लखनऊ: डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में बीते 6 दिनों से चल रहा दिव्यांग छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन रविवार को उग्र हो गया. विश्वविद्यालय परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम से पहले छात्रों के प्रदर्शन ने जिला प्रशासन और पुलिस के हाथ-पांव फुला दिए. छात्र-छात्राएं अपनी मांगों को लेकर अटल ऑडिटोरियम तक पहुंचने का प्रयास कर रहे थे. मुख्यमंत्री के आते ही उन्होंने बैरिकेडिंग तोड़ डाली और अटल ऑडिटोरियम की ओर बढ़ने लगे. छात्र-छात्राओं का आरोप था कि उनकी मांगें नहीं सुनी जा रही है. वहीं विश्व दिव्यांग दिवस पर उन्हें अटल ऑडिटोरियम में जाने नहीं दिया जा रहा है. विश्वविद्यालय में विश्व दिव्यांग दिवस पर राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण में मुख्यमंत्री को पहुंचना था.
बैरिकेड तोड़ने पर ऑडिटोरियम को सील किया गया
मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय मुख्य गेट घेर लिया. लेकिन, मुख्यमंत्री दूसरे गेट से करीब 11 बजे सीधे अटल ऑडिटोरियम पहुंच गए. मुख्यमंत्री के विश्वविद्यालय पहुंचते ही प्रदर्शन कर रहे दिव्यांग छात्र उनसे मिलने के लिए अटल ऑडिटोयिरम की ओर बढ़ने लगे. पुलिस ने इस बीच बैरिकेडिंग कर रास्ता रोक रखा था. लेकिन, छात्रों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए बैरिकेडिंग तोड़ डाली और उसे गिराते हुए मैदान से होकर अटल ऑडिटोरियम जाने के लिए दौड़ लगाने लगे. उधर, सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों ने जब यह देखा तो उनके होश उड़ गए. उन्होंने अटल ऑडिटोरियम को पूरी तरह घेर लिया और उसे सील कर दिया.
नाराज छात्रों ने फाड़े बैनर व पोस्टर, तोड़ी होर्डिंग
अटल ऑडिटोरियम में चल रहे कार्यक्रम के बीच बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राएं नारेबाजी करते रहे. छात्रों ने बैनर व पोस्टर फाड़ दिये. वहां पर लगी होर्डिंग तक गिरा दी. कार्यक्रम समापन के बाद जैसे ही मुख्यमंत्री अटल ऑडिटोरियम से बाहर निकले तो छात्र-छात्राएं उनसे मिलने के लिए दौड़ पड़े. पुलिस कर्मियों ने उनका रास्ता रोक लिया. प्रशासनिक बिल्डिंग की ओर से मुख्यमंत्री का काफिला रवाना हो रहा था तो सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं कैंपस के बीच बीच से होते हुए गेट तक आने लगे. पुलिस ने रास्ता रोका तो उनकी पुलिस कर्मियों से जमकर झड़प हुई. किसी तरह पुलिस ने उन्हें रास्ते ही रोका और मुख्यमंत्री का काफिला रावाना हो गया.
हुई तीखीं तकरार, पुलिस कर्मी को घसीटा
मुख्यमंत्री के जाने के बाद भी छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन जारी रहा. छात्रों को हंगामा करते देख पुलिस कर्मियों को लाठियां लेकर हटाना पड़ा. इस बीच पुलिस कर्मियों ने हंगामा कर रहे कुछ छात्रों को थप्पड़ भी जड़े. छात्रों के एक गुट ने इस बीच एक पुलिस कर्मी को ही पकड़ कर खींच लिया और घसीटते हुए ले जाने लगे. तभी पुलिस कर्मियों के बीचबचाव के बाद उसे छुड़ाया गया. छात्रों की भीड़ इसके बाद भी बढ़ती जा रही थी, जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने बल प्रयोग कर छात्रों को वहां से खदेड़ा.
राज्यमंत्री ने की मुलाकात, दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री ने निकलने के बाद छात्र-छात्राओं की समस्या सुनने के लिए राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप को निर्देश दिए. जिसके बाद नरेंद्र कश्यप, प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा और कुलपति प्रो राणा कृष्ण पाल सिंह ने दिव्यांग छात्र-छात्राओं से बात की. बातचीत के दौरान एक दिव्यांग मौके पर बेहोश हो गया. जबकि पुलिस बल के प्रयोग से छात्रों ने अपनी लगी चोटें भी दिखाईं. अव्यवस्थाओं और परेशानियों के साथ छात्र-छात्राओं ने दो मुख्य मांगें रखीं, जिसमें कुछ दिन पहले हुई हाथापाई में मारपीट मामले में वीडियो साक्ष्य देने के बाद भी एफआईआर में विधि संकाय के छात्रों का नाम दर्ज नहीं कराया गया है. छात्रों ने मांग की कि उनके नाम के साथ एफआईआर हो और उन्हें निष्कासित किया जाए. दूसरी मांग रही कि उन्हें पढ़ाने के विश्वविद्यालय में सांकेतिक भाषा प्रशिक्षण मौजूद नहीं है. ऐसे में उन्हें जल्द से जल्द प्रशिक्षक उपलब्ध कराये जाएं.
मंत्री ने अलग-अलग की मुलाकात, मानी मांगें
राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप ने दृष्टिबाधित, मानसिक बंधित, श्रवणबाधित और चलन बाधित छात्र-छात्राओं से अलग-अलग मुलाकात कर समस्याएं सुनीं. छात्रों की 32 मांगों को लेकर मंत्री ने सभी मांगों को जल्द से जल्द पूरा कराने का आश्वासन दिया. साथ ही मांगों पर राज्यमंत्री और प्रमुख सचिव ने हस्ताक्षर किए. उन्होंने कई मांगों को पूरा करने का वादा किया. जबकि, दिव्यांग छात्र-छात्राओं को मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में कुलपति से रिपोर्ट भी मांगी है. छात्रों ने बताया कि पहले दिन दिव्यांग छात्रा पूजा गौड़ के साथ हुई मारपीट में ऑनलाइन एफआईआर में नाम दर्ज नहीं है. शनिवार देर रात पूजा की तरफ से एफआईआर दर्ज हुई, जिसमें छात्रों के नाम दिए गए हैं.
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