लखनऊ : उत्तर प्रदेश के यूपी बोर्ड बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ने वाले शिक्षक और छात्र घर बैठे ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बारे में सीख सकते हैं. प्रदेश सरकार की ओर से बेसिक व माध्यमिक के विद्यालयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई शुरू करने की बात कही गई थी. इसी कड़ी में प्रदेश में सरकार की तरफ से लखनऊ विश्वविद्यालय को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर एक जिम्मेदारी सौंपी गई थी. जिसे विश्वविद्यालय ने अब पूरा कर इसके पहले चरण की शुरुआत कर दी है. छात्र और सामान्य कोई भी व्यक्ति अब घर बैठे एआई की जानकारी ले सकेंगे. इसे लेकर विश्वविद्यालय की तरफ से डिजिटल एआई कोर्स लांच किया गया है, यह कोर्स ऑनलाइन होगा. उप्र एडिशनल चीफ सेकेट्री आईएएस मोनिका एस गर्ग के निर्देश पर लखनऊ के 11 शिक्षकों की टीम ने इसे तैयार किया है.
तैयार की गई टीम यूपी एआई : लखनऊ विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष पुनीत मिश्रा ने बताया कि 'लविवि में हर वर्ष हजारों की संख्या में यूपी बोर्ड से पास हुए बच्चे प्रवेश लेते हैं. इन बच्चों में 90% विद्यार्थी ऐसे होते हैं जिन्हें कंप्यूटर की बेसिक जानकारी भी नहीं होती है. इसी समस्या को लेकर उस समय की तत्कालीन प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा मोनिका गर्ग से मुलाकात की थी और इस योजना के बारे में बताया था. जिसके बाद टीम यूपीएआई (www.teamupai.org) को तैयार किया गया. डॉ. पुनीत मिश्रा ने बताया कि सीबीएसई और आईएससी के स्टूडेंट्स को कम्प्यूटर की अच्छी जानकारी होती है.'
नि:शुल्क मिलेगी जानकारी : उन्होंने बताया कि 'ऐसे में यूपी बोर्ड और गवर्नमेंट प्रवेश से आने वाले बच्चों को उनके बराबर लाने के लिए कंप्यूटर की बेसिक जानकारी दी जाए, इसलिए इस योजना को शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि छात्र को एआई का प्रयोग कैसे करना चाहिए, एआई क्या-क्या कर सकता है, तमाम बिंदुओं को शामिल किया गया है. पोर्टल पर एआई से जुड़ी जानकारियां, उपयोगिता और प्रयोग नि:शुल्क रखा गया है. एआई से जुड़े वीडियो को तैयार करने में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक एकेटीयू, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय बीबीएयू, फिरोज गांधी इंस्टीट्यूट, एमएनएनआईटी प्रयागराज और प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक शामिल हैं.'
पोर्टल बनाने में यह टीम शामिल |
- डॉ. पुनीत मिश्रा, असोसिएट प्रोफेसर, लखनऊ विश्वविद्यालय |
- डॉ. शांभवी मिश्रा, असिस्टेंट प्रोफेसर, लखनऊ विश्वविद्यालय |
- पारूल रस्तोगी, असिस्टेंट प्रोफेसर, लखनऊ विश्वविद्यालय |
- डॉ. राज श्री, असोसिएट प्रोफेसर, बीबीएयू |
- डॉ. सुमन कुमार मिश्रा, असोसिएट प्रोफेसर, भाषा विश्वविद्यालय |
- डॉ. प्रवीण कुमार अग्रवाल, असोसिएट प्रोफेसर, एमएनएनआईटी |
- डॉ. समीर सरस्वती, असोसिएट प्रोफेसर, एमएनएनआईटी |
- डॉ. श्रुति त्रिपाठी, असिस्टेंट प्रोफेसर, फिरोज गांधी इंस्टिट्यूट |
- नीरज अग्नीहोत्री, असिस्टेंट टीचर, बेसिक एजुकेशन विभाग |
- अनुज लाहड़ी, असिस्टेंट टीचर, बेसिक एजुकेशन विभाग |
- अनुप कुमार, प्रोडक्शन असिस्टेंट, बीबीएयू |
- मयंक थापलियाल, प्रोडक्शन असिस्टेंट, बीबीएयू |
- दुर्गेश मौर्या, कैमरामैन, बीबीएयू |
टाॅपिक से जुड़े हुए कई वीडियो किए गए अपलोड : डॉ पुनीत मिश्रा ने बताया कि 'आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न केवल समय की मांग है बल्कि यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा हुआ है. जैसे ऑनलाइन शॉपिंग हो, मार्केटिंग हो, मोबाइल पर खेले जाने वाला गेम हो या कुछ और हो, सब जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग हो रहा है. उन्होंने बताया कि पहले चरण में हमने इसमें 22 वीडियो विभिन्न टॉपिक से जुड़े हुए अपलोड किए हैं, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है, इसके बारे में बताया गया है. साथ ही आम तौर पर जो लोग मोबाइल या इंटरनेट के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करते हैं, उनसे जुड़े हुए वीडियो अपलोड किए गए हैं.'
ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू : उन्होंने बताया कि 'सभी माध्यमिक व बेसिक स्कूलों को इसके बारे में विभागों द्वारा सूचना भेजी गई है. जिसमें कहा गया है कि कोई भी शिक्षक व छात्र अपनी सुविधा अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को इस वेबसाइट के माध्यम से घर बैठे ही सीख सकता है. डॉ पुनीत मिश्रा ने बताया कि उपक्रम के माध्यम से कोई भी डायरेक्ट वीडियो देखकर इसके बारे में जानकारी ले सकता है. साथ ही हर वीडियो को देखने के बाद उसमें एक ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किया गया है. इस कोर्स को करने के लिए इसमें पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसमें छात्र और प्रोफेशनल लेवल के अलग-अलग सेगमेंट हैं. रजिस्ट्रेशन के समय नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर, ईमेल आईडी भरना होगा. वीडियो देखने के बाद इसका एक ऑनलाइन क्वालीफाइंग टेस्ट देना होगा. टेस्ट में मानक के अनुसार, नंबर मिलने पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की तरफ से सर्टिफिकेट दिया जाएगा.'
50 कर्मचारियों को इसके माध्यम से दी गई है ट्रेनिंग : डॉ पुनीत मिश्रा ने बताया कि 'भारत सरकार डिजिटल को प्रमोट कर रही है. इसी को देखते हुए जब इस योजना को शुरू किया गया तो इसकी गुणवत्ता को जांचने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय के सभी विभागों से ऐसे 50 कर्मचारियों को चुना गया, जिन्हें कंप्यूटर के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी. इन सभी कर्मचारियों को करीब 30 दिन की बेसिक कंप्यूटर की जानकारी के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भी जानकारी प्रदान की गई है. इन सभी कर्मचारियों की ट्रेनिंग पूरी हो गई है. इसके अलावा इन्होंने इसी माध्यम से बेसिक कंप्यूटर कोर्स का सर्टिफिकेट भी प्राप्त कर लिया है. इन्हें जल्द ही कुलपति की तरफ से एक इसका सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा.