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यूपी में शिक्षा विभाग के तबादलों में भी हुआ खेल!

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी के बाद अब शिक्षा विभाग में हुए तबादले (uttar pradesh education department transfers) में भी बड़ी गड़बड़ी पाई गई है. यूपी एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएश (UP Educational Ministerial Officers Association) की ओर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई है.

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माध्यमिक शिक्षा निदेशालय
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Published : Jul 22, 2022, 10:39 AM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों को लेकर घमासान मचा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी के बाद अब शिक्षा विभाग के तबादलों (uttar pradesh education department transfers) में हुई गड़बड़ियां भी खुलकर सामने आई है. कई ऐसे कार्यालय हैं, जहां पद खाली न होने के बावजूद तबादले किए गए हैं. हालत यह है कि कई कार्यालयों में तबादले के बाद पहुंचे कर्मचारी पद खाली न होने के कारण ज्वाइनिंग के लिए भटक रहे हैं.

उत्तर प्रदेश एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन (UP Educational Ministerial Officers Association) की ओर से इस संबंध में उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. संगठन की तरफ से सत्र 2022-23 में हुए सभी स्थानांतरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग उठाई गई है. संगठन की तरफ से 238 कर्मचारियों के तबादलों में अनियमितता की शिकायत अपर बेसिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज समेत अन्य अधिकारियों से की गई है.

संगठन प्रांतीय महामंत्री राजेश चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि कार्मिक विभाग द्वारा सरकारी अधिकारियों / कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति वर्ष 2022-23 के लिए 15 जून को आदेश जारी किए गए थे. इसके अनुसार, समूह ' ग ' और समूह ' घ ' के कार्मिकों के स्थानान्तरण संवर्गवार कुल कार्यरत कर्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किये जाने थे. उक्त निर्धारित 10 प्रतिशत से अधिक और अधिकतम 20 प्रतिशत की सीमा तक स्थानान्तरण अपरिहार्यता की स्थिति में प्रशासकीय विभाग द्वारा विभागीय मंत्री के अनुमोदन से स्थानान्तरण किये जाने थे. कर्मचारी संघ पूरी तरह से इससे सहमत है. निश्चित रूप से स्थानान्तरण नीति कर्मचारियों के हित को दृष्टिगत रखते हुए ही बनाई गई है.

यह भी पढ़ें: CBSE 12th result : सीबीएसई 12वीं का परिणाम हुआ जारी

यह गड़बड़ियां आई सामने

  • बलिया के दो और महाराजगंज के एक ऐसे कर्मचारी का तबादला कर दिया गया, जो निलंबित चल रहे हैं.
  • झांसी में एक ही पद पर दो और मऊ में एक कर्मचारी का उसी कार्यालय में तबादला कर दिया गया.
  • डीआईओएस कार्यालय लखनऊ के लोकेश गुप्ता, सचिन श्रीवास्तव, हर्षित श्रीवास्तव समेत कई कर्मचारियों का तबादला रायबरेली किया गया है. जबकि, पांच वर्ष से तैनात कर्मचारी का तबादला जिले में ही दूसरे कार्यालय में होना है.

ऐसे भटक रहे कर्मचारी

  • राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के वरिष्ठ सहायत देवेन्द्र कुमार सिंह का तबादला डीआईओएस लखनऊ कार्यालय में हुआ है. वह यहां ज्वाइन करने के लिए भटक रहे हैं. यहां पद खाली नहीं है और जुबिली कॉलेज में उनके स्थान पर कोई और ज्वाइन कर चुका है.
  • जीजीआईओएस सिंगारनगर के वरिष्ठ सहायक प्रवीण दुबे भी पद न खाली होने के कारण बीएसए लखनऊ कार्यालय में ज्वाइन नहीं कर पाए हैं.

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लखनऊः उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों को लेकर घमासान मचा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी के बाद अब शिक्षा विभाग के तबादलों (uttar pradesh education department transfers) में हुई गड़बड़ियां भी खुलकर सामने आई है. कई ऐसे कार्यालय हैं, जहां पद खाली न होने के बावजूद तबादले किए गए हैं. हालत यह है कि कई कार्यालयों में तबादले के बाद पहुंचे कर्मचारी पद खाली न होने के कारण ज्वाइनिंग के लिए भटक रहे हैं.

उत्तर प्रदेश एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन (UP Educational Ministerial Officers Association) की ओर से इस संबंध में उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. संगठन की तरफ से सत्र 2022-23 में हुए सभी स्थानांतरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग उठाई गई है. संगठन की तरफ से 238 कर्मचारियों के तबादलों में अनियमितता की शिकायत अपर बेसिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज समेत अन्य अधिकारियों से की गई है.

संगठन प्रांतीय महामंत्री राजेश चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि कार्मिक विभाग द्वारा सरकारी अधिकारियों / कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति वर्ष 2022-23 के लिए 15 जून को आदेश जारी किए गए थे. इसके अनुसार, समूह ' ग ' और समूह ' घ ' के कार्मिकों के स्थानान्तरण संवर्गवार कुल कार्यरत कर्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किये जाने थे. उक्त निर्धारित 10 प्रतिशत से अधिक और अधिकतम 20 प्रतिशत की सीमा तक स्थानान्तरण अपरिहार्यता की स्थिति में प्रशासकीय विभाग द्वारा विभागीय मंत्री के अनुमोदन से स्थानान्तरण किये जाने थे. कर्मचारी संघ पूरी तरह से इससे सहमत है. निश्चित रूप से स्थानान्तरण नीति कर्मचारियों के हित को दृष्टिगत रखते हुए ही बनाई गई है.

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यह गड़बड़ियां आई सामने

  • बलिया के दो और महाराजगंज के एक ऐसे कर्मचारी का तबादला कर दिया गया, जो निलंबित चल रहे हैं.
  • झांसी में एक ही पद पर दो और मऊ में एक कर्मचारी का उसी कार्यालय में तबादला कर दिया गया.
  • डीआईओएस कार्यालय लखनऊ के लोकेश गुप्ता, सचिन श्रीवास्तव, हर्षित श्रीवास्तव समेत कई कर्मचारियों का तबादला रायबरेली किया गया है. जबकि, पांच वर्ष से तैनात कर्मचारी का तबादला जिले में ही दूसरे कार्यालय में होना है.

ऐसे भटक रहे कर्मचारी

  • राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के वरिष्ठ सहायत देवेन्द्र कुमार सिंह का तबादला डीआईओएस लखनऊ कार्यालय में हुआ है. वह यहां ज्वाइन करने के लिए भटक रहे हैं. यहां पद खाली नहीं है और जुबिली कॉलेज में उनके स्थान पर कोई और ज्वाइन कर चुका है.
  • जीजीआईओएस सिंगारनगर के वरिष्ठ सहायक प्रवीण दुबे भी पद न खाली होने के कारण बीएसए लखनऊ कार्यालय में ज्वाइन नहीं कर पाए हैं.

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