लखनऊ : सोशल मीडिया व खासकर गूगल प्ले में सैकड़ों ऐसी डेटिंग और फ्रेंडशिप एप हैं, जो आपको कुछ समय का आनंद देने के लिए न्योता देती है. एंड्रॉयड मोबाइल में आपको एप इंस्टाल करने के लिए सबसे ज्यादा और भरोसेमंद किसी प्लेटफॉर्म की जरूरत पड़ती है तो वो गूगल प्ले स्टोर है. यहां हर तरह की एप मिलती है. लेकिन इस समय जो सबसे ज्यादा एप ट्रेंड्स में है, वो है डेटिंग व फ्रेंडशिप एप्स. इन एप्स में सैकड़ों लड़किया और उनका गैंग यूजर्स को लूटने के इंतजार में रहते हैं. जैसे ही इन एप्स को इंस्टाल कर इसमें लॉगिन करते हैं, इन गिरोहों का काम शुरू हो जाता है.
कौन-कौन सी डेटिंग एप में चल रहा है सेक्सटॉर्शन का खेल
गूगल प्ले में Cute U, Meme Live,TrulyMadly, Fanna, Aisle जैसे सैकड़ों एप हैं, जो युवाओं और ऐसे लोगों को आकर्षित करती हैं जो महिलाओं की खोज में सोशल मीडिया में घूमते रहते हैं. वैसे तो इन एप्स में फीस जमा कर ही ये फ्रेंडशिप करवाते हैं. लेकिन इसमें कुछ ऐसे गिरोह भी एक्टिव रहते हैं, जो टकटकी निगाहों से यहां पर लॉगिन करने वाले यूजर्स पर नजर रखते हैं.
पिछले साल लखनऊ में हुई डीजी कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रग्स तस्करी और साइबर क्राइम पर चिंता जाहिर की थी. पीएम ने कहा था कि सभी को एक साथ जुटकर साइबर क्राइम को रोकना है. उसके बावजूद, सैकड़ों शिकायतों के मिलने के बाद भी कोई राज्य इस तरह के सेक्सटॉर्शन के गिरोह पर शिकंजा नहीं कस सका है. यही नहीं, गूगल प्ले पर धड़ल्ले से चल रही ऐसी एप जिसको ये गिरोह बेधड़क इस्तेमाल कर रहा है. उस पर भी कोई ठोस कदम उठाने में फिलहाल साइबर पुलिस विफल रही है.
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क्या कहते है साइबर एक्सपर्ट ?
यूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा कहते हैं कि गूगल प्ले पर मौजूद एप्लीकेशन का ये मतलब नहीं है कि इस पर मौजूद हर एप्लिकेशन पर आंख बंद कर भरोसा किया जा सकता है. जिन डेटिंग एप्लिकेशन में नम्बर के लेने देन की बात आती हो तो ये बिल्कुल न करें. राहुल के मुताबिक, पुलिस के सामने रोजाना सैकड़ों ऐसी एप्लिकेशन की शिकायत आती है, जिन्हें पुलिस गूगल को लेटर लिखकर ब्लॉक करवा देती है. लेकिन पुलिस को भी शिकायत मिलने का इंतजार रहता है, जिससे वो एप्लिकेशन के खिलाफ कार्यवाई कर सके.
कहां करें शिकायत ?
यूपी पुलिस के साइबर सलाहाकर राहुल मिश्रा के मुताबिक, यदि कोई ऐसी एप्लिकेशन का शिकार होते हैं, तो भारत सरकार के साइबर हेल्पलाइन नम्बर 155260 पर या फिर cybercrime.gov.in पोर्टल पर बिना पहचान बताए, शिकायत दर्ज करा सकते है. जिसके बात भारत सरकार संबंधित साइबर सेल को जांच ट्रांसफर कर देती है.
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