लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के घटक संस्थान फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्चर की शिक्षिका डॉ. फरहीन बानो की इस साल के लिए शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें सम्मानित करेंगी. डॉ. फरहीन बानो अपने क्लासरूम में किताबें से पढ़ने के परंपरागत तरीके से हटकर ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ने पर ज्यादा फोकस करती हैं. इसके अलावा उनकी कोशिश रहती है कि बच्चों को कार्यस्थल पर ले जाकर उन्हें लाइव डेमोंसट्रेशन देकर सिखाया जाए. उनके इसी कुशलता के लिए उन्हें उच्च शिक्षा विभाग की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर दिए जाने वाले पुरस्कार के लिए उत्तर प्रदेश से चयनित किया गया है. डॉ. फरहीन शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के तहत देश भर में चुने गए 13 शिक्षकों में शामिल हैं.
अपने पढ़ने के अनूठे तरीके से सबको किया प्रभावित : डॉ. फरहीन ने बताया कि जब छात्र पढ़ाई के बाद जाता है तो उसके सामने किताबों में पढ़ाई गई समस्याएं नहीं होती हैं. उनका फोकस हमेशा बच्चों को सीखने पर रहा है. पढ़ाई के दौरान जब वह बच्चों को बताती हैं कि क्लाइंट उसे अपनी जरूरत और सामने आने वाली समस्याओं का हिसाब से भवन का नक्शा तैयार करने को कहेंगे तब उनके सामने जो दिक्कत आएगा, उसे कैसे हल करें. इसको देखते हुए पढ़ाई के दौरान छात्रों को आसपास चल रहे प्रोजेक्ट के आधार पर डिजाइन तैयार करने को कहा गया. साथ ही अयोध्या को केंद्र में रखकर भी भवन डिजाइन करने के असाइनमेंट दिए गए. इस तरह से विद्यार्थियों को फील्ड की प्रेक्टिकल की जानकारी मिलती है.
डॉ. फरहीन बानो ने बताया कि वह मौजूदा समय में एकेटीयू पीएचडी कर रही हैं. आईआईटी रुड़की से एमआर्क की पढ़ाई पूरी की है. इससे पहले एकेटीयू की ओर से भी उन्हें बेस्ट शिक्षक का अवार्ड मिल चुका है. उनके पढ़ने की तकनीक को विकसित करने के लिए एआईसीटीई की टीम ने कैंपस जाकर उनका वीडियो भी रिकॉर्ड किया है. पांच सितंबर को राष्ट्रपति के साथ होने वाले समझ से पहले 4 सितंबर को इसका रिहर्सल होगा. रिहर्सल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे. इस तरह से इस पुरस्कार समारोह के दौरान प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों से मिलन होगा.