लखनऊ: राजधानी में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में गुरुवार को समीक्षा बैठक की गई. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में आउटर रिंग रोड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (purvanchal expressway) के अंतर्गत किए गए कार्यों की प्रगति के संबंध में बैठक की गई. उन्होंने बताया कि सद्भाव कंपनी समेत कई कंपनियों का कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया है. उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्र में कोई अवैध खनन (illegal mining) होता है तो संबंधित कंपनी और ठेकेदार दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. यदि किसी भी तहसील में अवैध खनन होता है तो उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी, सहायक पुलिस आयुक्त, खनन अधिकारी और संबंधित थाना अध्यक्ष का उत्तरदायित्व होगा.
सद्भाव कंपनी की समीक्षा में पाया गया कि राजीव एसोसिएट के चैनेज 32 से 37 में 7.35 लाख के सापेक्ष 2.34 लाख में 32 प्रतिशत, रघुवंशी कल सेक्शन चैनेज 37 से 46 तक केवल 8.73 लाख के सापेक्ष 2.07 लाख, दीपक एसोसिएट के 41 से 43 तक केवल 5.62 लाख के सापेक्ष 2.20 लाख और लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन के चैनेज 39 से 41 तक केवल 3.85 लाख के सापेक्ष 1.41 लाख तक का कार्य किया गया है.
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इन कंस्ट्रक्शन कंपनियों का काम संतोषजनक नहीं पाया गया है. इसके अलावा के-2 कंस्ट्रक्शन और अरिहंत कंस्ट्रक्शन द्वारा 60 से 80 प्रतिशत कार्य किया गया है. इस दौरान सद्भाव कंपनी को 7 फाइलों में माइनिंग प्लान जमाकर समय से काम पूरा करने के निर्देश दिए गए है. साथ ही बैठक में कहा गया कि ऑनलाइन अप्लाई तालाब के 7 फाइलों में माइनिंग प्लान जमाकर न मिलने पर संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.