लखनऊ: हाथरस में 19 वर्षीय दलित की बेटी की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की है. हाथरस में जातिगत दंगे फैलाने की साजिश के खुलासे के बाद डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को हाथरस में खास जिम्मेदारी दी है. एडीजी राजीव कृष्णा को अलीगढ़ रेंज और डीआईजी शलभ माथुर को हाथरस भेजा गया है.
विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने राजीव कृष्णा को अलीगढ़ रेंज के जिलों की सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी है. वहीं शलभ माथुर को चंदपा थाने क्षेत्र में भेजा गया है. यहां वे पीड़िता के परिवार की सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए काम करेंगे. दोनों अधिकारियों को एक रिपोर्ट भी तैयार कर डीजीपी कार्यालय भेजनी है. यह जांच रिपोर्ट दोनों अधिकारियों को 7 दिन में उपलब्ध करानी है. 7 दिनों तक दोनों अधिकारी डीजीपी द्वारा दी गई अतिरिक्त जिम्मेदारी के तहत क्षेत्र में तैनात रहेंगे.
फंडिंग को लेकर ईडी ने जांच शुरू की
हाथरस मामले में वेबसाइट की मदद से लगभग 100 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई है. इसके खुलासे के बाद ईडी दंगे भड़काने के लिए बनाई गई वेबसाइट और प्रतिबंधित संगठन पीएफआई संगठन से जुड़े हुए लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही हैं. बताते चलें कि पीएफआई संगठन के पास विदेश से फंडिंग होती है. ऐसे में यह फंडिंग कहां-कहां से हो रही है, इसको कहां सर्कुलर किया जा रहा है. इस बारे में ईडी ने जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है. हाथरस के मामले में ईडी जल्द मामला दर्ज करेगी.