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सहकारी सप्ताह का डिप्टी सीएम ने किया शुभारंभ, कहा-किसानों के हित में कार्य कर रहीं संस्थाएं - सहकारी समितियां

भारत किसानों का देश है और सहकारिता किसानों से जुड़ा है. जब को-ऑपरेटिव की बात आती है तो एक ऐसी संस्था/विभाग का नाम आता है जो सबको साथ लेकर चलती हैं. ये बातें सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहीं. वे 69वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह-2022 के अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य सरकारी संघ द्वारा इज ऑफ डूइंग बिजनेस निर्यात संवर्धन विषय पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.

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Published : Nov 14, 2022, 6:44 PM IST

लखनऊ : भारत किसानों का देश है और सहकारिता किसानों से जुड़ा है. जब को-ऑपरेटिव की बात आती है तो एक ऐसी संस्था/विभाग का नाम आता है जो सबको साथ लेकर चलती हैं. ये बातें सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहीं. वे 69वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह-2022 के अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य सरकारी संघ द्वारा इज ऑफ डूइंग बिजनेस निर्यात संवर्धन विषय पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तथा सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर द्वारा अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह (All India Cooperative Week)-2022 का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. कृषि अवस्थापना निधि (एआईएफ) तथा साधन सहकारी समिति (पैक्स) के लाभार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर लाभान्वित किया गया तथा उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पीसीयू) द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका सहकारिता का विमोचन किया गया है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग की समस्त संस्थाएं किसानों के हित के लिए कार्य कर रहीं हैं. किसानों को बीज, खाद्य, कृषि ऋण आदि आवश्यकताओं की पूर्ति ये संस्थाएं करती हैं. सहकारी सेक्टर का लगातार विस्तार हो रहा है. सहकारिता के माध्यम से ऊसर बंजर जमीनों में हरी-भरी फसलें लहलहा रही हैं. गरीब किसानों उप्र को-ऑपरेटिव बैंक तथा भूमि विकास बैंक (एलडीबी) कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करा रही हैं.


सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर (Minister of State for Cooperation, Independent Charge, JPS Rathore) ने कहा कि आज हम सबके लिए गौरव का दिन है. आज सहकारिता क्षेत्र तेजी के साथ प्रगति पथ पर अग्रसर हैं. अगर सहकारिता की आत्मा को जीवित रखते हुए इसका क्रियान्वयन किया जाए तो गांधीजी द्वारा देखे गए ग्राम समाज के सपने को साकार कर सकते हैं. देश में सात लाख 50 हजार सहकारी समितियां हैं. जिससे लगभग 27 करोड़ लोग जुड़े हैं. उप्र में 46 हजार सहकारी समितियां 7500 साधन सहकारी समितियां तथा 40 सहकारी बैंक हैं.


सहकारिता मंत्री ने कहा कि पैक्स सहकारी समितियों को और मजबूत किया जाएगा. किसानों को अन्न उत्पादन में वृद्धि करने हेतु नैनो यूरिया का निर्माण किया गया है. जिससे यूरिया की मारामारी कम हो गई है. अब नैनो डीएपी का निर्माण किया जाएगा. किसानों को डीएपी की कमी नहीं होनी दी जाएगी. सभी पैक्स सहकारी समितियां कम्प्यूटराइज्ड होनी चाहिए. जिससे डिजिटल सर्विस का लाभ आम जनमानस तक पहुंच सके. उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड द्वारा निरंतर शासन द्वारा आवंटित निर्माण कार्यों को उच्च गुणवत्ता एवं समयबद्धता से पूरे प्रदेश में किया जा रहा है. आज सहकारी विभाग की सभी संस्थायें लाभ में है.

यह भी पढ़ें : बिजली कनेक्शन के लिए भटक रहे हजारों उपभोक्ता, नियामक आयोग में याचिका दाखिल

लखनऊ : भारत किसानों का देश है और सहकारिता किसानों से जुड़ा है. जब को-ऑपरेटिव की बात आती है तो एक ऐसी संस्था/विभाग का नाम आता है जो सबको साथ लेकर चलती हैं. ये बातें सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहीं. वे 69वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह-2022 के अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य सरकारी संघ द्वारा इज ऑफ डूइंग बिजनेस निर्यात संवर्धन विषय पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तथा सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर द्वारा अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह (All India Cooperative Week)-2022 का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. कृषि अवस्थापना निधि (एआईएफ) तथा साधन सहकारी समिति (पैक्स) के लाभार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर लाभान्वित किया गया तथा उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पीसीयू) द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका सहकारिता का विमोचन किया गया है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग की समस्त संस्थाएं किसानों के हित के लिए कार्य कर रहीं हैं. किसानों को बीज, खाद्य, कृषि ऋण आदि आवश्यकताओं की पूर्ति ये संस्थाएं करती हैं. सहकारी सेक्टर का लगातार विस्तार हो रहा है. सहकारिता के माध्यम से ऊसर बंजर जमीनों में हरी-भरी फसलें लहलहा रही हैं. गरीब किसानों उप्र को-ऑपरेटिव बैंक तथा भूमि विकास बैंक (एलडीबी) कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करा रही हैं.


सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर (Minister of State for Cooperation, Independent Charge, JPS Rathore) ने कहा कि आज हम सबके लिए गौरव का दिन है. आज सहकारिता क्षेत्र तेजी के साथ प्रगति पथ पर अग्रसर हैं. अगर सहकारिता की आत्मा को जीवित रखते हुए इसका क्रियान्वयन किया जाए तो गांधीजी द्वारा देखे गए ग्राम समाज के सपने को साकार कर सकते हैं. देश में सात लाख 50 हजार सहकारी समितियां हैं. जिससे लगभग 27 करोड़ लोग जुड़े हैं. उप्र में 46 हजार सहकारी समितियां 7500 साधन सहकारी समितियां तथा 40 सहकारी बैंक हैं.


सहकारिता मंत्री ने कहा कि पैक्स सहकारी समितियों को और मजबूत किया जाएगा. किसानों को अन्न उत्पादन में वृद्धि करने हेतु नैनो यूरिया का निर्माण किया गया है. जिससे यूरिया की मारामारी कम हो गई है. अब नैनो डीएपी का निर्माण किया जाएगा. किसानों को डीएपी की कमी नहीं होनी दी जाएगी. सभी पैक्स सहकारी समितियां कम्प्यूटराइज्ड होनी चाहिए. जिससे डिजिटल सर्विस का लाभ आम जनमानस तक पहुंच सके. उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड द्वारा निरंतर शासन द्वारा आवंटित निर्माण कार्यों को उच्च गुणवत्ता एवं समयबद्धता से पूरे प्रदेश में किया जा रहा है. आज सहकारी विभाग की सभी संस्थायें लाभ में है.

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