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बीजेपी में आज तक किसी दलित को नहीं मिली यूपी प्रदेश अध्यक्ष की कमान - उत्तर प्रदेश समाचार

यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी होनी है, ऐसे में एक बार फिर बीजेपी यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं. वहीं कई नेता प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल हैं.

यूपी में कौन होगा नया प्रदेश अध्यक्ष.
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Published : Jun 27, 2019, 9:47 AM IST

Updated : Jun 27, 2019, 11:57 AM IST

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 से लेकर अब तक करीब एक दर्जन प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए. दलित समुदाय से आने वाले किसी व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष की कमान नहीं सौंपी जा सकी. ऐसे में बीजेपी के सामाजिक समरसता और सर्व स्पर्शी, सर्वव्यापी होने के दावों पर सवालिया निशान भी उठ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी होना है. ऐसे में एक बार फिर यूपी में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं.

यूपी में कौन होगा नया प्रदेश अध्यक्ष.

आखिर कौन होगा नया प्रदेश अध्यक्ष

  • बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने यूपी भाजपा के अध्यक्ष की कुर्सी पर अब तक किसी दलित व्यक्ति को नहीं बैठाया है.
  • अब तक करीब एक दर्जन से अधिक नेताओं को यूपी भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. इनमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और पिछड़े वर्ग को प्रतिनिधित्व मिला है.
  • ऐसे में बीजेपी के सामाजिक समरसता और सर्व स्पर्शी, सर्वव्यापी होने के दावों पर सवालिया निशान भी उठ रहे हैं.
  • यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी होना है, ऐसे में एक बार फिर बीजेपी यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
  • ऐसे में कई नेता प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल हैं.
  • कोई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्तर पर पैरवी कर रहा है, तो कोई बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व की परिक्रमा करके प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होना चाहता है.

इन नेताओं ने संभाली यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी

माधव प्रसाद त्रिपाठी, कल्याण सिंह, राजेंद्र गुप्ता, कलराज मिश्रा, राजनाथ सिंह, ओमप्रकाश सिंह, विनय कटियार, केसरीनाथ त्रिपाठी, रमापति राम त्रिपाठी, सूर्य प्रताप शाही, डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेई, केशव प्रसाद मौर्य और डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय.

प्रमुख दलित चेहरे जो बन सकते हैं यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष

एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, पूर्व सांसद प्रदेश महामंत्री व एमएलसी विद्यासागर सोनकर और एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया.

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 से लेकर अब तक करीब एक दर्जन प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए. दलित समुदाय से आने वाले किसी व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष की कमान नहीं सौंपी जा सकी. ऐसे में बीजेपी के सामाजिक समरसता और सर्व स्पर्शी, सर्वव्यापी होने के दावों पर सवालिया निशान भी उठ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी होना है. ऐसे में एक बार फिर यूपी में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं.

यूपी में कौन होगा नया प्रदेश अध्यक्ष.

आखिर कौन होगा नया प्रदेश अध्यक्ष

  • बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने यूपी भाजपा के अध्यक्ष की कुर्सी पर अब तक किसी दलित व्यक्ति को नहीं बैठाया है.
  • अब तक करीब एक दर्जन से अधिक नेताओं को यूपी भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. इनमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और पिछड़े वर्ग को प्रतिनिधित्व मिला है.
  • ऐसे में बीजेपी के सामाजिक समरसता और सर्व स्पर्शी, सर्वव्यापी होने के दावों पर सवालिया निशान भी उठ रहे हैं.
  • यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी होना है, ऐसे में एक बार फिर बीजेपी यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
  • ऐसे में कई नेता प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल हैं.
  • कोई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्तर पर पैरवी कर रहा है, तो कोई बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व की परिक्रमा करके प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होना चाहता है.

इन नेताओं ने संभाली यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी

माधव प्रसाद त्रिपाठी, कल्याण सिंह, राजेंद्र गुप्ता, कलराज मिश्रा, राजनाथ सिंह, ओमप्रकाश सिंह, विनय कटियार, केसरीनाथ त्रिपाठी, रमापति राम त्रिपाठी, सूर्य प्रताप शाही, डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेई, केशव प्रसाद मौर्य और डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय.

प्रमुख दलित चेहरे जो बन सकते हैं यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष

एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, पूर्व सांसद प्रदेश महामंत्री व एमएलसी विद्यासागर सोनकर और एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया.

Intro:एंकर लखनऊ। बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने यूपी भाजपा के अध्यक्ष की कुर्सी पर अब तक किसी दलित व्यक्ति को नहीं बैठाया है यूपी बीजेपी इतिहास में 1980 से लेकर अब तक किसी दलित चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष की कमान नहीं सौंपी गई है अब तक करीब 1 दर्जन से अधिक नेताओं को यूपी भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया जिनमें ब्राम्हण क्षत्रिय वैश्य और पिछड़े वर्ग को प्रतिनिधित्व मिला है लेकिन दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है।


Body:वीओ भारतीय जनता पार्टी के स्थापना 1980 से लेकर अब तक करीब एक दर्जन प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए लेकिन दलित समुदाय से आने वाले किसी व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष की कमान नहीं सौंपी जा सके ऐसे में बीजेपी के सामाजिक समरसता और सर्व स्पर्शी सर्वव्यापी होने के दावों पर सवालिया निशान भी उठ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद यूपी भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी होना है ऐसे में एक बार फिर बीजेपी यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं तो तमाम नेता प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल है कोई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्तर पर पैरवी कर रहा है तो कोई बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व की परिक्रमा कर के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होना चाहता है अब देखने वाली बात यह होगी कि यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर किस वर्ग को प्रतिनिधित्व मिलता है। बाईट हीरो वाजपेयी, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा हम पार्टी में कोई जातिवाद के आधार पर अध्यक्ष का निर्णय नहीं करते हमारे यहां जो कार्य करता है हम उसकी जाति नहीं देखते हैं बीजेपी में बहुत से नामों के आगे हम सिर्फ जी लगाते हैं जाति का उद्बोधन नहीं करते हैं और ऐसा नहीं है कि इस पार्टी में दलितों का सम्मान नहीं हुआ। राष्ट्रीय अध्यक्ष भी दलित रह चुके हैं और पार्टी कोई भी निर्णय करती है तो कार्यकर्ता के आधार पर करती है। पार्टी जिसको जिम्मेदारी देती है कि वह पार्टी को सही दिशा पर आगे ले जाए, प्रदेश अध्यक्ष किसी भी जाति से हो सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक क्षेत्र प्रचारक नाम लिखने की शर्त पर कहते हैं कि बीजेपी हो या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संघ से जुड़े अन्य अनुषांगिक संगठन सभी वर्गों के लोगों को तमाम तरह की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाती हैं यह कहना कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर दलित व्यक्ति को जिम्मेदारी नहीं मिली हां यह सही है लेकिन तमाम अन्य पदों पर दलित वर्ग के व्यक्तियों को तमाम महत्वपूर्ण दायित्व दिए गए बीजेपी ने एक बार दलित समाज से आने वाले व्यक्ति को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी दी थी समय-समय पर बीजेपी अपने सामाजिक और जातीय समीकरणों को ध्यान पर रखकर इस प्रकार के फैसले करती है हो सकता है कि इस बार दलित वर्ग से ही कोई प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हो जाए बीजेपी हो या आरएसएस जाति देख कर कोई भी फैसला नहीं करती।


Conclusion:यह नेता बनाए गए अब तक यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष माधव प्रसाद त्रिपाठी, कल्याण सिंह, राजेंद्र गुप्ता कलराज मिश्रा, राजनाथ सिंह, ओमप्रकाश सिंह, विनय कटियार, केसरीनाथ त्रिपाठी, रमापति राम त्रिपाठी, सूर्य प्रताप शाही, डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेई, केशव प्रसाद मौर्य और डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे को बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष कि जिम्मेदारी सौंपी थी। नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर जल्द एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत होने के चलते बीजेपी में आने वाले दिनों में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो जाएगा यूपी बीजेपी के अध्यक्ष डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे के नरेंद्र मोदी सरकार पार्ट 2 में मंत्री बनाए जाने के चलते यूपी बीजेपी में नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा ऐसे में तमाम नेताओं के नाम चर्चा में है दलित वर्ग से आने वाले जिन प्रमुख नामों की चर्चा पार्टी के अंदर हो रही है उनमें एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, पूर्व सांसद प्रदेश महामंत्री व एमएलसी विद्यासागर सोनकर, एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया शामिल है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी इस बार दलित व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के पीछे पिछड़ों के साथ-साथ दलित वर्ग की तरफ से बीजेपी को खूब वोट मिला तो 2017 के विधानसभा चुनाव में भी उत्तर प्रदेश में बीजेपी को दलित वर्ग का साथ मिला 2019 के चुनाव में भी यूपी में सपा बसपा गठबंधन होने के बावजूद बीजेपी को ऐतिहासिक जीत मिली जिसके पीछे दलित वर्ग का भी बीजेपी के साथ जुड़ना महत्वपूर्ण माना जाता है ऐसे में अब बीजेपी नेतृत्व दलित वर्ग को बड़ा राजनीतिक संदेश देने के लिए प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर दलित समाज के व्यक्ति को जिम्मेदारी दे सकती है।
Last Updated : Jun 27, 2019, 11:57 AM IST
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