लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय फरवरी में एक एचआर कॉन्क्लेव का आयोजन कराने जा रहा है. इस कॉन्क्लेव में विश्वविद्यालय प्रशासन इंजीनियरिंग क्षेत्र से जुड़े सभी बड़ी कंपनियों के एचआर को बुलाने की तैयारी कर रहा है. विश्वविद्यालय में चलने वाले इन तीन दिवसीय कॉन्क्लेव में विश्वविद्यालय आज के समय में इंडस्ट्री की डिमांड और रिक्रूटमेंट के तरीके पर चर्चा करेगा. इस पूरे कार्यक्रम के बाद जो भी सुझाव एचआर और इंडस्ट्री के एक्सपोर्ट द्वारा दिए जाएंगे, विश्वविद्यालय नए सत्र में उन्हें अपने पाठ्यक्रम और बच्चों के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट की प्रक्रिया में शामिल करेगा. इससे विश्वविद्यालय के शिक्षण संस्थानों के क्वालिटी सुधारने में काफी मदद मिलेगी. विश्वविद्यालय की रेटिंग में भी सुधार आएगा.
बदलावों पर की जाएगी चर्चा : एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडे ने बताया कि विश्वविद्यालय फरवरी के दूसरे सप्ताह में तीन दिवसीय एचआर कॉन्क्लेव का आयोजन करने जा रहा है. इस एचआर कॉन्क्लेव में इंजीनियरिंग मैनेजमेंट सहित सभी इंडस्ट्री के एचआर को बुलाया गया है. इस एचआर कॉन्क्लेव के माध्यम से विश्वविद्यालय और उससे जुड़े संस्थाओं को मौजूदा समय में इंडस्ट्री की क्या डिमांड है और बच्चों को किस तरह से इंडस्ट्री के अनुसार तैयार किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा आने वाले भविष्य में इंजीनियरिंग इंडस्ट्री और उससे जुड़े अन्य सेक्टर में क्या बड़े बदलाव होने वाले हैं, उन पर भी चर्चा की जाएगी. इस पूरे कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन यह समझने और जानने की कोशिश करेगा कि इंडस्ट्री संस्थाओं से किस तरह के चीजों की डिमांड की उम्मीद रखता है. उसमें सुधार करने के लिए विश्वविद्यालय और संस्थाओं को किस तरह से खुद में बदलाव की जरूरत है.
छात्रों की कराई जाएग ट्रेनिंग : प्रोफेसर जेपी पांडे ने बताया कि मौजूदा समय में हमारे संस्थानों में जो बीटेक व अन्य कोर्स पढ़ाए जाते हैं. उन्हें आने वाले चुनौतियों और इंडस्ट्री के डिमांड के अनुसार तैयार करने के लिए समय-समय पर बदलाव की जरूरत है. उन्होंने बताया कि इस एचआर कॉन्टैक्ट के माध्यम से हम इंडस्ट्री में हो रहे बदलाव और उसके अनुसार विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थानों में क्या चीज बच्चों को पढ़ाया जाए इस पर चर्चा करेंगे. इसके साथ ही इंडस्ट्री की जो प्रमुख डिमांड होगी उसे अपने करिकुलम में शामिल करेंगे. नए सत्र से इसके अनुसार बदलाव की प्रक्रिया को भी शुरू किया जाएगा. साथ ही सभी बड़ी कंपनियों की तरफ से हायरिंग और प्लेसमेंट को लेकर जो भी डिमांड की जाएगी उसके अनुसार सभी कॉलेजों में ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल को उसके अनुसार अपने आप को अपग्रेड करने और छात्रों को उसके अनुसार तैयार करने की ट्रेनिंग भी शुरू कराई जाएगी.
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