लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय ने गुरुवार को जी-20 में भारत के प्रेसीडेंसी का उत्सव मनाने के लिए फ्यूचर ऑफ वर्क इंडस्ट्री 4.0 इन्नोवेशंस एंड 4 सेंचुरी स्किल पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया. इस अवसर पर फाउंडेशन फॉर एडवांसिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सीईओ कृष्णन ने कहा कि भारत की जी-20' क अध्यक्षता अवसरों की सोने की खान है. इसे शिक्षा व्यवस्था और प्रणाली में बदलाव कर प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कौशल में बदलाव किया जाना जरूरी है. इस क्षेत्र में शोध की अपार संभावनाएं हैं.
पैनल चर्चा (panel discussion) की अध्यक्षता करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Alok Kumar Rai) ने कहा जी-20 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, जो तैयारी शिक्षा संस्थानों को चाहिए. उसकी कुंजी हर व्यक्ति विशेष के पास है. अर्थात इंडिविजुअल तक पहुंचने वाली शिक्षा प्रणाली में बदलाव व बेहतरी से ही जी-20 के शैक्षिक उद्देश्य को पूरा किया जा सकेगा. अन्य वक्ताओं ने जी-20 के विभिन्न पहलुओं पर छात्रों को संवेदनशील बनाने पर जोर दिया.कौशल विकास के माध्यम से देश में आर्थिक विकास के अवसर पर हासिल किए जा सकते हैं. कौशल विकास भारत की ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
घनश्याम शाही (Ghanshyam Shahi) ने प्रौद्योगिकी से प्रेरित होकर अगले दशक में काम के भविष्य पर जोर दिया. उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम (The whole world is a family) के माध्यम से विकास के भारतीय मॉडल को प्रस्तुत किया. आखिरी में प्रो. एमके अग्रवाल ने परिणामों पर टिप्पणी की और अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम विश्वविद्यालय के छह विभागों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था. इसमें व्यापार प्रशासन विभाग, वाणिज्य विभाग, व्यावहारिक अर्थशास्त्र विभाग, अर्थशास्त्र विभाग, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंसेस और भाऊराव देवरस शोध पीठ शामिल रहे.
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