लखनऊ: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr APJ Abdul Kalam Technical University) के घटक संस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) का दर्जा बदल गया है. अब इस एकेटीयू का फैकल्टी का दर्जा (Faculty status to IET) प्रदान किया गया है. आईईटी 14 साल पहले 2009 में एकेटीयू का घटक कॉलेज बना था. इस पर बुधवार को विवि की कार्य परिषद ने अपनी मुहर लगा दी है. साथ ही सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज और नोएडा के यूपी इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन को भी फैकल्टी का दर्जा देने पर परिषद ने अपनी स्वीकृत प्रदान की है.
एकेटीयू ने नैक मूल्यांकन को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है. बुधवार को एकेटीयू कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडे (AKTU Vice Chancellor Professor JP Pandey) की अध्यक्षता में सम्पन्न कार्य परिषद की बैठक में इसकी झलक देखने को मिली. बैठक में विवि की ओर से एक सेंटर, एक घटक कॉलेज और एक इंस्टीट्यूट को एकेटीयू की फैकल्टी बनाने के प्रस्ताव रखा गया. जिस पर कार्य परिषद ने अपनी मुहर लगा दी है. इसके साथ ही अब एकेटीयू के पास चार फैकल्टी (संकाय) हो गए हैं.
अभी तक विवि के पास फैकल्टी के नाम पर फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्ट ही थी, लेकिन कार्य परिषद की स्वीकृत के बाद सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज को अब फैकल्टी ऑफ एडवांस स्टडीज और नोएडा के इंस्टीट्यूट यूपी इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन को फैकल्टी ऑफ डिजाइन नोएडा के नाम से जाना जाएगा. जानकारों के मुताबिक नैक मूल्यांकन के लिए संकाय की जरुरत थी. लिहाजा मूल्यांकन में आने वाली बाधा दूर हो गई है. इसके साथ ही आईईटी मेें निदेशक पद से लेकर अन्य कई चीजों को लेकर होने वाले विवादों का भी अंत हो जाएगा.
निर्माण कार्य का हर माह होगी जांच: विवि में होने वाले निर्माण कार्य और मरम्मत की गुणवत्ता को हर हाल में सुनिश्चित किया जाएगा. इसका एक विवि की ओर से प्रत्येक माह परीक्षण कराया किया जाएगा. इसके लिए प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कमेटी (पीओएस)के गठन के प्रस्ताव पर परिषद ने अपनी सहमति प्रदान की है. अब पीओएस निर्माण और मरम्मत कार्य की हर महीने निगरानी करने के साथ ही जियो टैगिंग आदि की रिपोर्ट बनाएगा.
छात्रों की राय से तैयार होंगे सिलेबस: वहीं कार्य परिषद ने छात्रों को बोर्ड ऑफ स्टडीज में शामिल करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृत दे दी है. अब छात्र पढ़ाई करने के साथ ही अपने लिये सिलेबस तैयार करने में राय देंगे. उनकी राय के बाद ही सिलेबस तैयार होगा. नई शिक्षा नीति को लागू करते हुए सिलेबस में छात्रों के सुझाव पर भी विचार किया जाएगा.
विवि का अपना बनेगा विजलेंस मैनुअल: विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को लागू करते हुए विजलेंस मैनुअल बनाने के लिए कमेटी गठित करने के प्रस्ताव पर परिषद ने अपनी सहमति प्रदान की. कमेटी की संस्तुति के आधार पर ही विजलेंस मैनुअल बनाया जाएगा.
बनेगी मल्टी परपज बिल्डिंग: इसके अलावा विश्वविद्यालय में अलग नवीन मल्टी परपज बिल्डिंग (एकेडमिक ब्लाक) बनाने का रास्ता साफ हो गया. इसकी मूंजरी भी परिषद ने दी है. इसमें प्रबंधन और फार्मेसी व अन्य के अध्ययन का प्रस्ताव भी है. साथ ही नवीन परीक्षा भवन के प्रस्ताव को समिति ने हरी झंडी दे दी. (Lucknow News in Hindi)
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