लखनऊ: हीट वेव और गर्मी से होने वाली बीमारियों का सरकारी अस्पतालों में इलाज की पुख्ता व्यवस्था है. डॉक्टर की सलाह, जांच से लेकर दवा तक मुफ्त मुहैया कराई जा रही है. डॉक्टर लक्षण और जांच कर बीमारियों की पहचान करें. इसमें किसी भी तरह की कोताही न बरती जाये. लक्षण महसूस होने पर रोगी तुरंत सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में पहुंचे. लखनऊ में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak in Lucknow) ने रविवार को प्रदेश के सभी जिलों के सीएमओ और सीएमएस को हीट वेव को लेकर निर्देश दिये.
हीट वेव और गर्मी पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak on heat wave and summer) ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जांचें 24 घंटे हो रही हैं. इमरजेंसी का संचालन भी हो रहा है. मरीजों को सभी दवायें सरकारी अस्पताल में मुफ्त मुहैया कराई जा रही हैं. डॉक्टर मरीजों को अस्पताल की ही दवायें लिखें ताकि मरीजों को दवा के लिए भटकना न पड़े. अस्पताल के अधिकारी दवाओं का स्टॉक मैनटेन कर लें. ग्लूकोज, बुखार, पेट दर्द, एंटीबायोटिक, ओरआरएस घोल के पैकेट समेत दूसरी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक जुटा लें.
डिप्टी सीएम खुद कर रहे मॉनीटरिंग: हीट वेव समेत गर्मी से होने वाली दूसरी बीमारियों के इलाज की व्यवस्था की मैं खुद मॉनीटरिंग कर रहा हूं. सभी अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है. अधिकारी अस्पतालों में जाकर व्यवस्थाये देखें. वहीं सीएमएस व अधीक्षक सुबह शाम वार्डों का राउंड लें.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि गर्मी से होने वाली बीमारियों के मरीजों का ब्यौरा उपलब्ध करायें. वार्डों में पंखा, कूलर, एसी, ठंडे पानी के लिए वॉटर कूलर को रोज देखें. गड़बड़ी होने पर तुरंत दुरुस्त करायें. बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था भी रखें. रोगी कल्याण समिति के बजट का इन कामों में इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें किसी भी तरह की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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