लखनऊ : उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज 3 में प्रदेश के 40 जनपदों में सम्पादित हो रहे कार्यो में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को पीआईयू घोषित किए जाने का विरोध किया है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर एनडी द्विवेदी ने तर्कों और सुसंगत तथ्यों के आधार पर रविवार को पत्र लिखकर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अव्यवहारिक आधार पर जारी किए गए शासनादेश को वापस लेने की मांग की है.
'संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र'
इंजीनियर एनडी द्विवेदी ने पत्र में शंका जताई है कि यदि ऐसा न हुआ तो यह आदेश प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में लंबे अरसे से कार्य कर रहे लोक निर्माण विभाग के पीएमजीएसवाई समर्पित खण्डों के अवर अभियंताओं का मनोबल गिराने वाला होगा. साथ ही इस आदेश से सड़कों की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी. प्रदेश अध्यक्ष इं. एनडी द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित पत्र में इस आदेश के बारे में लिखा है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क परियोजना को दृष्टिगत रखते हुए लोक निर्माण विभाग में विशेष तौर पर जनपदों में अलग से पीएमजीएसवाई का समर्पित खण्ड बनाया गया है. इसके लिए अलग से प्रदेश स्तर पर प्रमुख अभियंता कार्यालय में पीएमजीएसवाई सेल का गठन किया गया है. इसके अधीनस्थ समर्पित खण्डों की मॉनिटरिंग के लिए कई अधीक्षण अभियंता कार्यालय और कई मुख्य अभियंता कार्यालयों की की स्थापना की गई थी.
'इतना रहा कार्यभार'
अध्यक्ष इंजीनियर एनडी द्विवेदी बताया कि गुणवत्ता और समबद्धता की छवि वाले लोक निर्माण विभाग के सामान्य कार्यकारी खण्ड औसतन 100 करोड़ प्रतिवर्ष का कार्य गुणवत्ता और समय पर पूरा करने में सक्षम है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में औसतन 90.07 करोड़ का कार्यभार प्रति खंड का रहा है. इस वित्तीय वर्ष में 59 खण्डों में 100 से 413 करोड़ तक का कार्यभार रहा है. वर्ष 2019-20 में प्रति खण्ड औसतन 72.92 करोड़ का काम रहा. इस वित्तीय वर्ष में 30 खण्डों में 100 से 324 करोड़ तक का कार्यभार था.
'क्षमता से अधिक कार्य देने वाला होगा आदेश'
पीएमजीएसवाई योजना के अतिरिक्त अन्य विभिन्न कार्य जैसे ग्रामीण आबादी के अन्दर सीसी मार्ग, नाली, खंडजा, विधायक निधि से होने वाले विकास कार्य, आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण और विकास खण्ड से सम्पादित अन्य कार्य कराए जा रहे हैं. ऐसे में उनको प्रधानमंत्री ग्राम सड़क फेज 3 में पीआईयू घोषित किया जाना क्षमता से अधिक कार्य लेने वाला आदेश होगा.