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नैक ग्रेडिंग सुधारने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय की राह पर चलेगा केजीएमयू, कुलपति ने दिए टिप्स

केजीएमयू के पैथोलाॅजी विभाग (Department of Pathology of KGMU) ने 110वां स्थापना दिवस मनाया. इस दौरान लविवि के कुलपति आलोक कुमार ने केजीएमयू अधिकारियों को ग्रेडिंग सुधारने के टिप्स दिए.

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Published : Jan 10, 2023, 12:06 PM IST

लखनऊ : केजीएमयू के पैथोलॉजी विभाग (Department of Pathology of KGMU) ने सोमवार को अपना पहला स्किल शेयर सीएमई के साथ अपना 110वां स्थापना दिवस मनाया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन पुरी रहे. उन्होंने स्थापना दिवस के मौके पर पैथोलॉजी विभाग को शुभकामनाएं एवं बधाई दीं.

इस कार्यक्रम में देश-विदेश के गणमान्य वक्ताओं ने भाग लिया. इजराइल लाहे हेल्थ विनचेस्टर अस्पताल, लेक्सिनटन एमए से डॉ. सुमिता गोखले, टीएमएच, मुंबई से डॉ. सुमीत गुजराल और सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली से डॉ. ममता कंकरा के साथ उपस्थित थे. इन प्रख्यात वक्ताओं ने गैर-हॉजकिन लिंफोमा, स्तन कैंसर में हाल की प्रगति और पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं में मान्यता के महत्व पर चर्चा की. कार्यक्रम से कई पूर्व शिक्षक, छात्र और निजी चिकित्सक लाभान्वित हुए. पैथोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. यूएस सिंह ने विभाग के हालिया विकास और उपलब्धियों के बारे में बात की. जूनियर रेजिडेंट्स को विभाग में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया. नैक ग्रेडिंग सुधारने के लिए केजीएमयू अब लखनऊ विश्वविद्यालय की राह पर चलेगा. सोमवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आलोक कुमार केजीएमयू में आए. बैठक में कुलपति डॉ. आलोक कुमार ने केजीएमयू अधिकारियों को ग्रेडिंग सुधारने की टिप्स दी.


केजीएमयू में दो, तीन और चार फरवरी को नेशनल एसेस्मेंट एंड एक्रेडिएशन काउंसिल (नैक) की टीम निरीक्षण के लिए आ रही है. अभी केजीएमयू के पास नैक का ए ग्रेड है. इसमें सुधार की दिशा में केजीएमयू के अधिकारी जुटे हैं. साफ-सफाई से लेकर मशीनों को दुरुस्त किया जा रहा है. परिसर में उपलब्ध संसाधनों को नैक मानकों पर कसा जा रहा है. नैक ग्रेडिंग सुधारने की दशा में केजीएमयू कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहा है. लविवि कुलपति डॉ. आलोक कुमार ने केजीएमयू में अफसरों के साथ बैठक की. लविवि ने हाल ही में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल की है. डॉ. आलोक कुमार ने लाइब्रेरी को और बेहतर बनाने की सलाह दी. लविवि ने सीमित संसाधन, कम बजट, शिक्षकों की कम संख्या के बावजूद सरकारी विश्वविद्यालय को ए प्लस प्लस की ग्रेड दिलाई है. दूसरी तरफ केजीएमयू में संसाधन पर्याप्त हैं.

यह भी पढ़ें : KGMU ने दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए उठाया बड़ा कदम, फार्मासिस्ट इन तीन बातों का रखेंगे ध्यान

लखनऊ : केजीएमयू के पैथोलॉजी विभाग (Department of Pathology of KGMU) ने सोमवार को अपना पहला स्किल शेयर सीएमई के साथ अपना 110वां स्थापना दिवस मनाया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन पुरी रहे. उन्होंने स्थापना दिवस के मौके पर पैथोलॉजी विभाग को शुभकामनाएं एवं बधाई दीं.

इस कार्यक्रम में देश-विदेश के गणमान्य वक्ताओं ने भाग लिया. इजराइल लाहे हेल्थ विनचेस्टर अस्पताल, लेक्सिनटन एमए से डॉ. सुमिता गोखले, टीएमएच, मुंबई से डॉ. सुमीत गुजराल और सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली से डॉ. ममता कंकरा के साथ उपस्थित थे. इन प्रख्यात वक्ताओं ने गैर-हॉजकिन लिंफोमा, स्तन कैंसर में हाल की प्रगति और पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं में मान्यता के महत्व पर चर्चा की. कार्यक्रम से कई पूर्व शिक्षक, छात्र और निजी चिकित्सक लाभान्वित हुए. पैथोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. यूएस सिंह ने विभाग के हालिया विकास और उपलब्धियों के बारे में बात की. जूनियर रेजिडेंट्स को विभाग में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया. नैक ग्रेडिंग सुधारने के लिए केजीएमयू अब लखनऊ विश्वविद्यालय की राह पर चलेगा. सोमवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आलोक कुमार केजीएमयू में आए. बैठक में कुलपति डॉ. आलोक कुमार ने केजीएमयू अधिकारियों को ग्रेडिंग सुधारने की टिप्स दी.


केजीएमयू में दो, तीन और चार फरवरी को नेशनल एसेस्मेंट एंड एक्रेडिएशन काउंसिल (नैक) की टीम निरीक्षण के लिए आ रही है. अभी केजीएमयू के पास नैक का ए ग्रेड है. इसमें सुधार की दिशा में केजीएमयू के अधिकारी जुटे हैं. साफ-सफाई से लेकर मशीनों को दुरुस्त किया जा रहा है. परिसर में उपलब्ध संसाधनों को नैक मानकों पर कसा जा रहा है. नैक ग्रेडिंग सुधारने की दशा में केजीएमयू कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहा है. लविवि कुलपति डॉ. आलोक कुमार ने केजीएमयू में अफसरों के साथ बैठक की. लविवि ने हाल ही में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल की है. डॉ. आलोक कुमार ने लाइब्रेरी को और बेहतर बनाने की सलाह दी. लविवि ने सीमित संसाधन, कम बजट, शिक्षकों की कम संख्या के बावजूद सरकारी विश्वविद्यालय को ए प्लस प्लस की ग्रेड दिलाई है. दूसरी तरफ केजीएमयू में संसाधन पर्याप्त हैं.

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