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डॉक्टरों को किया अलर्ट, संचारी रोग से निपटने की यह है तैयारी - अयोध्या से दस्तक अभियान

एक साल में तीन बार दस्तक अभियान चलाए जाते हैं. अक्टूबर महीने का दस्तक अभियान का उद्घाटन अयोध्या से डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (Deputy CM and Health Minister Brijesh Pathak) ने किया है. साल 2021 की तुलना में इस बार संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या चार गुना कम है.

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Published : Oct 11, 2022, 5:10 PM IST

लखनऊ : एक साल में तीन बार दस्तक अभियान चलाए जाते हैं. अक्टूबर महीने का दस्तक अभियान का उद्घाटन अयोध्या से डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (Deputy CM and Health Minister Brijesh Pathak) ने किया है. साल 2021 की तुलना में इस बार संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या चार गुना कम है. इस बार डेंगू से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी की जा रही थी. घर-घर आशा बहुएं जाकर जनता को जागरूक कर रही हैं.



संचारी रोग विभाग के निदेशक डॉ. एके सिंह ने बताया कि इस समय लगातार तेजी से संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ रही है. वहीं अगर हम पिछले साल की बात करें तो अक्टूबर माह में करीब 2800 से अधिक मरीज डेंगू, बुखार, मलेरिया और टाइफाइड से पीड़ित थे. इस बार हमारी रणनीति काम आई है. हमने छह माह पहले से ही पूरी तैयारी की है, ताकि इस बार डेंगू से किसी मरीज की मौत न हो. हर साल शहर के फैजुल्लागंज क्षेत्र में डेंगू के मरीज भारी संख्या में मिलते थे, जिसके कारण वहां पर मजबूरी में लोग पलायन करने को मजबूर होते थे. अस्पतालों में पूरी तैयारी की गई, डॉक्टर को अलर्ट किया गया. जुलाई में जो दस्तक अभियान चला था, उसी समय से पूरी सतर्कता बरतने के लिए कर्मचारियों से कहा गया था कि वह घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करें.

जानकारी देते संचारी रोग विभाग के निदेशक डॉ. एके सिंह

उन्होंने कहा कि इस बार हमारी तैयारी इतनी अच्छी थी कि अक्टूबर माह में सिर्फ 278 मरीज आए हैं, जबकि इसमें से एक्टिव केस की बात करें तो 100 से भी कम है. वहीं, पिछले साल 2021 अक्टूबर में मरीजों की संख्या 2800 थी. अक्टूबर माह में चल रहे दस्तक अभियान में हमारी आशा बहुएं पूरा योगदान दे रही हैं. वह घर-घर जाकर चिन्हित कर रही हैं कि कहां पर मच्छर का लार्वा पनप रहा है. साथ ही लोगों को भी जागरूक कर रही हैं. इसके अलावा लोगों को यह बताया जा रहा है कि बरसात के मौसम में कहीं भी पानी जमा होने न दें. कूलर में जूना से सफाई करें ताकि कहीं भी मच्छर का लार्वा न पनपने.

इस दौरान उन्होंने बताया कि दरअसल डेंगू व मलेरिया के जो मच्छर होते हैं वह साफ पानी में अंडा देते हैं. अगर पिछले साल का रखा हुआ कोई कूलर है और उसमें साफ पानी भी है तो भी वह अंडे फिर से एक्टिव हो जाएंगे. इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर टीम पहुंची है. रैपिड रिस्पांस टीम की मदद से घर-घर चिकित्सा सुविधा पहुंची. साथ ही घर के आस-पास जितनी भी झाड़ियां हैं उन्हें कटवाने के लिए कहा गया, जहां पर मच्छर घर बसते हैं.


यह भी पढ़ें : लखनऊ में रॉड मारकर महिला की हत्या, आरोपी फरार

स्टाफ की छुट्टी रद्द : शहर में डेंगू व स्वाइन फ्लू समेत अन्य संक्रामक बीमारियों के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता को बढ़ा दिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर व कर्मचारियों के अवकाश को निरस्त कर दिया गया है. केवल इमरजेंसी की स्थिति में अवकाश दिया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगले 15 दिन डेंगू के लिहाज से बेहद अहम हैं. इसे लेकर सभी के अवकाश निरस्त किए गए हैं. राजधानी में हर रोज करीब 30 से अधिक डेंगू मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर स्वाइन फ्लू के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. इन पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है. ऐसे में मलेरिया यूनिट व सीएमओ के अधीन कर्मचारियों की ड्यूटी तय की गई है. सीएमओ डॉ. मनोज के मुताबिक, सभी के अवकाश निरस्त किए गए हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी में बारिश के बाद मची तबाही में 4 की मौत, 10 घायल

लखनऊ : एक साल में तीन बार दस्तक अभियान चलाए जाते हैं. अक्टूबर महीने का दस्तक अभियान का उद्घाटन अयोध्या से डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (Deputy CM and Health Minister Brijesh Pathak) ने किया है. साल 2021 की तुलना में इस बार संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या चार गुना कम है. इस बार डेंगू से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी की जा रही थी. घर-घर आशा बहुएं जाकर जनता को जागरूक कर रही हैं.



संचारी रोग विभाग के निदेशक डॉ. एके सिंह ने बताया कि इस समय लगातार तेजी से संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ रही है. वहीं अगर हम पिछले साल की बात करें तो अक्टूबर माह में करीब 2800 से अधिक मरीज डेंगू, बुखार, मलेरिया और टाइफाइड से पीड़ित थे. इस बार हमारी रणनीति काम आई है. हमने छह माह पहले से ही पूरी तैयारी की है, ताकि इस बार डेंगू से किसी मरीज की मौत न हो. हर साल शहर के फैजुल्लागंज क्षेत्र में डेंगू के मरीज भारी संख्या में मिलते थे, जिसके कारण वहां पर मजबूरी में लोग पलायन करने को मजबूर होते थे. अस्पतालों में पूरी तैयारी की गई, डॉक्टर को अलर्ट किया गया. जुलाई में जो दस्तक अभियान चला था, उसी समय से पूरी सतर्कता बरतने के लिए कर्मचारियों से कहा गया था कि वह घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करें.

जानकारी देते संचारी रोग विभाग के निदेशक डॉ. एके सिंह

उन्होंने कहा कि इस बार हमारी तैयारी इतनी अच्छी थी कि अक्टूबर माह में सिर्फ 278 मरीज आए हैं, जबकि इसमें से एक्टिव केस की बात करें तो 100 से भी कम है. वहीं, पिछले साल 2021 अक्टूबर में मरीजों की संख्या 2800 थी. अक्टूबर माह में चल रहे दस्तक अभियान में हमारी आशा बहुएं पूरा योगदान दे रही हैं. वह घर-घर जाकर चिन्हित कर रही हैं कि कहां पर मच्छर का लार्वा पनप रहा है. साथ ही लोगों को भी जागरूक कर रही हैं. इसके अलावा लोगों को यह बताया जा रहा है कि बरसात के मौसम में कहीं भी पानी जमा होने न दें. कूलर में जूना से सफाई करें ताकि कहीं भी मच्छर का लार्वा न पनपने.

इस दौरान उन्होंने बताया कि दरअसल डेंगू व मलेरिया के जो मच्छर होते हैं वह साफ पानी में अंडा देते हैं. अगर पिछले साल का रखा हुआ कोई कूलर है और उसमें साफ पानी भी है तो भी वह अंडे फिर से एक्टिव हो जाएंगे. इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर टीम पहुंची है. रैपिड रिस्पांस टीम की मदद से घर-घर चिकित्सा सुविधा पहुंची. साथ ही घर के आस-पास जितनी भी झाड़ियां हैं उन्हें कटवाने के लिए कहा गया, जहां पर मच्छर घर बसते हैं.


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स्टाफ की छुट्टी रद्द : शहर में डेंगू व स्वाइन फ्लू समेत अन्य संक्रामक बीमारियों के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता को बढ़ा दिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर व कर्मचारियों के अवकाश को निरस्त कर दिया गया है. केवल इमरजेंसी की स्थिति में अवकाश दिया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगले 15 दिन डेंगू के लिहाज से बेहद अहम हैं. इसे लेकर सभी के अवकाश निरस्त किए गए हैं. राजधानी में हर रोज करीब 30 से अधिक डेंगू मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर स्वाइन फ्लू के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. इन पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है. ऐसे में मलेरिया यूनिट व सीएमओ के अधीन कर्मचारियों की ड्यूटी तय की गई है. सीएमओ डॉ. मनोज के मुताबिक, सभी के अवकाश निरस्त किए गए हैं.

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