लखनऊ: भाजपा के 10 या उससे अधिक कद्दावर विधायक लोकसभा चुनाव 2024 लड़ेंगे. इनमें से एक उप मुख्यमंत्री भी हो सकते हैं. कई महत्वपूर्ण सीटों पर विधायकों को लोकसभा के लिए चुना जा सकता है. जिससे उत्तर प्रदेश विधानसभा के समीकरण भी बदलेंगे. इससे पहले भाजपा ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कई विधायकों को चुनाव लड़ाया था.
भारतीय जनता पार्टी से ये विधायक लड़ सकते हैं लोकसभा चुनावः मथुरा लोकसभा सीट से इस बार सांसद हेमा मालिनी की जगह पूर्व मंत्री और विधायक श्रीकांत शर्मा और मांट से विधायक राजेश चौधरी में से कोई एक लोकसभा का उम्मीदवार बनाया जा सकता है. चंदौली सीट विधायक सुशील सिंह टिकट मांग रहे हैं. गाजीपुर या बलिया से विधायक उपेंद्र तिवारी के नाम की चर्चा की जा रही है. लखनऊ के सरोजनी नगर से विधायक राजेश्वर सिंह सुलतानपुर सीट से मेनका गांधी की जगह प्रत्याशी हो सकते हैं.
इसी तरह सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली लोकसभा सीट से एमएलसी दिनेश सिंह को पार्टी चुनाव लड़ा सकती है. जौनपुर या मछली शहर से विधायक टी राम चुनाव लड़ सकते हैं. इसी तरह देवरिया सदर से विधायक शलभमणि त्रिपाठी भी लोकसभा से उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को उन्नाव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है. पूर्व उप मुख्यमंत्री और एमएलसी दिनेश शर्मा कानपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. इसके साथ ही लोक निर्माण मंत्री और एमएलसी जितिन प्रसाद को धौरहरा से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया जा सकता है.
राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से इस फार्मूले पर चलती रही है. इसका काफी फायदा भी पार्टी को मिलता रहा है. निश्चित तौर पर 2024 में भी इसी पैटर्न पर पार्टी चलेगी. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने बताया कि भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है. जिसमें टिकट के इच्छुक कार्यकर्ता अगर सक्षम होते हैं तो उनको टिकट दिया जाता है.
यह भी पढ़ें-शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती बोले, कलियुग के कालनेमी हैं स्वामी प्रसाद मौर्य