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63 जिलों के DM सीएम योगी की नजर में खराब, पहली बार यूपी के तहसीलदार बनेंगे IAS - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

शासन स्तर की जांच में उत्तर प्रदेश के 75 में से 63 जिलों के जिलाधिकारियों का काम सही नहीं पाया गया है. केवल 12 जिलों के डीएम ही सही काम कर रहे हैं. वहीं, दो नायाब तहसीलदार पहली बार आईएएस बनने का सफर तय करेंगे.

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Published : Aug 15, 2023, 3:56 PM IST

लखनऊ: हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन स्तर की जांच में उत्तर प्रदेश के 75 में से 63 जिलों के जिलाधिकारियों का काम संतुष्टिपरक नहीं पाया गया है. केवल 12 जिलों के ही जिलाधिकारी शासन की मंशा के अनुरूप काम कर रहे हैं. सबसे बुरा हाल सबसे प्राथमिकता वाले जिले का है. वहीं, अयोध्या के जिला अधिकारी की रिपोर्ट फिसड्डी बताई गई है. लखनऊ के जिलाधिकारी भी आखरी के 15 की सूची में हैं. विभागीय समीक्षा में सहकारिता विभाग अव्वल रहा है. जबकि अधिकांश विभागों का काम खराब बताया जा रहा है. इस बीच रोचक खबर यह है कि अब उत्तर प्रदेश के कुछ तहसीलदारों को भी इसकी पोस्टिंग दी जाएगी. इसके संबंध में प्रक्रिया का आगाज हो गया है.

12 जिलों के डीएम के कार्य बेहतरः शासकीय सूत्रों के मुताबिक बलरामपुर समेत 12 जिलों के डीएम का काम उम्दा पाया गया है. जबकि 63 का काम खराब है. विभागीय रैंकिंग में सहकारिता विभाग पहले पायदान पर है. अयोध्या के डीएम सबसे फिसड्डी और लखनऊ के डीएम की 52 वी रैंक पर हैं. विभागीय रैंकिंग में सहकारिता विभाग, नगर विकास विभाग, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन सिंचाई जल संसाधन कृषि विभाग और ग्राम विकास विभाग टॉप फाइव में दर्ज किए गए हैं. फर्रुखाबाद, रामपुर, अयोध्या, ललितपुर, आगरा, मुरादाबाद, कुशीनगर, कन्नौज, जालौन, गोरखपुर, फतेहपुर, मऊ, वाराणसी और कानपुर के डीएम फिसड्डी की सूची में दर्ज किए गए हैं.

दो नायब तहसीलदार को मिलेगा प्रमोशनः प्रदेश की प्रशासनिक सेवा में पहली बार दो नायब तहसीलदार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) तक का सफर तय करेंगे. 21 अगस्त को होने वाली चयन समिति की बैठक में जिन अधिकारियों को प्रमोशन मिलना तय है. उनमें नायाब तहसीलदार के पद पर सरकारी सेवा शामिल हुए उमाकांत त्रिपाठी व नरेंद्र सिंह शामिल हैं. इस बैठक के लिए संघ लोक सेवा आयोग की टीम आएगी. ये दोनों अधिकारी इन मानकों को पूरा करते हैं. इसलिए डीपीसी के लिए इनके नाम को शामिल किया गया है.

आईएएस बनने के लिए 22 रिक्तियांः बता दें कि वर्तमान में नरेंद्र सिंह अपर आयुक्त परिवहन व मुख्य महाप्रबंधक, उप्र. राज्य परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) हैं. उमाकांत त्रिपाठी बांदा में अपर जिलाधिकारी, वित्त एवं राजस्व के पद पर तैनात हैं. राज्य कोटे से 22 अफसरों को आईएएस बनने का मौका मिलेगा. चयन सूची-2022 के तहत राज्य कोटे से आईएएस बनने के लिए 22 रिक्तियां हैं. इनमें 2004 और 2006 बैच के पीसीएस अधिकारियों को पदोन्नति मिलेगी. वरिष्ठता क्रम में आगे एक अधिकारी का भर्तियों के घपले में फंसे होने के कारण अयोग्य होना तय माना जा रहा है. जबकि, पांच के खिलाफ भी विभिन्न जांचों के चलते उनका लिफाफा बंद होना तय है.

आईएएस प्रमोशन सूची में इनके नामः डीपीसी के लिए प्रमुख अधिकारियों के नाम भीष्म लाल, हरीश चंद्रा, श्रीप्रकाश गुप्ता, प्रभु नाथ, अंजु कटियार, प्रीति जायसवाल, रितु सुहास, संतोष कुमार वैश्य, शत्रोहन वैश्य, धर्मेंद्र सिंह, आनंद कुमार शुक्ला, अरविंद कुमार मिश्रा, विजय कुमार, अवनीश सक्सैना, केशव कुमार, राजेश कुमार, विनोद कुमार, रविंद्र कुमार, हिमांशु गौतम, मुकेश चंद्रा, अमरपाल सिंह, उमाकांत त्रिपाठी व नरेंद्र सिंह हैं. इन पीसीएस अधिकारियों की उम्र 56 साल से अधिक नहीं है और इस कैडर में 8 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं. उनका नाम आईएएस में प्रमोशन के लिए भेजा जा सकता है.

यह भी पढ़ें: I.N.D.I.A. गठबंधन पर संजीव बालियान बोले, जल्द ही ये आपस में लड़ पड़ेंगे, खत्म हो जाएगी इनकी कहानी

लखनऊ: हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन स्तर की जांच में उत्तर प्रदेश के 75 में से 63 जिलों के जिलाधिकारियों का काम संतुष्टिपरक नहीं पाया गया है. केवल 12 जिलों के ही जिलाधिकारी शासन की मंशा के अनुरूप काम कर रहे हैं. सबसे बुरा हाल सबसे प्राथमिकता वाले जिले का है. वहीं, अयोध्या के जिला अधिकारी की रिपोर्ट फिसड्डी बताई गई है. लखनऊ के जिलाधिकारी भी आखरी के 15 की सूची में हैं. विभागीय समीक्षा में सहकारिता विभाग अव्वल रहा है. जबकि अधिकांश विभागों का काम खराब बताया जा रहा है. इस बीच रोचक खबर यह है कि अब उत्तर प्रदेश के कुछ तहसीलदारों को भी इसकी पोस्टिंग दी जाएगी. इसके संबंध में प्रक्रिया का आगाज हो गया है.

12 जिलों के डीएम के कार्य बेहतरः शासकीय सूत्रों के मुताबिक बलरामपुर समेत 12 जिलों के डीएम का काम उम्दा पाया गया है. जबकि 63 का काम खराब है. विभागीय रैंकिंग में सहकारिता विभाग पहले पायदान पर है. अयोध्या के डीएम सबसे फिसड्डी और लखनऊ के डीएम की 52 वी रैंक पर हैं. विभागीय रैंकिंग में सहकारिता विभाग, नगर विकास विभाग, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन सिंचाई जल संसाधन कृषि विभाग और ग्राम विकास विभाग टॉप फाइव में दर्ज किए गए हैं. फर्रुखाबाद, रामपुर, अयोध्या, ललितपुर, आगरा, मुरादाबाद, कुशीनगर, कन्नौज, जालौन, गोरखपुर, फतेहपुर, मऊ, वाराणसी और कानपुर के डीएम फिसड्डी की सूची में दर्ज किए गए हैं.

दो नायब तहसीलदार को मिलेगा प्रमोशनः प्रदेश की प्रशासनिक सेवा में पहली बार दो नायब तहसीलदार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) तक का सफर तय करेंगे. 21 अगस्त को होने वाली चयन समिति की बैठक में जिन अधिकारियों को प्रमोशन मिलना तय है. उनमें नायाब तहसीलदार के पद पर सरकारी सेवा शामिल हुए उमाकांत त्रिपाठी व नरेंद्र सिंह शामिल हैं. इस बैठक के लिए संघ लोक सेवा आयोग की टीम आएगी. ये दोनों अधिकारी इन मानकों को पूरा करते हैं. इसलिए डीपीसी के लिए इनके नाम को शामिल किया गया है.

आईएएस बनने के लिए 22 रिक्तियांः बता दें कि वर्तमान में नरेंद्र सिंह अपर आयुक्त परिवहन व मुख्य महाप्रबंधक, उप्र. राज्य परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) हैं. उमाकांत त्रिपाठी बांदा में अपर जिलाधिकारी, वित्त एवं राजस्व के पद पर तैनात हैं. राज्य कोटे से 22 अफसरों को आईएएस बनने का मौका मिलेगा. चयन सूची-2022 के तहत राज्य कोटे से आईएएस बनने के लिए 22 रिक्तियां हैं. इनमें 2004 और 2006 बैच के पीसीएस अधिकारियों को पदोन्नति मिलेगी. वरिष्ठता क्रम में आगे एक अधिकारी का भर्तियों के घपले में फंसे होने के कारण अयोग्य होना तय माना जा रहा है. जबकि, पांच के खिलाफ भी विभिन्न जांचों के चलते उनका लिफाफा बंद होना तय है.

आईएएस प्रमोशन सूची में इनके नामः डीपीसी के लिए प्रमुख अधिकारियों के नाम भीष्म लाल, हरीश चंद्रा, श्रीप्रकाश गुप्ता, प्रभु नाथ, अंजु कटियार, प्रीति जायसवाल, रितु सुहास, संतोष कुमार वैश्य, शत्रोहन वैश्य, धर्मेंद्र सिंह, आनंद कुमार शुक्ला, अरविंद कुमार मिश्रा, विजय कुमार, अवनीश सक्सैना, केशव कुमार, राजेश कुमार, विनोद कुमार, रविंद्र कुमार, हिमांशु गौतम, मुकेश चंद्रा, अमरपाल सिंह, उमाकांत त्रिपाठी व नरेंद्र सिंह हैं. इन पीसीएस अधिकारियों की उम्र 56 साल से अधिक नहीं है और इस कैडर में 8 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं. उनका नाम आईएएस में प्रमोशन के लिए भेजा जा सकता है.

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