लखनऊ: कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर तेजी से काम चल रहा है. भारत बायोटेक, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई वैक्सीन को आने वाले दिनों में अनुमति मिल सकती है. केंद्र सरकार से वैक्सीन को अनुमति मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती वैक्सीन के स्टोरेज, कोल्ड चेन बनाना व सुरक्षित तरह से लोगों को वैक्सीन लगाना होगी. इसके लिए सरकार तैयारियों में जुटी है. उत्तर प्रदेश को फर्स्ट फेज में जितनी वैक्सीन मिलने की उम्मीद है उतनी स्टोरेज क्षमता उत्तर प्रदेश के पास मौजूद है. उत्तर प्रदेश के पास 2.5 लाख लीटर वैक्सीन स्टोरेज की कैपेसिटी है.
यूपी में की गई स्टोरेज की व्यवस्था
उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के निदेशक देवेंद्र नेगी ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत उत्तर प्रदेश में कोविड-19 वैक्सीन स्टोरेज की क्षमता को बढ़ाया गया है. उत्तर प्रदेश को फर्स्ट फेज में जितनी वैक्सीन मिलने की उम्मीद है, उतनी स्टोरेज क्षमता उत्तर प्रदेश के पास मौजूद है. उत्तर प्रदेश के पास 2.5 लाख लीटर वैक्सीन स्टोरेज की कैपेसिटी है.
जिलों में बनाए जा रहे हैं कोविड-19 वैक्सीन स्टोरेज सेंटर
देवेंद्र नेगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कोविड-19 वैक्सीन स्टोर सेंटर का निर्माण किया जा रहा है, जहां पर आइस लाइन रेफ्रिजरेटर (आईएलआर), डीप फ्रिज, वैक्सीन बैग की व्यवस्था की गई है.
कर्मचारियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
कोविड-19 वैक्सीन के कोल्ड चैन को बनाए रखने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बीते दिनों राजधानी लखनऊ पहुंची केंद्र सरकार की एक टीम ने कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया था. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कर्मचारी अब दूसरे कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. कोविड-19 वैक्सीन को खराब होने से बचाने के लिए आवश्यक है कि उसकी कोल्ड चैन को बरकरार रखा जाए, उसके लिए आईएलआर और डीप फ्रिज की आवश्यकता होती है. डीप फ्रीज और आईएलआर की मदद से कोविड-19 स्टोरेज सेंटर बनाया जाता है जहां पर वैक्सीन को सुरक्षित रखा जा सके.
पहले स्वास्थ्य कर्मियों को दी जाएगी वैक्सीन
निदेशक देवेंद्र नेगी ने बताया कि कोविड-19 आने के बाद सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोविड-19 वैक्सीन लगाई जाएगी. जो स्वास्थ्य कर्मचारी फ्रंट लाइन में ड्यूटी दे रहे हैं उन्हें सबसे पहले कोविड-19 की डोज दी जाएगी. देवेंद्र नेगी ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की एक लिस्ट तैयार की गई है. वैक्सीन उपलब्धता के आधार पर लिस्ट के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को वैक्सीन लगाई जाएगी.
वैक्सिंग की उपलब्धता पर निर्धारित होगी वर्करों की संख्या
उत्तर प्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए कर्मचारियों की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है. हालांकि इस बारे में जब देवेंद्र नेगी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा है कि प्राइमरी फेस में हर जिले में कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है, लेकिन अभी नंबर बता पाना संभव नहीं है. वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी.
केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद साइड इफेक्ट की संभावनाएं नहीं
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वैक्सीन के निर्माण में लंबा समय लगता है और इसकी अनुमति देने के पहले कई स्तरों पर जांच होती है. ऐसे में वैक्सीन को केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद साइड इफेक्ट की संभावनाएं नहीं रह जाएंगी. फिर भी अगर वैक्सीन लगाते समय कोई साइड इफेक्ट नजर आएगा तो उसके लिए प्रभावी कार्रवाई की जाएगी.
राजधानी में बनाया गया कोविड-19 वैक्सीन स्टोर सेंटर
राजधानी लखनऊ में भी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. सीएमओ संजय भटनागर ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि लखनऊ में वैक्सीन स्टोर सेंटर का निर्माण किया गया है. जहां पर 880 लीटर वैक्सीन को स्टोर किया जा सकता है. वैक्सीन स्टोर सेंटर की क्षमता को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।
लखनऊ पहुंचे 4 आईएलआर, 12 की आवश्यकता
राजधानी लखनऊ में कोविड वैक्सीन को प्रभावी तरीके से लगाया जा सके इसको लेकर 4 आइस लाइन रेफ्रिजरेटर (आईएलआर) राजधानी लखनऊ पहुंच चुके हैं. हालांकि अभी राजधानी लखनऊ को 8 और आईएलआर की आवश्यकता है जो जल्दी राजधानी लखनऊ पहुंचेंगें.