लखनऊ: नैक मूल्यांकन (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) एवं उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर शिक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने गुरुवार को योजना भवन में कार्यशाला का शुभारंभ किया. इस कार्यशाला में मुख्य सचिव, डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति अरविंद कुमार दीक्षित, कानपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता, नैक की एडवाइजर डॉ. के. रमा समेत प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों के कुलपति और महत्वपूर्ण अधिकारी शामिल हुए.
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो रही है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा में शिक्षा की गुणवत्ता के संबंध को लेकर तमाम प्रावधान किए गए हैं. सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की भर्ती की जाए, शिक्षकों का प्रशिक्षण हो, पाठ्यक्रम के परिवर्तन के संदर्भ में कार्रवाई तेजी से बढ़ाई जाए, शोध कार्यों में गुणवत्ता लाई जाए, शोध कार्य को बढ़ावा मिले, शोध पीठ को ठीक से संचालित किया जाए, शोध पत्र गंगा पोर्टल पर अपलोड किया जाए.
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आगे उन्होंने कहा कि गुणवत्ता सुधार में नई तकनीक को जोड़ते हुए शिक्षा के उच्च स्तर को कैसे प्राप्त करें, इस पर हमें काम करना है. शैक्षणिक कैलेंडर को ठीक से लागू किया जाए. ऑनलाइन एप्लीकेशन और प्रवेश परीक्षा संबंधित चीजों को सही किया जाए. हमारा ये भी प्रयास है कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन प्रणाली में व्यापक सुधार हो. उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा है कि 'सुखी मन शिक्षक, तनाव मुक्त विद्यार्थी, नकल विहीन परीक्षा और गुणवत्ता परक शिक्षा' इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकें. सभी शिक्षकों का हम डेटाबेस तैयार करें. इसी प्रकार से तमाम सुधार किए जा रहे हैं.