लखनऊ : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो विजय कुमार के नेतृत्व वाली डाॅक्टरों की टीम ने 14 वर्षीय किशोर के कंधे से नीचे पूरी तरह कटे हाथ को 7-8 घंटे की जटिल सर्जरी के बाद जोड़ने में सफलता हासिल की है. बच्चे का दाहिना हाथ तेल निकालने की मशीन में फंस जाने के बाद कट गया था. करीब एक माह तक लगातार मॉनीटरिंग के बाद मरीज को घर जाने के लिए छुट्टी दे दी गई है. खास बात यह है कि चूंकि मरीज के हाथ कटने के बाद गोल्डेन ऑवर में केजीएमयू ले आया गया जिस कारण सर्जरी की सफलता की संभावना बढ़ गई.
अमेठी निवासी पुतुल कुमार यादव (Amethi resident Putul Kumar Yadav) के 14 वर्षीय पुत्र शिवांश यादव का दाहिना हाथ 21 नवंबर को शाम 5 बजे तेल निकालने की मशीन में फंस जाने के बाद कंधे के नीचे से पूरी तरह कट गया था. शिवांश को उसके परिवारीजन तुरंत की पास के मुंशीगंज अस्पताल में ले गए जहां पर डॉक्टर ने तुरंत ही केजीएमयू ले जाने का परामर्श दिया. साथ ही कटे हुए हाथ को बर्फ में लपेटकर मरीज के परिवार के सुपुर्द कर दिया.
शिवांश को लेकर उसके माता-पिता रात 10 बजे केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे जहां प्लास्टिक सर्जरी के डॉक्टर की टीम ने बारीकी से जांच की तथा आवश्यक जांचों के बाद तुरंत ही ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट कर दिया. कटे हुए हाथ को तुरंत ही ऑपरेशन थिएटर में लाकर सफाई करने के बाद रिप्लांटेशन की तैयारी की गई. यह जटिल ऑपरेशन लगभग 7-8 घंटे में माइक्रोवस्कुलर तकनीकी (microvascular technology) के द्वारा पूर्ण किया गया.
ऑपरेशन में प्लास्टिक सर्जरी के डॉक्टर के अलावा एनेस्थीसियोलॉजी (बेहोशी के डॉक्टर) भी शामिल रहे. कटे हाथ की नियमित निगरानी की गई और रोजाना ड्रेसिंग व अन्य जरूरी इंजेक्शन दिए गए. प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो विजय कुमार के नेतृत्व में ऑपरेटिंग टीम में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों में डॉ संध्या पांडे, डॉ. किरण सिलवाल, डॉ. चिंता काव्या, डॉ. नम्रता, डॉ. प्राची, डॉ. मेहवश खान, डॉ. रोहित, डॉ. कार्तिकेय, ऑर्थोपैडिक के डॉ. शैलेंद्र सिंह और उनकी टीम तथा एनेस्थीसिया विभाग के डॉ प्रेम राज शामिल थे. कटे हाथ में पूर्ण रूप से रक्त प्रवाह आने के बाद धीरे-धीरे फिजियोथैरेपी शुरू की गई. अभ मरीज शिवांश को डिस्चार्ज कर दिया गया है.
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कंधे से कट कर अलग हुए हाथ को केजीएमयू के डाॅक्टरों ने फिर से जोड़ा, गोल्डेन ऑवर का मिला लाभ - माइक्रोवस्कुलर तकनीकी
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो विजय कुमार के नेतृत्व वाली डाॅक्टरों की टीम ने 14 वर्षीय किशोर के कंधे से नीचे पूरी तरह कटे हाथ को 7-8 घंटे की जटिल सर्जरी के बाद जोड़ने में सफलता हासिल की है. बच्चे का दाहिना हाथ तेल निकालने की मशीन में फंस जाने के बाद कट गया था.
लखनऊ : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो विजय कुमार के नेतृत्व वाली डाॅक्टरों की टीम ने 14 वर्षीय किशोर के कंधे से नीचे पूरी तरह कटे हाथ को 7-8 घंटे की जटिल सर्जरी के बाद जोड़ने में सफलता हासिल की है. बच्चे का दाहिना हाथ तेल निकालने की मशीन में फंस जाने के बाद कट गया था. करीब एक माह तक लगातार मॉनीटरिंग के बाद मरीज को घर जाने के लिए छुट्टी दे दी गई है. खास बात यह है कि चूंकि मरीज के हाथ कटने के बाद गोल्डेन ऑवर में केजीएमयू ले आया गया जिस कारण सर्जरी की सफलता की संभावना बढ़ गई.
अमेठी निवासी पुतुल कुमार यादव (Amethi resident Putul Kumar Yadav) के 14 वर्षीय पुत्र शिवांश यादव का दाहिना हाथ 21 नवंबर को शाम 5 बजे तेल निकालने की मशीन में फंस जाने के बाद कंधे के नीचे से पूरी तरह कट गया था. शिवांश को उसके परिवारीजन तुरंत की पास के मुंशीगंज अस्पताल में ले गए जहां पर डॉक्टर ने तुरंत ही केजीएमयू ले जाने का परामर्श दिया. साथ ही कटे हुए हाथ को बर्फ में लपेटकर मरीज के परिवार के सुपुर्द कर दिया.
शिवांश को लेकर उसके माता-पिता रात 10 बजे केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे जहां प्लास्टिक सर्जरी के डॉक्टर की टीम ने बारीकी से जांच की तथा आवश्यक जांचों के बाद तुरंत ही ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट कर दिया. कटे हुए हाथ को तुरंत ही ऑपरेशन थिएटर में लाकर सफाई करने के बाद रिप्लांटेशन की तैयारी की गई. यह जटिल ऑपरेशन लगभग 7-8 घंटे में माइक्रोवस्कुलर तकनीकी (microvascular technology) के द्वारा पूर्ण किया गया.
ऑपरेशन में प्लास्टिक सर्जरी के डॉक्टर के अलावा एनेस्थीसियोलॉजी (बेहोशी के डॉक्टर) भी शामिल रहे. कटे हाथ की नियमित निगरानी की गई और रोजाना ड्रेसिंग व अन्य जरूरी इंजेक्शन दिए गए. प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो विजय कुमार के नेतृत्व में ऑपरेटिंग टीम में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों में डॉ संध्या पांडे, डॉ. किरण सिलवाल, डॉ. चिंता काव्या, डॉ. नम्रता, डॉ. प्राची, डॉ. मेहवश खान, डॉ. रोहित, डॉ. कार्तिकेय, ऑर्थोपैडिक के डॉ. शैलेंद्र सिंह और उनकी टीम तथा एनेस्थीसिया विभाग के डॉ प्रेम राज शामिल थे. कटे हाथ में पूर्ण रूप से रक्त प्रवाह आने के बाद धीरे-धीरे फिजियोथैरेपी शुरू की गई. अभ मरीज शिवांश को डिस्चार्ज कर दिया गया है.
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