लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे राजस्व विभाग के लेखपाल लगातार हड़ताल पर हैं. उत्तर प्रदेश सरकार और लेखपाल के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. सरकार की तरफ से अब तक 381 लेखपालों को निलंबित किया जा चुका है. वहीं 13 लेखपालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. 7 लेखपाल को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं 15,000 से अधिक लेखपालों को नोटिस दी गई है.
सरकार और लेखपालों के बीच लगातार टकराव बढ़ रहा है. राजस्व परिषद के चेयरमैन दीपक त्रिवेदी की तरफ से लेखपालों से बात करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन लेखपाल अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. शासन स्तर पर लेखपालों की मांगों पर फैसला नहीं हो पा रहा है. वेतन विसंगति, पेंशन विसंगति, वेतन बढ़ाए जाने की मांग, राजस्व लेखपालों का पद नाम बदलकर राजस्व निरीक्षक किए जाने की मांग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन जारी है.
प्रदेश में लेखपालों का हड़ताल
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से राजस्व लेखपालों की मांगों को नजर अंदाज किया जा रहा है. यह स्थिति पिछले काफी समय से बनी हुई है. इसकी वजह से उत्तर प्रदेश की कचहरी में काम नहीं हो पा रहा है. राजस्व लेखपाल तहसीलों में हड़ताल पर बैठे हुए हैं. प्रत्येक जिला स्तर पर यह स्थिति बनी हुई है.
75 जिलों में लेखपाल हड़ताल पर हैं. राजस्व विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा है. सरकारी लेखपालों से इनकी मांगों पर चर्चा करने को लेकर अब नजर नहीं आ रही है. राजस्व विभाग के अधिकारी मीडिया के कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि यह मामला शासन में विचाराधीन है. ऐसे में अब हम कुछ नहीं बोलेंगे.