लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लगातार सख्ती के बावजूद प्रदेश में एसिड अटैक या तेजाब से हमलों की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं. दो दिन पहले अयोध्या में एक युवती और उसकी मां पर सिरफिरे युवक ने सिर्फ इसलिए तेजाब से हमला कर दिया कि लड़की ने युवक से विवाह से मना कर दिया था. यह कोई अकेली घटना नहीं है. कुछ माह पूर्व अयोध्या में ही ऐसी एक और घटना हुई थी. प्रदेश के अन्य जिलों में भी घटनाएं होती रहती हैं. सवाल यह है कि सरकार की इतनी सख्ती के बावजूद इन सिरफिरे लोगों को तेजाब मिल कैसे जाता है? छह साल पहले इस संबंध में सरकार ने तेजाब बिक्री को लेकर सख्त नियम बनाए थे, फिर भी इसकी बिक्री और घटनाएं यथावत जारी हैं.
![सख्ती के बावजूद कम नहीं हो रहीं एसिड अटैक की घटनाएं](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16-11-2023/20040188_ni222.jpg)
बुरी तरह से जख्मी हो गईं थी महिला व बेटी : मंगलवार को अयोध्या में एक युवक ने महिला और उसकी बेटी पर तेजाब से हमला किया, जिसमें दोनों बुरी तरह से जख्मी हो गईं. दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि युवक लड़की से शादी करना चाहता था और इनकार करने पर उसने यह हैवानियत भरा कदम उठाया है. अयोध्या में इससे पहले भी एसिड अटैक की घटनाएं होती रही हैं. ग्यारह जुलाई 2023 को हैदरगंज थाना क्षेत्र निवासी एक युवती अपने घर के आंगन में सो रही थी. आधी रात में एक युवक ने युवती पर तेजाब से हमला किया. घटना में छात्रा बुरी तरह से झुलस गई. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां उचित उपचार न मिल पाने पर उसे केजीएमयू, लखनऊ भेज दिया गया. 18 मई 2023 को फिरोजाबाद जिले के मेहताब नगर में एक युवती पर एसिड अटैक किया गया. पुलिस ने बताया कि घटना के वक्त युवती अपने परिवार की अन्य महिला के साथ दुकान पर कुछ सामान खरीद रही थी कि इसी बीच मोटरसाइकिल पर सवार होकर दो युवक आए और बल्ब में एसिड रखकर युवती पर हमला कर दिया. गनीमत यह रही कि इस हमले में युवती बाल-बाल बच गई. इसी तरह आठ फरवरी 2023 को सहारनपुर के देवबंद में एक युवक पर तेजाब से हमला किया गया. बाद में घटना के आरोपी पांच युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
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जारी किए गए थे दिशा निर्देश : प्रदेश सरकार ने 10 अप्रैल 2017 को तेजाब की बिक्री नियंत्रित करने, दुरुपयोग रोकने और भंडारण को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे. निर्देशों के अनुसार, तेजाब के अधिकृत दुकानदार को भंडारण की रिपोर्ट हर पंद्रह दिन पर क्षेत्रीय एसडीएम को देनी होगी. एसडीएम को समय-समय पर ऐसी दुकानों के निरीक्षण के निर्देश भी दिए गए थे. लापरवाही उजागर होने पर कार्यवाही का प्रावधान भी किया गया था. इसके तहत भंडार करके रखा गया माल जब्त किया जा सकता है और पचास हजार रुपये तक जुर्माना भी वसूल किया जा सकता है. सभी जिलों से इसकी एक रिपोर्ट हर माह गृह विभाग को भी भेजी जानी थी. मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देशों में विक्रेताओं को एक रजिस्टर भी रखने के लिए कहा गया था, जिसमें तेजाब खरीदने वाले का पूरा ब्यौरा दर्ज किया जाना था. साथ ही उसका पहचान पत्र भी लिया जाना था. एसडीएम के साथ ही पुलिस और औषधि नियंत्रण विभाग के साथ ही चिकित्सा अधिकारियों को भी निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. निरीक्षण में मिली खामियों का ब्यौरा भी शीर्ष अधिकारियों को देने के लिए कहा गया था. हालांकि इस दिशा में शायद ही कभी कोई बड़ी कार्रवाई हुई हो.
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इन बातों का रखे ध्यान : चिंता का विषय यह है कि अधिकांश लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि उन्हें एसिड अटैक होने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं. विशेषज्ञ बताते हैं कि जली हुई जगह को साफ पानी से धुलना चाहिए. गंदगी से बचाव जरूरी है, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है. साफ पानी के साथ ही साफ कपड़े का भी उपयोग जरूरी होता है. यदि आंख में भी एसिड गया है, तो ध्यान रखना है कि उसे मलना नहीं है. इससे आपकी आंख की रोशनी जा सकती है. श्रृंगार का सामान या गहने पहने हैं, तो उन्हें तत्काल निकाल देना चाहिए. इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. प्रयास यह भी होना चाहिए कि किसी तरह समय जाया किए बिना अस्पताल पहुंचें. जले हुए स्थान पर अपनी ओर से कुछ भी न लगाएं. डॉक्टर की सलाह पर ही कुछ लगाया जा सकता है. पूर्व पुलिस अधिकारी आदित्य प्रकाश गंगवार कहते हैं कि सरकार ने आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन सरकारी तंत्र ने आदेश के अनुपालन के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए. यदि सख्ती से नियमों का पालन किया जाए, तो यह संभव नहीं है कि इतनी घटनाएं होती रहें.