लखनऊ : 'पेट और लीवर से संबंधित बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं, जो काफी ज्यादा खतरनाक (Doctors discussed diseases) हैं. देखा जाए तो यह सब बीमारियां व्यक्ति के दिनचर्या और उसके खान-पान पर आधारित होती हैं. आज इस कार्यक्रम में देश-विदेश के बड़े गैस्ट्रोलॉजिस्ट आए हुए हैं, जो अपनी विधा को एक दूसरे के साथ साझा कर रहे हैं. जिससे विशेषज्ञों को आपस में एक दूसरे के तरीकों और विधा के बारें में जानकारी होगी. इस तरीके के कार्यक्रम से ज्ञानवर्धन होता है. अगर व्यक्ति अपने खान-पान को सही रखें तो उसे व्यक्ति को जल्दी कोई बीमारी नहीं होगी. समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहने चाहिए. ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से दूसरे से ही बहुत कुछ सीखने का अवसर मिलता है.' यह बातें शनिवार को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहीं.
पेट और लीवर से जुड़ी हुई गंभीर बीमारियों और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचने के लिए गैस्ट्रोलॉजी के मशहूर व वरिष्ठ डॉक्टरों ने अपनी अपनी जानकारी साझा की. इन बीमारियों से बचने के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा मेडिकल से जुड़ी हुई संगोष्ठी आयोजित हुई. दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन सात व आठ अक्टूबर को किया जाएगा. शनिवार को इस कार्यक्रम का पहला दिन रहा. इस कार्यक्रम में जानलेवा बीमारियों से बचाने के उपायों पर चर्चा भी हुई. संगोष्ठी देश विदेश कई विशेषज्ञ एक साथ जुटे.
वरिष्ठ गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. रणधीर सूद ने बताया कि 'यह कार्यक्रम बहुत विशेष है क्योंकि यहां पर आज के दिन हर जगह के गैस्ट्रोलॉजिस्ट आए हुए हैं, जोकि अलग-अलग विषयों पर अपनी बातें रख रहे हैं. उन्होंने इस कार्यक्रम में पित्त की नली में स्टॉन को किस तरह से लेजर ट्रीटमेंट के जरिए हटाया जाए उसके बारे में व्याख्यान दिया. उन्होंने बताया कि लेजर विधि से पथरी के इलाज से पीलिया को तुरंत रोका जा सकता है. इसमें मुंह से दूरबीन के जरिए लेजर फाइबर से पथरी को हिटकर पाउडर बनाकर निकाला जाता है.'
गैस्ट्रोलॉजी सेंटर के हेड डॉ. पुनीत मल्होत्रा ने बताया कि 'कार्यक्रम में अलग-अलग राज्यों के भी विशेषज्ञ डॉक्टर आए हुए हैं जो अपने-अपने विषय पर व्याख्या दे रहे हैं. इस मुद्दे पर भी चर्चा हो रही है कि पेट और लीवर से संबंधित जितनी भी बीमारियां हैं क्या उनके लिए कोई अलग या नया इलाज शुरू हुआ है. इस तरह के कार्यक्रमों में एक दूसरे से विशेषज्ञ डॉक्टर को जानकारी मिलती है. नई विधाएं सीखने का मौका मिलता है. इस कार्यक्रम के जरिए विशेषज्ञ को यह जानकारी मिलती है कि क्या इस क्षेत्र में कुछ नया किया जा रहा है क्या कोई नई तकनीक आई है, जो मरीज के लिए मददगार साबित हो.'
सीनियर कंसल्टेंट गैस्ट्रोलॉजी विभाग देहरादून से डॉ. पीके अग्रवाल ने बताया कि 'यह एक लोकल चैप्टर कहलाएगा. यह स्टेट चैप्टर है. इस कार्यक्रम में देश विदेश से वरिष्ठ गैस्ट्रोलॉजिस्ट आए हुए हैं. देखा जाए तो एक तरह से यह नेशनल मीटिंग आयोजित हो रही है. बहुत अच्छे-अच्छे विषय पर चर्चा हो रही है. पेट और लीवर विभिन्न प्रकार की बीमारियों पर विशेषज्ञ अपनी जानकारी साझा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में उन्होंने किस तरह से डॉक्टर बर्न आउट होते हैं और स्ट्रेस का लेवल उनका बढ़ जाता है. इस स्थिति में विशेषज्ञ डॉक्टर को क्या करना चाहिए.'
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