लखनऊः विवादों में रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी अब लेखक बन गए है. अपनी लिखी किताब पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब का विमोचन गाजियाबाद के डासना मंदिर में उन्होंने शुक्रवार को किया. किताब की लॉन्चिंग के बाद से ही विवाद गहरा गया है. शिया धर्मगुरु ने किताब पर बैन लगाने की मांग की है.
शुक्रवार को डासना मंदिर पहुंचकर वसीम रिजवी ने महंत यति नरसिंहा नंद सरस्वती के हाथों से किताब का विमोचन करवाया. महंत यति नरसिंहा नंद सरस्वती मुसलमानों और महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणी करने के चलते विवादों में रहे हैं. मुसलमानों के प्रवेश वर्जित होने वाले इस डासना मंदिर में वसीम रिजवी के कार्यक्रम से सोशल मीडिया पर भी एक बार फिर से बहस छिड़ गई है.
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शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष और शिया धर्मगुरु ने इस कृत्य पर वसीम रिजवी की जमकर निंदा की और सरकार से तत्काल इस किताब पर बैन लगाने की मांग की है. मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि देश में किसी भी धर्म पर अमर्यादित टिप्पणी करने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों पर कार्रवाई हो, जिससे इस पर रोक लग सके.
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