लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और इसके लखनऊ बेंच में जमानत और अन्य आपराधिक मामलों (Criminal Cases) की त्वरित व प्रभावी पैरवी के लिए पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल (UP DGP Mukul Goel) ने सभी जनपदों के पुलिस प्रमुखों को जरूरी निर्देश जारी किये हैं. 26 जुलाई को जारी इन निर्देशों में 24 बिंदुओं पर जनपद स्तर पर बने रिट सेल को निर्देश इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ बेंच के शासकीय अधिवक्ताओं के कार्यालयों में भेजने को कहा गया है.
डीजीपी ने ये निर्देश राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता वीके शाही के भेजे गये एक पत्र के क्रम में दिए हैं. अपर महाधिवक्ता द्वारा 20 जून 2020 को प्रेषित पत्र में कहा गया था कि जमानत, आपराधिक रिट व अन्य आपराधिक मामलों की सुनवाई के दिन सरकारी वकीलों के पास पुलिस से निर्देश न मिलने व सही जानकारी के अभाव में प्रभावी पैरवी नहीं हो पाती. ऐसी स्थिति में कई बार हाईकोर्ट उच्च अधिकारियों को तलब कर लेती है. पत्र में प्रत्येक आपराधिक मुकदमे की सुनवाई के पूर्व 24 बिंदुओं पर शासकीय अधिवक्ता कार्यालय को निर्देश मुहैया कराने की राय प्रकट की गयी थी.
इस पत्र के बाद डीजीपी द्वारा जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि प्रत्येक आपराधिक मुकदमे की सुनवाई के पूर्व सम्बंधित मामले के अभियुक्त की गिरफ्तारी की तिथि, उसका आपराधिक इतिहास, प्रकाश में आए नए अभियुक्त के नाम, गवाहों के बयान, बरामदगी, पीड़ित का विवरण, एफएसएल रिपोर्ट की स्थिति, मेडिकल रिपोर्ट व आरोप पत्र का विवरण आदि समेत 24 बिंदुओं पर जानकारी शासकीय अधिवक्ता कार्यालयों को भेजी जाए. अपर महाधिवक्ता के राय को दृष्टिगत रखते हुए डीजीपी ने यह भी निर्देश दिये हैं कि रिट सेल हाईकोर्ट की वेबसाइट से मुकदमों के बारे में स्वयं की जानकारी अपडेट करते रहें.
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