लखनऊ: सीएम योगी से हरी झंडी मिलने के बाद कोरोना से जंग जीतने के लिए मेडिकल व पैरामेडिकल अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने मोर्चा संभाल लिया है. उत्साह के साथ यह छात्र-छात्राएं मरीजों की सेवा में जुट गए हैं. इससे जहां स्टाफ की कमी झेल रहे अस्पतालों को संजीवनी मिली है. वहीं मरीजों को भी राहत मिला है. बता दें कि छात्र इसलिए प्रसन्न है कि इस दौरान उन्हें सीखने का मौका मिल रहा है.
तैयार हो रही है कोरोना वारियर्स की नई फौज
कोरोना के दूसरे चरण से देश जंग लड़ रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो अभी तीसरा चरण सितंबर तक आने वाला है. ऐसे में अब देश में कोरोना वॉरियर्स की नई फोर्स तैयार हो चुकी है. जो अस्पतालों में कोरोना मरीजों को हैंडल कर रही है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी सभी मेडिकल कॉलेजों में कोरोना वॉरियर्स की नई फोर्स तैयार हो चुकी है जो प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में कोविड मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
देश के लिए कुछ करने का मौका मिला
छात्रा डॉ. सरीना जेहरा बताती हैं कि उनके लिए ये वाकई गर्व की बात है कि उन्हें भी इस आपदा के वक्त अपने देश के लिए कुछ करने का मौका मिला. एमबीबीएस अंतिम वर्ष की छात्रा डॉ. शुभम प्रजापति का कहना है कि सेवा के साथ सीखने और जानने का भी मौका मिलेगा.
स्वास्थ्य सेवाओं को मिली संजीवनी
इन छात्र-छात्राओं को बाकयदा ट्रेनिंग के बाद कोविड मरीजों को हैंडल करने का मौका दिया गया है. प्रदेश में करीब 52 मेडिकल कॉलेज हैं, ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस हद तक प्रदेश में इन एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं से प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को बल मिला है.
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