लखनऊ: देवाधिदेव महादेव की आराधना का पर्व महाशिवरात्रि आज यानि 11 मार्च को भक्तिभाव और हर्षोल्लास से मनाई गई. कहीं शिव का अभिषेक और श्रंगार किया गया तो कहीं शिव जी विवाहोत्सव भी हुआ. श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर, श्री बुद्धेश्वर महादेव मंदिर व श्री कोनेश्वर मंदिर सहित अन्य शिवालयों के बाहर भक्तों की कतारें भी लगी और ठंडाई भी बटी. फूलों की बिक्री खूब रहीं. हर-हर महादेव और जय भोले के जयकारों से राजधानी गुंजायमान रही.
श्री बुद्धेश्वर महादेव मंदिर
मोहान रोड स्थित श्री बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें लगी. यहां सुबह बुद्धेश्वर भगवान का अभिषेक व श्रंगार हुआ. वैसे तो इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां हर बुधवार को मेला लगता है, लेकिन महाशिवरात्रि के दिन आज भी हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आए. यहां देहात क्षेत्र से काफी संख्या में भक्त आते हैं.
श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर, डालीगंज
डालीगंज स्थित श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आए. भक्तों की लाइन मंदिर की चौखट से लेकर गोमती बंधे तक लगी. मंदिर की महंत देव्या गिरी ने भोर में भगवान का अभिषेक कर पूजा की. उसके बाद मंदिर के पट खोल दिये गये थे. तब से भक्तों का तांता लगा तो रात तक चलता रहा. शाम को आरती के समय भी काफी संख्या में भक्त थे. यहां श्रृद्धालु मनीष गुप्ता पिछले महाशिवरात्रि पर 16 सालों से बिठूर से गंगाजल लाकर भक्तों में निशुल्क बांटते हैं.
द्वादश ज्योर्तिलिंग मंदिर, सदर में धूमधाम से हुआ भोलेनाथ का विवाह
सदर बाजार स्थित द्वादश ज्योर्तिलिंग धाम में महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ का माता पार्वती से विवाह धूमधाम से किया गया. विवाह के शुभ मौके पर भोलेनाथ का दूल्हे के रूप में श्रंगार किया गया. भोलेनाथ को पगड़ी पहनाई गई. महिलाओं ने शिव विवाह के गीत सुनाए. इससे पहले अंकुर अग्रवाल, आलोक सिंघल की अगुआई में 12 द्वादश ज्योर्तिलिंग पर महारुद्राभिषेक हुआ. शाम को अवनीश अग्रवाल, मोहित अग्रवाल के सहयोग से भोलेनाथ का श्रंगार हुआ. दर्शन करने के लिए प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डाॅ. महेन्द्र सिंह दर्शन करने पहुंचे. इस मौके पर अवनीश अग्रवाल, अंकुर अग्रवाल, सचिन अग्रवाल, आकाश चोपड़ा, रितेश अग्रवाल, आलोक सिंघल मौजूद रहे.
श्री कोनेश्वर महादेव मंदिर, चौक
चौक चौराहे स्थित श्री कोनेश्वर महादेव मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है. गोमती नदी के तट पर स्थित इस मंदिर के बारे कहा जाता है कि पूर्व में यहां कौंडिल्य ऋषि का आश्रम था. कौंडिल्य से ही समय अंतराल के बाद इसका नाम कोनेश्वर महादेव पड़ गया. अमूमन शिवलिंग मंदिर के बीच में होता है, लेकिन यहां शिवलिंग मंदिर के कोने में स्थापित है. मंदिर जीर्णोद्धार के बाद अब सफेद संगमरमर से बनकर अपनी आभा बिखेर रहा है. यहां भी काफी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आए.
इसके अलावा रानी कटरा के बड़ा शिवालय, छोटा शिवालय, नादान महल रोड के श्री सिद्धनाथ मंदिर, ठाकुरगंज के श्री कल्याण गिरी मंदिर, भूतनाथ बाजार स्थित श्री भूतनाथ मंदिर सहित राजधानी के हर छोटे-बड़े शिव मंदिरों में अभिषेक-पूजन हुआ और भक्तों ने दर्शन किये.
फूलों की बिक्री
महाशिवरात्रि पर फूलों की बिक्री खूब रही. बेलपत्र, धतूरा, बेल, फूल, माला, गन्ना, जौ की बाली, बेर और भांग की पत्तियों से भरा दोना 51 और 101 रुपये तक में मिला.