लखनऊ : डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के विशिष्ट स्टेडियम में शुक्रवार को 5वीं राष्ट्रीय पैरा बैडमिन्टन चैंपियनशिप 2023 की शुरूआत हो गई. चैंपियनशिप का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया. इस अवसर पर पैरा ओलिंपिक एसोसिएशन द्वारा निर्मित वृत्त-चित्र का भी प्रदर्शन किया गया. मुख्य अतिथि और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए लखनऊ की सरजमीन पर स्थित इस पुनर्वास विश्वविद्यालय को चुनने के लिए आयोजकों को बधाई दी. उन्होंने देश भर से आए खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के खिलाड़ियों को बढ़ाने के लिए खेल की सुविधाओं को बढ़ाया है.
अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है विशिष्ट स्टेडियम : विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में आगे बढ़कर दिव्यांगजनों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय अवसर दिए जाने के लिए हमारा विश्वविद्यालय संकलपबद्ध है. विश्वविद्यालय के परिसर में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बाधारहित विशिष्ट स्टेडियम की स्थापना की गई है. जिसमें पैरा बैडमिंटन, दृष्टिबाधित क्रिकेट, वाॅलीबाल, एथलेटिक्स एवं जिम की सुविधाएं हैं. कुलसचिव रोहित सिंह ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. कौशिकी सिंह ने गया. आयोजन में देश भर से आए पैरा ओलिंपिक खिलाड़ी, दर्शकों के साथ विश्वविद्यालय के प्रो. हिमाशु शेखर झा, प्रो. वीके सिंह, क्रीड़ा एंव योग प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. पी. राजीव नयन, प्रो. अश्विनी दुबे, कुलानुशासक प्रो. शेफाली यादव के साथ ही विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक, अधिकारीगण, कर्मचारीगण एवं विद्यार्थी मौजूद रहे.
पैरा ओलम्पिक को मान्यता : इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल ने डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रयासों को याद किया. साथ ही कुलपति के द्वारा विश्वविद्यालय में किए गए कार्यों की सराहना की. उन्होंने विश्वविद्यालय में हो रही नेशनल पैरा बैडमिंटन चैम्पियनशिप के लिए कहा कि इससे विभिन्न प्रदेशों से आए खिलाड़ियों को इस विश्वविद्यालय और खेल सुविधाओं की जानकारी होगी. उन्होंने बताया कि सरकार ने पैरा ओलम्पिक को भी मान्यता देने का निर्णय लिया है. इससे पैरा ओलम्पिक के खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया जाएगा. खेल स्वास्थ्य और व्यक्तित्व विकास के लिए जरूरी है. यह खिलाड़ियों के समावेशी विकास के लिए जरूरी है. इससे विश्वविद्यालय के अन्य दिव्यांग खिलाड़ियों की प्रतिभा को उभारने और निखारने का मौका मिलेगा.
यूपी के खिलाड़ियों की सेहत का ख्याल रखेंगे हेल्थ एटीएम, पीजीआई में दर्ज होगा डेटा : उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सभी 75 जिलों में राजकीय स्टेडियमों में हेल्थ एटीएम की व्यवस्था होगी. जिनके जरिए खिलाड़ी अपनी सेहत की जांच खुद कर सकेंगे. ये हेल्थ एटीएम सीधे संजय गांधी पीजीआई लखनऊ से जुड़ेंगे. अपर मुख्य सचिव, खेल एवं युवा कल्याण डॉ. नवनीत सहगल ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तैयारी कराने के लिए हेल्दी डाइट के साथ-साथ शारीरिक रूप से उनकी क्षमता में वृद्धि के लिए समय-समय पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाना आवश्यक है. खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. डॉ. नवनीत सहगल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि हेल्थ एटीएम लगने से खिलाड़ियों की 50 से ज्यादा पैरामीटर की जांच हो सकेगी. इसमें ब्लड प्रेशर, ग्लूकोज, शरीर का तापमान, ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल, बॉडी वॉटर, फैट, बोन मास इंडेक्स, फैट फ्री वेट, बॉडी प्रोटीन आदि का टेस्ट करवा करते हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में खेल एवं खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है.