतौर पर काढ़ा पीने या फिर गरारा आदि करने से खत्म हो सकता है. बुखार आने पर गीली पट्टी माथे पर रखने से भी आराम मिलता है.

दिन भर में पिएं इतना पानी
डॉक्टर त्रिपाठी कहते हैं कि मानसून और वायरल बीमारी को दृष्टिगत रखते हुए हाइड्रेशन एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है. हाइड्रेशन का मतलब है उचित मात्रा में पानी पिया जाना. आमतौर पर गर्मी के मौसम में लोग ज्यादा पानी-पीने में विश्वास रखते हैं, लेकिन मानसून के मौसम में भी अपने शरीर को हाइड्रेटेड जरूर रखें. हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए, प्यास लगे या न लगे, उसे कम से कम 2 से 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए. जब आप पानी पीते हैं तो आपके शरीर की कोशिकाएं हाइड्रेटेड रहती है और आपकी इम्यूनिटी निरंतर बढ़ती है.

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर त्रिपाठी बताते हैं कि वायरल सीजन में गले में अभी खराश हो तो विटामिन सी की गोलियां ले और नियमित रूप से गर्म पानी पिएं. इसके अलावा बीटाडीन या फिर किसी अन्य थ्रोट डिसइन्फेक्टेंट लोशन से गरारा जरूर करें.

सोच रखें सकारात्मक
डॉ. त्रिपाठी यह भी कहते हैं कि यदि आपको वायरल इन्फेक्शन के लक्षण गंभीर लग रहे हो तो कोविड-19 की जांच जरूर करवाएं. जितनी जल्दी आपकी जांच हो जाएगी उतनी ही जल्दी आप निश्चिंत हो सकते हैं. इसके साथ ही अपनी सोच हमेशा सकारात्मक रखें और नकारात्मक विचारों को अपने अंदर न आने दें. इसके अलावा यदि आप या आपके आसपास कोई भी व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित होता है तो समय पर उसे अस्पताल में भर्ती करवाएं. जिससे किसी भी तरह की कॉम्प्लिकेशन होने पर अस्पताल में मरीज का समुचित रूप से इलाज किया जा सके.

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