लखनऊ : प्रदेश भर में इस समय वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है. मौजूदा समय में वायरल बुखार इस कदर हो रहा है कि आम जनमानस में यह भ्रांति हो रही है कि यह रहस्यमयी बीमारी स्क्रब टाइफस है, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. सोशल मीडिया पर स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) को लेकर काफी तेजी से बातें हो रही हैं. इस समय जो वायरल बुखार हो रहा है उसमें और स्क्रब टाइफस में बिल्कुल बारीक सा अंतर है और यह अंतर आम तौर पर बहुत से लोग नहीं सोच पाते हैं. दोनों ही समस्याओं में तेज बुखार, सिर दर्द होना, शरीर दर्द होना जैसी समस्याएं शामिल हैं, लेकिन एक ऐसा अंतर है, जो दोनों बीमारियों को अलग करता है. शायद ही प्रदेश का कोई ऐसा घर हो, जिसमें एक मरीज पीड़ित न निकले, लोग जूझ रहे हैं ठीक भी हो रहे हैं.
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 'इस समय वायरल बुखार में रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आ रही है, जबकि सारे लक्षण डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया से मिलते जुलते हैं पर जब मरीज जांच कराते हैं तो सभी रिपोर्ट निगेटिव आती है, इस समय यह वायरल बुखार तेजी से फैला हुआ है. इस वायरल बुखार का स्क्रब टाइफस से दूर-दूर तक कोई तालमेल नहीं है. यह जो भ्रमित जानकारी सोशल मीडिया पर फैल रही है यह पूरी तरह से गलत है. स्क्रब टाइफस बहुत ही रेयर डिजीज है यानी कि यह बहुत ही कम लोग को होने वाली बीमारी है, और यह बीमारी होने का कारण अलग है.'
'वायरल बुखार का स्क्रब टाइफस से कोई लेना-देना नहीं है यह सिर्फ वायरल बुखार है. स्क्रब टाइफस ऐसे क्षेत्रों के लोगों को अधिक होता है जो खेती किसानी से जुड़े हुए होते हैं. जो खेतों में काम करते हैं. वहां पर अनेकों प्रकार के कीड़े होते हैं. जिनमें से एक कीड़ा 'चिगर' नाम का भी होता है. उन्होंने कहा कि जैसे डेंगू का कोई स्पेसिफिक ट्रीटमेंट नहीं है वैसे ही स्क्रब टाइफस का भी कोई इलाज नहीं है. स्क्रब टाइफस एक से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है. 'चिगर' नामक कीड़े के काटने पर ही व्यक्ति इससे संक्रमित हो सकता है.'
स्क्रब टाइफस के लक्षण |
- ठंड लगकर तेज बुखार आना. |
- बुखार का फिक्स हो जाना. |
- सामान्य पैरासिटामोल से भी न उतरना. |
- शरीर के सभी जोड़ों में असहनीय दर्द व अकड़न होना. |
- मांसपेशियों में असहनीय पीड़ा व अकड़न. |
- तेज़ सिर दर्द होना. |
- शरीर पर लाल रैशेज़ होना. |
- रक्त में प्लेटलेट्स का तेज़ी से गिरना. |
- मनोदशा में बदलाव, भ्रम की स्थिति. |
दोनों में यह है अंतर : वायरल बुखार और स्क्रब टाइफस में बहुत ही बारीक अंतर है वह अंतर यह है कि वायरल बुखार तेजी से एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. घर के अगर किसी एक सदस्य को वायरल हुआ है तो वह घर के अन्य सदस्यों में भी हो जाता है. इस समय मौसम में परिवर्तन हो रहा है. वायरल बुखार जिसमें सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार हो रहा है. वहीं स्क्रब टाइफस 'चिगर' कीड़े के काटने से होता है और यह बहुत रेयर डिजीज हैं. यदि घर के किसी एक सदस्य को यह बीमारी है तो दूसरे व्यक्ति को यह बीमारी नहीं होती है, क्योंकि यह बीमारी दूसरे व्यक्ति में फैलती नहीं है. यह एक बहुत ही बारीक सा दोनों में अंतर है.'
स्क्रब टाइफस के संक्रमण का कारण : थ्रोम्बोसाइटोपेनिक माइट्स या 'चिगर' नामक कीड़े की लार में ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी (Orientia tsutsugamushi) नामक बैक्टीरिया होता है, जो स्क्रब टाइफस का कारण है, इसी के काटने से ये फैलता है. इन कीड़ों को सामान्य भाषा में कुटकी या फ्रेंच (French) कहते हैं, इनकी साइज़ 0.2 mm होती है. इस संक्रमण का समय 6 से 20 दिन का होता है यानी कीड़े के काटने के 6 से 20 दिन के अंदर लक्षण दिखना शुरू होते हैं. इसके लक्षण डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया सभी के मिले जुले लक्षण हैं.