लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की गलती ने उपभोक्ताओं की बेचैनी बढ़ा दी है. प्रदेश में 15 लाख से ज्यादा विद्युत उपभोक्ताओं के बिजली बिल में पूर्व माह में जमा बिल की राशि बकाए में दर्शा दी गई है. इससे अब हड़कंप मचा हुआ है. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कारपोरेशन के सीएमडी एम. देवराज व निदेशक वाणिज्य एके श्रीवास्तव से मुलाकात कर उपभोक्ताओं का पक्ष रखा. पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने बिलिंग सॉफ्टवेयर में हुई गलती स्वीकार की है और जल्द सुधार की बात कर उपभोक्ताओं को फिक्र न करने की सलाह दी है.
बकाए में बिल दर्शाया जाना गलत
प्रदेश में 15 लाख से ज्यादा विद्युत उपभोक्ता जो शहरी क्षेत्र आरएपीडीआरपी के अंतर्गत एचसीएल व बिलिंग सॉफ्टवेयर में आते हैं. उनके द्वारा जमा बिल को बकाया राशि में दर्शाने से पूरे प्रदेश में उपभोक्ताओ की टेंशन बढ़ा दी है. राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि इस समस्या से लाखों उपभोक्ताओं की चिंताएं बढ़ गई हैं. वे बिजली दफ्तरों के बिल ठीक कराने के लिए चक्कर लगा रहे हैं. उपभोक्ता परिषद ने इस मामले पर प्रबंध निदेशक मध्यांचल से भी बात की और उपभोक्ताओं की टेंशन दूर करने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि भले बिजली बिल में बकाए के रूप में दर्शाई जा रही जमा राशि वसूली नहीं जा रही, लेकिन बकाए में दर्शाना ही गलत है.
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उपभोक्ताओं के लिए बनेगा सरल बिजली बिल
उन्होंने इस बात पर भी चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एम. देवराज ने बताया कि घर पर उपभोक्ताओं को जो बिल मिल रहा उसमें केवल यूनिट और पूरा भुगतान दिखाया जा रहा, जबकि उसमे फिक्स्ड चार्ज, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, एनर्जी चार्ज सबकी अलग-अलग राशि दिखनी चाहिए. जिससे उपभोक्ता समझ सके उसका बिजली का बिल सही है या गलत. इस पर चेयरमैन पावर कारपोरेशन ने उपभोक्ता परिषद से एक ऐसा प्रारूप बिल का साझा करने को कहा जो उपभोक्ताओ के हिसाब से सरल हो. उपभोक्ता परिषद जल्द ही एक सरल प्रारूप प्रबंधन को सौंपेगा.
नौसिखियों को दे दिया गया बिलिंग का काम
परिषद अध्यक्ष ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है, कभी बिलिंग सॉफ्टवेयर में जमा धनराशि बकाये में दिखायी जाती है कभी उपभोक्ताओं को मोबाइल पर कुछ धनराशि का बिल भेजा जाता है. काउंटर पर जब जमा करने जाते कुछ अलग धनराशि का बिल जमा होता है. कुल मिलकर ऐसा प्रतीत होता है बिलिंग का काम नौसिखियों को दे दिया गया है जो उपभोक्ताओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.