लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 से लेकर अब तक करीब एक दर्जन प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए. दलित समुदाय से आने वाले किसी व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष की कमान नहीं सौंपी जा सकी. ऐसे में बीजेपी के सामाजिक समरसता और सर्व स्पर्शी, सर्वव्यापी होने के दावों पर सवालिया निशान भी उठ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी होना है. ऐसे में एक बार फिर यूपी में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
आखिर कौन होगा नया प्रदेश अध्यक्ष
- बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने यूपी भाजपा के अध्यक्ष की कुर्सी पर अब तक किसी दलित व्यक्ति को नहीं बैठाया है.
- अब तक करीब एक दर्जन से अधिक नेताओं को यूपी भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. इनमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और पिछड़े वर्ग को प्रतिनिधित्व मिला है.
- ऐसे में बीजेपी के सामाजिक समरसता और सर्व स्पर्शी, सर्वव्यापी होने के दावों पर सवालिया निशान भी उठ रहे हैं.
- यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी होना है, ऐसे में एक बार फिर बीजेपी यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
- ऐसे में कई नेता प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल हैं.
- कोई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्तर पर पैरवी कर रहा है, तो कोई बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व की परिक्रमा करके प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होना चाहता है.
इन नेताओं ने संभाली यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी
माधव प्रसाद त्रिपाठी, कल्याण सिंह, राजेंद्र गुप्ता, कलराज मिश्रा, राजनाथ सिंह, ओमप्रकाश सिंह, विनय कटियार, केसरीनाथ त्रिपाठी, रमापति राम त्रिपाठी, सूर्य प्रताप शाही, डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेई, केशव प्रसाद मौर्य और डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय.
प्रमुख दलित चेहरे जो बन सकते हैं यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष
एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, पूर्व सांसद प्रदेश महामंत्री व एमएलसी विद्यासागर सोनकर और एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया.