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सफाई को तरस रही गोमती नदीः जिम्मेदार मौन, गुहार सुनेगा कौन - लखनऊ में गोमती नदी में नहीं हो रही सफाई

राजधानी लखनऊ में गोमती नदी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. यहां न केवल जगह-जगह जलकुंभी उगी है, बल्कि लोग भी कूड़ा-कचरा और अपशिष्ट पदार्थ इसमें डालते हैं. कई स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन भी साफ-सफाई नहीं कराता.

लखनऊ
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Published : Mar 16, 2021, 6:05 PM IST

लखनऊः सरकार नदियों को संरक्षित करने और नदियों के जल को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए तमाम योजनाएं चला रही है. नदियों का जल साफ करने के लिए तमाम अभियान भी चलते हैं लेकिन राजधानी लखनऊ में गोमती नदी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. यह स्थिति तब है जब शहर में स्वच्छ भारत अभियान के तहत साफ-सफाई का काम जोरों शोरों से चल रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि गोमती नदी के गुलाला घाट, पीपे वाले पुल के पास गोमती के किनारे स्थित श्मशान घाट और अन्य सार्वजनिक स्थल पर सफाई नहीं की जाती है.

गोमती नदी में गंदगी

ये बोले स्थानीय निवासी
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां पर करीब डेढ़ साल से किसी भी जिम्मेदार विभाग ने गोमती नदी की सफाई नहीं करवाई है. एक तरफ जहां जलकुंभी ने गोमती को ढक लिया है तो वहीं आम जनता भी पुल के ऊपर से कूड़ा-कचरा और अपशिष्ट पदार्थ डालकर गोमती नदी को गंदा करती है. नगर निगम की तरफ से यहां पर कोई भी सफाई नहीं की जाती है. हद तो तब हो जाती है जब यहां पर मरे हुए जानवर भी गोमती नदी में लोग डालकर चले जाते हैं. जिम्मेदार मौन बने रहते हैं. जब जिम्मेदार ही इस पर कोई गौर नहीं करेंगे तो फिर गोमती की सफाई कैसे हो पाएगी. वहीं दूसरी ओर लोगों का कहना है कि जलकुंभी इतनी हो जाती है कि पीपे वाला पुल जलकुंभी से घिर जाता है. पानी का प्रवाह रुक जाता है. इससे पुल की सपोर्ट में बंधी रस्सियां और लकड़ी के पल्ले दबाव के कारण टूटने का डर बना रहता है.

यह भी पढ़ेंः नगर निगम की एंटी स्मोक गन मशीन से प्रदूषण मुक्त होगा लखनऊ

ये बोले अधिकारी
इस संबंध में नगर आयुक्त लखनऊ अजय द्विवेदी से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से यह जानकारी मिली है. इस पर जल्द संज्ञान लिया जाएगा. अब देखने वाली बात होगी की यहां पर नगर निगम के द्वारा कितने दिनों में इस मामले पर कदम उठाया जाता है.

लखनऊः सरकार नदियों को संरक्षित करने और नदियों के जल को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए तमाम योजनाएं चला रही है. नदियों का जल साफ करने के लिए तमाम अभियान भी चलते हैं लेकिन राजधानी लखनऊ में गोमती नदी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. यह स्थिति तब है जब शहर में स्वच्छ भारत अभियान के तहत साफ-सफाई का काम जोरों शोरों से चल रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि गोमती नदी के गुलाला घाट, पीपे वाले पुल के पास गोमती के किनारे स्थित श्मशान घाट और अन्य सार्वजनिक स्थल पर सफाई नहीं की जाती है.

गोमती नदी में गंदगी

ये बोले स्थानीय निवासी
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां पर करीब डेढ़ साल से किसी भी जिम्मेदार विभाग ने गोमती नदी की सफाई नहीं करवाई है. एक तरफ जहां जलकुंभी ने गोमती को ढक लिया है तो वहीं आम जनता भी पुल के ऊपर से कूड़ा-कचरा और अपशिष्ट पदार्थ डालकर गोमती नदी को गंदा करती है. नगर निगम की तरफ से यहां पर कोई भी सफाई नहीं की जाती है. हद तो तब हो जाती है जब यहां पर मरे हुए जानवर भी गोमती नदी में लोग डालकर चले जाते हैं. जिम्मेदार मौन बने रहते हैं. जब जिम्मेदार ही इस पर कोई गौर नहीं करेंगे तो फिर गोमती की सफाई कैसे हो पाएगी. वहीं दूसरी ओर लोगों का कहना है कि जलकुंभी इतनी हो जाती है कि पीपे वाला पुल जलकुंभी से घिर जाता है. पानी का प्रवाह रुक जाता है. इससे पुल की सपोर्ट में बंधी रस्सियां और लकड़ी के पल्ले दबाव के कारण टूटने का डर बना रहता है.

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ये बोले अधिकारी
इस संबंध में नगर आयुक्त लखनऊ अजय द्विवेदी से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से यह जानकारी मिली है. इस पर जल्द संज्ञान लिया जाएगा. अब देखने वाली बात होगी की यहां पर नगर निगम के द्वारा कितने दिनों में इस मामले पर कदम उठाया जाता है.

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