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डीजीपी ने सीएम योगी को लगाया फ्लैग पिन, जानिए यूपी पुलिस क्यों मनाती है झंडा दिवस - प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद

उत्तर प्रदेश पुलिस बुधवार को पुलिस झंडा दिवस धूमधाम से मना रही है. पुलिस झंडा दिवस के अवसर पर डीजीपी देवेन्द्र सिंह चौहान (DGP Devendra Singh Chauhan) ने मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) फ्लैग पिन लगाया और सीएम योगी को प्रतीक च‍िन्‍ह भी सौंपा. इस दौरान प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद व एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार भी मौजूद रहे.

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Published : Nov 23, 2022, 1:49 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस बुधवार को पुलिस झंडा दिवस धूमधाम से मना रही है. पुलिस झंडा दिवस के अवसर पर डीजीपी देवेन्द्र सिंह चौहान (DGP Devendra Singh Chauhan) ने मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) फ्लैग पिन लगाया और सीएम योगी को प्रतीक च‍िन्‍ह भी सौंपा. इस दौरान प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद व एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार भी मौजूद रहे. मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने ट्वीट कर प्रदेश की पुल‍िस को 'पुलिस झंडा दिवस' की शुभकामनाएं दीं. मुख्‍यमंत्री योगी ने कहा क‍ि उत्तर प्रदेश पुलिस के समस्त अनुशासित एवं कर्तव्यनिष्ठ कार्मिकों को 'पुलिस झंडा दिवस' की हार्दिक बधाई! समर्पण, संवेदनशीलता और सेवा की प्रतीक यूपी पुल‍िस पर हमें गर्व है. जय हिंद!



यूपी पुलिस क्यों मनाती है झंडा दिवस? : हर साल 23 नवंबर को यूपी में पुल‍िस झंडा द‍िवस मनाया जाता है. बता दें क‍ि यूपी पुलिस पूरे भारतवर्ष का प्रथम राज्य पुलिस बल है, जिसे उसके अप्रतिम योगदान के फलस्वरूप 23 नवम्बर, 1952 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री द्वारा पुलिस ध्वज प्रदान किया गया है. दरअसल, यूपी पुलिस के इतिहास में इस दिन का विशेष महत्व रखता है. इस दिन को पुलिस झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता है. 23 नवम्बर 1952 के बाद प्रति वर्ष सैनिक कल्याण के लिए झंडे के स्टीकर जारी किए जाते हैं. पुलिस झंडा दिवस यानि प्रति वर्ष 23 नवंबर को पुलिस मुख्यालयों व कार्यालयों, पीएसी वाहिनियों, क्वार्टर गार्ड, थानों, भवनों व कैम्पों पर पुलिस ध्वज फहराए जाते हैं. पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पुलिस ध्वज का प्रतीक (स्टीकर) वर्दी की बांए जेब के ऊपर लगाया जाता है.


बताया जाता है कि कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवाें के बीच हुए धर्म युद्ध में अर्जुन के रथ पर भी ध्वज पताका थी. ध्वज को धर्म की अधर्म पर विजय की प्रेरणा के तौर पर माना जाता है. ध्वज कर्तव्य का पाठ और मूल्यों के लिए संघर्ष, समर्पण सिखाता है, चूंकि पुलिस या सेना भी समाज में बुराई को दंंडित कराने और अच्छाई जीवित रखने के लिए, बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए कार्य करती है, इसीलिए पुलिस को उनके शौर्य के लिए सम्मानित करते हुए 23 नवम्बर 1952 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उत्तर प्रदेश पुलिस को ‘पुलिस कलर’ (पुलिस ध्वज) प्रदान किया था. इसी दिन पीएसी को भी ध्वज प्रदान किया गया था.

यह भी पढ़ें : यूपी के लोगों को बड़ा तोहफा, साढ़े आठ लाख परिवारों को मिलेंगे PM आवास

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस बुधवार को पुलिस झंडा दिवस धूमधाम से मना रही है. पुलिस झंडा दिवस के अवसर पर डीजीपी देवेन्द्र सिंह चौहान (DGP Devendra Singh Chauhan) ने मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) फ्लैग पिन लगाया और सीएम योगी को प्रतीक च‍िन्‍ह भी सौंपा. इस दौरान प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद व एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार भी मौजूद रहे. मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने ट्वीट कर प्रदेश की पुल‍िस को 'पुलिस झंडा दिवस' की शुभकामनाएं दीं. मुख्‍यमंत्री योगी ने कहा क‍ि उत्तर प्रदेश पुलिस के समस्त अनुशासित एवं कर्तव्यनिष्ठ कार्मिकों को 'पुलिस झंडा दिवस' की हार्दिक बधाई! समर्पण, संवेदनशीलता और सेवा की प्रतीक यूपी पुल‍िस पर हमें गर्व है. जय हिंद!



यूपी पुलिस क्यों मनाती है झंडा दिवस? : हर साल 23 नवंबर को यूपी में पुल‍िस झंडा द‍िवस मनाया जाता है. बता दें क‍ि यूपी पुलिस पूरे भारतवर्ष का प्रथम राज्य पुलिस बल है, जिसे उसके अप्रतिम योगदान के फलस्वरूप 23 नवम्बर, 1952 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री द्वारा पुलिस ध्वज प्रदान किया गया है. दरअसल, यूपी पुलिस के इतिहास में इस दिन का विशेष महत्व रखता है. इस दिन को पुलिस झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता है. 23 नवम्बर 1952 के बाद प्रति वर्ष सैनिक कल्याण के लिए झंडे के स्टीकर जारी किए जाते हैं. पुलिस झंडा दिवस यानि प्रति वर्ष 23 नवंबर को पुलिस मुख्यालयों व कार्यालयों, पीएसी वाहिनियों, क्वार्टर गार्ड, थानों, भवनों व कैम्पों पर पुलिस ध्वज फहराए जाते हैं. पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पुलिस ध्वज का प्रतीक (स्टीकर) वर्दी की बांए जेब के ऊपर लगाया जाता है.


बताया जाता है कि कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवाें के बीच हुए धर्म युद्ध में अर्जुन के रथ पर भी ध्वज पताका थी. ध्वज को धर्म की अधर्म पर विजय की प्रेरणा के तौर पर माना जाता है. ध्वज कर्तव्य का पाठ और मूल्यों के लिए संघर्ष, समर्पण सिखाता है, चूंकि पुलिस या सेना भी समाज में बुराई को दंंडित कराने और अच्छाई जीवित रखने के लिए, बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए कार्य करती है, इसीलिए पुलिस को उनके शौर्य के लिए सम्मानित करते हुए 23 नवम्बर 1952 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उत्तर प्रदेश पुलिस को ‘पुलिस कलर’ (पुलिस ध्वज) प्रदान किया था. इसी दिन पीएसी को भी ध्वज प्रदान किया गया था.

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