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KGMU के डॉक्टरों ने बच्चों में हड्डी के कैंसर पर की बड़ी रिसर्च, किया यह दावा

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Published : Dec 6, 2020, 1:04 AM IST

राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने प्रोटीन की स्टडी में यह दावा किया है कि बच्चों में हड्डी के कैंसर का खुलासा आसानी से हो सकेगा. इसके लिए कई दिनों तक की जाने वाली बायोप्सी रिपोर्ट का इंतजार अब नहीं करना पड़ेगा.

KGMU के डॉक्टरों ने बच्चों में हड्डी के कैंसर पर की बड़ी रिसर्च
KGMU के डॉक्टरों ने बच्चों में हड्डी के कैंसर पर की बड़ी रिसर्च

लखनऊ: राजधानी के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने अपनी नई रिसर्च में यह खुलासा किया है कि बच्चों में होने वाले हड्डी के कैंसर को आसानी से पता लगाया जा सकता है. इसके लिए बायोप्सी रिपोर्ट का अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बस कुछ एमएल खून लेकर बच्चों में कैंसर की पुष्टि आसानी से की जा सकती है, जिससे समयानुसार डॉक्टर मरीज की कीमोथेरेपी भी शुरू कर सकेंगे.

खून की जांच से होगी बोन कैंसर की पुष्टि
मलेशिया की मलाया यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राजधानी लखनऊ के केजीएमयू के पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अजय सिंह ने हिस्सा लिया. इसमें उन्होंने अपनी नई रिसर्च को बताया. डॉक्टर अजय सिंह के मुताबिक बोन कैंसर में बच्चों में ओस्टियोसार्कोमा काफी पाया जाता है. वहीं बोन कैंसर 10 से 22 साल की उम्र के बच्चों में ज्यादा मिलता है. इस दौरान बायोप्सी जांच में कई दिन बीत जाते हैं, जिसके फल स्वरुप रिपोर्ट मिलने तक कैंसर शरीर को काफी नुकसान पहुंचा देता है. ऐसे में खून की जांच से 48 घंटे में ही कैंसर की पुष्टि हो सकेगी. इसके आधार पर डॉक्टर अपना उपचार समयानुसार शुरू कर सकते हैं.

डॉक्टर अजय सिंह के मुताबिक विभाग में 80 बच्चों पर यह स्टडी की गई. इसमें 40 बच्चे सामान्य रहे. वहीं 40 कैंसर पीड़ित थे. कैंसर पीड़ित बच्चों के खून की जांच में सीसीएन 3 प्रोटीन का लेवल अधिक मात्रा में पाया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ब्लड टेस्ट में बच्चों की प्रोटीन का लेवल जांच कर ओस्टियोसार्कोमा कैंसर की पुष्टि की जा सकती है.

लखनऊ: राजधानी के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने अपनी नई रिसर्च में यह खुलासा किया है कि बच्चों में होने वाले हड्डी के कैंसर को आसानी से पता लगाया जा सकता है. इसके लिए बायोप्सी रिपोर्ट का अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बस कुछ एमएल खून लेकर बच्चों में कैंसर की पुष्टि आसानी से की जा सकती है, जिससे समयानुसार डॉक्टर मरीज की कीमोथेरेपी भी शुरू कर सकेंगे.

खून की जांच से होगी बोन कैंसर की पुष्टि
मलेशिया की मलाया यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राजधानी लखनऊ के केजीएमयू के पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अजय सिंह ने हिस्सा लिया. इसमें उन्होंने अपनी नई रिसर्च को बताया. डॉक्टर अजय सिंह के मुताबिक बोन कैंसर में बच्चों में ओस्टियोसार्कोमा काफी पाया जाता है. वहीं बोन कैंसर 10 से 22 साल की उम्र के बच्चों में ज्यादा मिलता है. इस दौरान बायोप्सी जांच में कई दिन बीत जाते हैं, जिसके फल स्वरुप रिपोर्ट मिलने तक कैंसर शरीर को काफी नुकसान पहुंचा देता है. ऐसे में खून की जांच से 48 घंटे में ही कैंसर की पुष्टि हो सकेगी. इसके आधार पर डॉक्टर अपना उपचार समयानुसार शुरू कर सकते हैं.

डॉक्टर अजय सिंह के मुताबिक विभाग में 80 बच्चों पर यह स्टडी की गई. इसमें 40 बच्चे सामान्य रहे. वहीं 40 कैंसर पीड़ित थे. कैंसर पीड़ित बच्चों के खून की जांच में सीसीएन 3 प्रोटीन का लेवल अधिक मात्रा में पाया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ब्लड टेस्ट में बच्चों की प्रोटीन का लेवल जांच कर ओस्टियोसार्कोमा कैंसर की पुष्टि की जा सकती है.

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