बाड़मेर/लखनऊ: पूरे देश में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर 3 दिन से जबरदस्त चर्चा है. वहीं, इस बिल का कई जगह पर विरोध भी हो रहा है. लेकिन इस विरोध के बावजूद भी लोकसभा और बुधवार को राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो गया. जिसके बाद राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय पर शरणार्थी बस्ती में फिर से दिवाली मनाई गई.
बता दें कि लोगों ने घर पर दिए जलाए और मिठाईयां बांटी. उनका साफ कहना है कि जिस तरीके से हम और हमारे जैसे सैकड़ों और हजारों परिवार है जो कि भारतीय नागरिकता के लिए आज भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और उन्हें नागरिकता के लिए 10 से 15, 15 से 20 साल लग जाते हैं. ऐसे में यह बिल हमारे लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है.
लोगों ने मनाई दीवाली
आज की दिवाली पिछले 50 सालों की दिवाली से ज्यादा महत्वपूर्ण है. क्योंकि जिस तरीके से हम लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए नए सालों का इंतजार करना पड़ता है. उसके बावजूद भी नागरिकता नहीं मिल पाती है. अब सरकार ऐसा प्रावधान लेकर आ रही है जिसमें 6 साल में नागरिकता मिल जाएगी. इसलिए हम लोग दिवाली मना रहे हैं.
इन लोगों का कहना है कि जिस तरीके से हम लोग पाकिस्तान में अत्याचार के चलते पाकिस्तान छोड़कर भारत आ जाते हैं. लेकिन, यहां पर हमें नागरिकता के लिए बरसों इंतजार करना पड़ता है और जिसका खामियाजा होता है कि हमें कोई काम नहीं मिल पाता है और न ही हमें कोई अधिकार मिल पाता है. जिसके चलते हमें बड़ी दुख भरी जिंदगी बितानी पड़ती है. लेकिन, अब इस बिल के पास हो जाने से 6 साल में ही भारत की नागरिकता मिल जाएगी इसलिए हम मोदी सरकार और अमित शाह को धन्यवाद देते हैं.
पढ़ें- बाड़मेरः असंगठित श्रमिक सम्मेलन का आयोजन, श्रमिकों की समस्याओं को लेकर हुआ मंथन
नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद बाड़मेर जिला मुख्यालय पर शरारती बस्ती में दिवाली सेलिब्रेशन चल रहा है. जिसमें महिलाएं घर से बाहर निकल कर दिए लेकर आ रही है तो कहीं बच्चे भी दिए हाथ में लिए हैं तो कोई मोदी जी के पोस्टर हाथ में लिए हुआ है तो कोई अमित शाह के पोस्टर हाथ में लिए हैं तो कोई गुड़ खिलाकर मुंह मीठा करवाने में लगा है कि खुशियों का कोई ठिकाना नहीं है क्योंकि लगातार लंबे अरसे से इनके परिवारों ने लड़ाई लड़ी है. आज भी ऐसे सैकड़ों हजारों परिवार है जो कि सीमा के उस पार बेदर्दी से रह रहे हैं. लेकिन, अब उन्हें उम्मीद है कि वह भारत में आकर भारतीय नागरिकता ले सकेंगे.