लखनऊ: प्रदेश सरकार ने गुरुवार देर रात मंत्रियों के जारी किये गए नए पोर्टफोलियो में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पास मनोरंजन कर विभाग को अभी भी बरकरार रखा है, जबकि 24 अप्रैल 2017 को ही मनोरंजन कर विभाग समाप्त किया जा चुका है. इसका समायोजन जीएसटी में कर दिया गया है. यह विभाग मुख्यमंत्री के पास है.
पूर्व के मनोरंजन कर विभाग के समस्त कर्मचारियों को वाणिज्य कर विभाग में मर्ज भी कर दिया गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की नजर में मनोरंजन कर विभाग अभी भी कार्यरत है. एक जुलाई 2017 से प्रदेश में जीएसटी लागू होने के बाद से मनोरंजन कर विभाग के द्वारा कोई भी कर वसूली नहीं किया जा रहा है.
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इसमें कार्यरत अधिकारियों को वाणिज्य कर में कार्य आवंटित कर दिया गया है. 120 निरीक्षकों को अभी तक कोई भी कार्य आवंटित नहीं किया गया. इससे राज्य सरकार पर प्रतिमाह करोड़ों रुपये के वेतन का व्यय भार भी आ रहा है. मनोरंजन कर निरीक्षकों ने बार-बार यह मांग उठाई है कि उन्हें काम दिया जाए. उनके पास कोई काम नहीं है. बावजूद इसके अभी तक उन्हें कार्य आवंटित नहीं किया जा सका है.
विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि उनका मनोरंजन कर विभाग 2017 में कर एवं निबंधन विभाग में मर्ज हो गया था. यह विभाग मुख्यमंत्री के पास है. मनोरंजन कर विभाग में करीब साढ़े तीन सौ कर्मचारी थे. सबका समायोजन वाणिज्य कर विभाग में हो गया है. हालांकि अभी तक मनोरंजन कर निरीक्षकों को कोई कार्य आवंटित नहीं किया गया है.