लखनऊ: मंगलवार को पकड़े गए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कमांडर बदरुद्दीन और फिरोज खान से एटीएस की पूछताछ चल रही है. दोनों से पूछताछ के लिए एटीएस को 7 दिनों की रिमांड मिली है. पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. दोनों के पास से एक डायरी के कुछ पन्ने मिले हैं, जिस पर अंग्रेजी और मलयालम में कोडवर्ड में कुछ लिखा हुआ है. हालांकि अंग्रेजी के कोडवर्ड को डिकोड कर लिया गया है, जबकि मलयालम के लिए अभी भाषा विशेषज्ञ की मदद ली जा रही है. वहीं इन दोनों से पूछताछ में यह भी पता चला है कि पिछले साल कई बड़े धमाके करने की इनकी योजना थी, लेकिन कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन ने इनके प्लान पर पानी फेर दिया. बदले प्लान के तहत इन्हें अब इस साल फरवरी में उन्हें धमाके को अंजाम देना था. अब इस संगठन के और भी लोगों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं. दोनों के पास से एक पेन ड्राइव भी मिली है, जिसकी जांच चल रही है.
डायरी में लिखी थी धमाके की योजना
राजधानी लखनऊ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कमांडर बदरुद्दीन और फिरोज खान को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से एटीएस को बड़ी मात्रा में डेटोनेटर विस्फोटक और रिवॉल्वर के साथ-साथ मेट्रो कार्ड भी मिले थे. वहीं 7 दिनों की रिमांड पर लेकर इनसे एटीएस पूछताछ कर रही है. वहीं इनके पास से एक डायरी के कुछ पन्ने मिले हैं, जिस पर अंग्रेजी और मलयालम में गोपनीय जानकारियां दर्ज हैं. वहीं पूछताछ में पीएफआई के सदस्यों से जानकारी मिली है कि पिछले साल कई भीड़भाड़ वाले इलाकों को चिन्हित करके धमाका करने की योजना थी. लेकिन, कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से उनका प्लान गड़बड़ हो गया. अब इस साल साजिश को अंजाम देने की पूरी तैयारी थी.
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बांग्लादेश के आतंकी संगठनों से था संपर्क
एसटीएफ द्वारा पकड़े गए पीएफआई के दोनों सदस्यों के पास से मिले विस्फोटक की क्षमता काफी उच्च क्वालिटी की थी. अगर इनसे धमाका होता तो 30 मीटर के दायरे में बड़ी तबाही हो सकती थी. विस्फोटकों को रिमोट और टाइमर से संचालित किया जाना था. हालांकि एसटीएफ के पास विस्फोटक और डेटोनेटर तो मिला है लेकिन रिमोट की डिवाइस नहीं मिली है. पूछताछ में दोनों ने बताया कि विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग उन्हें बांग्लादेश से मिली है और वह बांग्लादेश के आतंकी संगठन से भी संपर्क में थे.
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