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डेंगू मरीजों को नहीं मिल रहा अस्पताल में बेड, ये है स्थिति - युवक की मौत

प्रदेश में डेंगू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. इस समय आलम यह है कि इमरजेंसी में भी लगातार मरीज पहुंच रहे हैं. इमरजेंसी के सभी बेड फुल हैं. ऐसे में जो मरीज भर्ती होने के लिए आ रहे हैं, उन्हें बेड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं कुछ मरीज ऐसे हैं जो मजबूरी में निजी अस्पताल का रुख कर रहे हैं.

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Published : Nov 14, 2022, 8:32 AM IST

Updated : Nov 14, 2022, 10:21 AM IST

लखनऊ : प्रदेश में डेंगू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. इस समय आलम यह है कि इमरजेंसी में भी लगातार मरीज पहुंच रहे हैं. इमरजेंसी के सभी बेड फुल हैं. ऐसे में जो मरीज भर्ती होने के लिए आ रहे हैं, उन्हें बेड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं कुछ मरीज ऐसे हैं जो मजबूरी में निजी अस्पताल का रुख कर रहे हैं. सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में सुबह से लगातार डेंगू मरीजों का आना लगा रहा. बेड न मिलने के कारण स्ट्रेचर पर ही मरीजों को प्राथमिक इलाज दिया जा रहा है.

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक का दावा है कि सभी सरकारी अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा सुविधा और बेडों की उपलब्धता पर्याप्त है. हालांकि ईटीवी भारत की टीम ने जब हजरतगंज के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल की ओपीडी से ग्राउंड रिपोर्ट की तो पता चला कि घंटों मरीजों को भर्ती होने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं जिन मरीजों की हालत गंभीर है उन्हें निजी अस्पताल का रुख करना पड़ रहा है. मरीजों की संख्या बढ़ने से डॉक्टरों को स्ट्रेक्चर और व्हील चेयर पर ही इलाज करना पड़ रहा है. बता दें रोजाना लखनऊ में 40 से अधिक डेंगू के मरीज आ रहे हैं. वहीं अगर हम अस्पताल की बात करें तो वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है. डॉक्टरों का कहना है कि 90 फ़ीसदी लोग इस समय वायरल बुखार से पीड़ित हैं.

बातचीत करतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में आशियाना निवासी संतोष पांडे की पत्नी भर्ती हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान संतोष पांडे ने बताया कि पत्नी को शनिवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया था. दो बार बेडशीट चेंज करने के लिए कहा गया, लेकिन कोई कर्मचारी बेड शीट चेंज करने के लिए नहीं आया. मजबूरी में मरीज को यहां रुकना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि वह भी वायरल बुखार से पीड़ित हैं. कोशिश कर रहे हैं कि किसी अन्य अस्पताल में ले जाकर दोनों लोग भर्ती होंगे.



आशियाना के रहने तीमारदार मानव बताते हैं कि उनकी पत्नी सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती हैं. पिछले कुछ दिनों से उन्हें काफी तेज बुखार था, जिसके बाद जांच कराई तो पता चला कि डेंगू पॉजिटिव हैं. प्लेटलेट्स कम होने के कारण घर पर पत्नी की स्थिति और ज्यादा गंभीर हो गई. जिसके बाद शनिवार को सिविल अस्पताल में पत्नी को भर्ती कराया. मानव ने बताया कि यहां पर इमरजेंसी वार्ड में सभी डेंगू मरीज और वायरल बुखार से पीड़ित मरीज भर्ती हैं, बावजूद इसके यहां पर मच्छर इतने ज्यादा लग रहे हैं कि कुछ कहा नहीं जा सकता. मेरे मरीज के बेड के बगल में जो खिड़की है वह खिड़की बंद नहीं हो रही है. जिसके कारण खिड़की से मच्छर आ रहे हैं. स्टाफ से कई बार चादर बदलने को कहा लेकिन नहीं बदली.

वहीं एक और महिला मरीज रेखा वर्मा जो कि इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हैं. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वह शनिवार को ही सिविल अस्पताल में भर्ती हुई थीं. चादर इतनी ज्यादा गंदी है कि पैर से हमने हटा दिया. घर से हमने चादर मंगवाई है. मच्छर भी बहुत ज्यादा लग रहे हैं. रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई है.

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ आरपी सिंह ने कहा कि इस समय मरीजों की संख्या अस्पताल में बहुत ज्यादा है. जिसके कारण थोड़ी समस्याएं आ रही हैं. हालांकि कोशिश की जा रही है कि सभी मरीजों को समुचित इलाज मिले. इमरजेंसी में लगातार डेंगू के मरीज भर्ती होने के लिए आ रहे हैं. हमारे डॉक्टर और स्टाफ पूरी तरह से एक्टिव हैं. मरीजों को पूरा इलाज मिल रहा है.

रविवार को 36 डेंगू मरीज मिले : शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रविवार को 36 डेंगू मरीज पाए गए. इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के तहत चंदन नगर, इंदिरा नगर, अलीगंज, ऐशबाग, रेड क्रॉस, सिल्वर जुबली, एनके रोड, चिनहट, टूड़ियागंज, मलिहाबाद में केस पाए गए. स्वास्थ्य विभाग ने लगभग 2349 घरों एवं आस-पास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वे किया. कुल छह घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया. इसके अलावा नगर मलेरिया इकाई एवं जिला मलेरिया अधिकारी की टीमों ने जिले के विभिन्न स्थलों व भवनों का निरीक्षण किया, साथ ही लार्वा रोधी रसायन का छिड़काव किया.

इंजेक्शन लगने के बाद युवक की मौत, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप : रविवार को शहर के बलरामपुर अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया है. परिजनों ने बुखार से पीड़ित अमीनाबाद निवासी कृष्णा गुप्ता (15) की इंजेक्शन लगने के बाद मौत का आरोप लगाया है. अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने पुलिस से लिखित शिकायत भी की है. मृतक के बड़े भाई अजय गुप्ता ने बताया कि शनिवार को 10 बजे के करीब बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में छोटे भाई कृष्णा को दिखाने ले गए थे. इस बीच डॉक्टरों ने एसएसबी वार्ड में भर्ती करा दिया. वार्ड में जाने के बाद वहां कोई सुनने वाला ही नहीं था. रात में भाई के पैर में ज्यादा दर्द हो रहा था. मां ने इस बात की जानकारी ड्यूटी पर तैनात नर्स को दी. आरोप है कि रात 11:30 बजे सुधा राय नाम की नर्स और जयशंकर नाम के वार्ड बॉय आए और भाई को इंजेक्शन लगाया. इंजेक्शन लगते ही उसका शरीर काला पड़ गया. थोड़ी ही देर में उसकी पल्स बंद हो गई. करीब 12 बजे उसकी मौत हो गई.

निदेशक बलरामपुर रमेश गोयल ने बताया कि अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीपी गुप्ता को इस मामले में जानकारी दी गई है. उन्होंने कहा कि मरीज को गंभीर हालत में शनिवार रात अस्पताल लाया गया था. जिसके बाद उसको प्राथमिक इलाज दिया गया. डॉ. अजय यादव की ड्यूटी रात में थी. उन्होंने मरीज को भर्ती किया था. मरीज को पैरासिटामोल इंजेक्शन लगाया गया था. इस मामले में कमेटी बनाई गई है. जांच में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी.

यह भी पढ़ें : लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने झीलों की हालत देखकर ये कहा...

लखनऊ : प्रदेश में डेंगू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. इस समय आलम यह है कि इमरजेंसी में भी लगातार मरीज पहुंच रहे हैं. इमरजेंसी के सभी बेड फुल हैं. ऐसे में जो मरीज भर्ती होने के लिए आ रहे हैं, उन्हें बेड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं कुछ मरीज ऐसे हैं जो मजबूरी में निजी अस्पताल का रुख कर रहे हैं. सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में सुबह से लगातार डेंगू मरीजों का आना लगा रहा. बेड न मिलने के कारण स्ट्रेचर पर ही मरीजों को प्राथमिक इलाज दिया जा रहा है.

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक का दावा है कि सभी सरकारी अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा सुविधा और बेडों की उपलब्धता पर्याप्त है. हालांकि ईटीवी भारत की टीम ने जब हजरतगंज के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल की ओपीडी से ग्राउंड रिपोर्ट की तो पता चला कि घंटों मरीजों को भर्ती होने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं जिन मरीजों की हालत गंभीर है उन्हें निजी अस्पताल का रुख करना पड़ रहा है. मरीजों की संख्या बढ़ने से डॉक्टरों को स्ट्रेक्चर और व्हील चेयर पर ही इलाज करना पड़ रहा है. बता दें रोजाना लखनऊ में 40 से अधिक डेंगू के मरीज आ रहे हैं. वहीं अगर हम अस्पताल की बात करें तो वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है. डॉक्टरों का कहना है कि 90 फ़ीसदी लोग इस समय वायरल बुखार से पीड़ित हैं.

बातचीत करतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में आशियाना निवासी संतोष पांडे की पत्नी भर्ती हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान संतोष पांडे ने बताया कि पत्नी को शनिवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया था. दो बार बेडशीट चेंज करने के लिए कहा गया, लेकिन कोई कर्मचारी बेड शीट चेंज करने के लिए नहीं आया. मजबूरी में मरीज को यहां रुकना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि वह भी वायरल बुखार से पीड़ित हैं. कोशिश कर रहे हैं कि किसी अन्य अस्पताल में ले जाकर दोनों लोग भर्ती होंगे.



आशियाना के रहने तीमारदार मानव बताते हैं कि उनकी पत्नी सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती हैं. पिछले कुछ दिनों से उन्हें काफी तेज बुखार था, जिसके बाद जांच कराई तो पता चला कि डेंगू पॉजिटिव हैं. प्लेटलेट्स कम होने के कारण घर पर पत्नी की स्थिति और ज्यादा गंभीर हो गई. जिसके बाद शनिवार को सिविल अस्पताल में पत्नी को भर्ती कराया. मानव ने बताया कि यहां पर इमरजेंसी वार्ड में सभी डेंगू मरीज और वायरल बुखार से पीड़ित मरीज भर्ती हैं, बावजूद इसके यहां पर मच्छर इतने ज्यादा लग रहे हैं कि कुछ कहा नहीं जा सकता. मेरे मरीज के बेड के बगल में जो खिड़की है वह खिड़की बंद नहीं हो रही है. जिसके कारण खिड़की से मच्छर आ रहे हैं. स्टाफ से कई बार चादर बदलने को कहा लेकिन नहीं बदली.

वहीं एक और महिला मरीज रेखा वर्मा जो कि इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हैं. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वह शनिवार को ही सिविल अस्पताल में भर्ती हुई थीं. चादर इतनी ज्यादा गंदी है कि पैर से हमने हटा दिया. घर से हमने चादर मंगवाई है. मच्छर भी बहुत ज्यादा लग रहे हैं. रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई है.

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ आरपी सिंह ने कहा कि इस समय मरीजों की संख्या अस्पताल में बहुत ज्यादा है. जिसके कारण थोड़ी समस्याएं आ रही हैं. हालांकि कोशिश की जा रही है कि सभी मरीजों को समुचित इलाज मिले. इमरजेंसी में लगातार डेंगू के मरीज भर्ती होने के लिए आ रहे हैं. हमारे डॉक्टर और स्टाफ पूरी तरह से एक्टिव हैं. मरीजों को पूरा इलाज मिल रहा है.

रविवार को 36 डेंगू मरीज मिले : शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रविवार को 36 डेंगू मरीज पाए गए. इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के तहत चंदन नगर, इंदिरा नगर, अलीगंज, ऐशबाग, रेड क्रॉस, सिल्वर जुबली, एनके रोड, चिनहट, टूड़ियागंज, मलिहाबाद में केस पाए गए. स्वास्थ्य विभाग ने लगभग 2349 घरों एवं आस-पास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वे किया. कुल छह घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया. इसके अलावा नगर मलेरिया इकाई एवं जिला मलेरिया अधिकारी की टीमों ने जिले के विभिन्न स्थलों व भवनों का निरीक्षण किया, साथ ही लार्वा रोधी रसायन का छिड़काव किया.

इंजेक्शन लगने के बाद युवक की मौत, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप : रविवार को शहर के बलरामपुर अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया है. परिजनों ने बुखार से पीड़ित अमीनाबाद निवासी कृष्णा गुप्ता (15) की इंजेक्शन लगने के बाद मौत का आरोप लगाया है. अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने पुलिस से लिखित शिकायत भी की है. मृतक के बड़े भाई अजय गुप्ता ने बताया कि शनिवार को 10 बजे के करीब बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में छोटे भाई कृष्णा को दिखाने ले गए थे. इस बीच डॉक्टरों ने एसएसबी वार्ड में भर्ती करा दिया. वार्ड में जाने के बाद वहां कोई सुनने वाला ही नहीं था. रात में भाई के पैर में ज्यादा दर्द हो रहा था. मां ने इस बात की जानकारी ड्यूटी पर तैनात नर्स को दी. आरोप है कि रात 11:30 बजे सुधा राय नाम की नर्स और जयशंकर नाम के वार्ड बॉय आए और भाई को इंजेक्शन लगाया. इंजेक्शन लगते ही उसका शरीर काला पड़ गया. थोड़ी ही देर में उसकी पल्स बंद हो गई. करीब 12 बजे उसकी मौत हो गई.

निदेशक बलरामपुर रमेश गोयल ने बताया कि अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीपी गुप्ता को इस मामले में जानकारी दी गई है. उन्होंने कहा कि मरीज को गंभीर हालत में शनिवार रात अस्पताल लाया गया था. जिसके बाद उसको प्राथमिक इलाज दिया गया. डॉ. अजय यादव की ड्यूटी रात में थी. उन्होंने मरीज को भर्ती किया था. मरीज को पैरासिटामोल इंजेक्शन लगाया गया था. इस मामले में कमेटी बनाई गई है. जांच में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी.

यह भी पढ़ें : लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने झीलों की हालत देखकर ये कहा...

Last Updated : Nov 14, 2022, 10:21 AM IST
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